पायलट ने फिर साधा अपनी ही गहलोत सरकार पर निशाना, कहा जनता ने किसी एक व्यक्ति को नहीं चुना बल्कि पार्टी को चुना है

मंत्री विश्वेन्द्र सिंह की बात का पुरजोर तरीके से समर्थन करते हुए पायलट ने गहलोत को उनके कई बार दिए गए बयान कि, 'जनता ने इस बार पहले से ही मन बना लिया था कि मुख्यमंत्री तो अशोक गहलोत को ही बनाना है', का भी दिया जवाब

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने एक बार फिर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है. पायलट ने कहा कि राजस्थान की सात करोड़ जनता ने किसी एक व्यक्ति को नहीं चुना है, बल्कि जनता ने पार्टी को चुना है. बता दें, अफसरों से विवाद के कारण सुर्खियों में बने पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह की नाराजगी और गुरूवार को उनकी सचिन पायलट से हुई मुलाकात के बाद शुक्रवार को पायलट ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि इस पूरे मसले पर बहुत जल्द कोई ना कोई समाधान निकलेगा.

सचिन पायलट ने कहा कि सरकार चलाना और सरकार की परफॉरमेंस हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है. इसलिए यदि हमारी टीम में से किसी को कोई परेशानी या दिक्कत है तो उसका समय रहते निराकरण करना बहुत जरूरी है, क्योंकि जवाबदेही कांग्रेस सरकार की है. पायलट ने आगे कहा कि पब्लिक ने किसी एक व्यक्ति को नहीं चुना है बल्कि पब्लिक ने पार्टी को चुना है और पार्टी ने अपने नेता और मंत्री बनाए हैं. इसलिए 7 करोड़ राजस्थान के लोग चाहते है कि उन्हें एक अच्छी सरकार मिले.

इसके अलावा पीसीसी चीफ सचिन पायलट का यह बयान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उस बात का भी करारा जवाब है, जो सीएम गहलोत कई मौकों पर कहते हैं कि, “जनता ने इस बार पहले से ही मन बना लिया था कि अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाना है. प्रदेश की हर गली-मौहल्ले से एक ही आवाज थी कि इस बार गहलोत बने मुख्यमंत्री.” इस तरह सचिन पायलट ने मंत्री विश्वेन्द्र सिंह की बात का समर्थन करते हुए बातों-बातों में मुख्यमंत्री गहलोत को उनके इस बयान का जवाब भी दे दिया.

प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि जो काम पिछली भाजपा सरकार में नहीं हो पाए थे उनको हमने पूरा करने का वादा जनता से किया है. हमने कर्जमाफी की बात की है, हमने बेरोजगारों को भत्ता देने को कहा है, इसके अलावा अनेक ऐसी बातें है जो हमने घोषणा पत्र में कही थीं, हम उन पर काम कर रहे हैं. अगर कहीं कोई कमी होगी तो उसे ठीक किया जाएगा. यह हम सबकी सामुहिक जिम्मेदारी है. अगर टीम के किसी सदस्य को दिक्कत आती है तो उसका संज्ञान लेकर प्रदेश सरकार को तुरन्त कार्रवाई करनी चाहिए.

गौरतलब है कि राजस्थान सरकार में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह अपनी ही सरकार और अपने ही विभाग के अधिकारियों से विवाद के चलते इन दिनों सुर्खियों में है. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने गुरूवार को पीसीसी चीफ सचिन पायलट से भी मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने कहा था, मंत्री विश्वेंद्र सिंह को उनके विभाग में हुए टेंडर्स को लेकर कुछ आपत्तियां हैं. इस पर सरकार को संज्ञान लेकर अगर अनियमित्तांए पायी जाती हैं तो उन पर कार्रवाई करनी चाहिए. अगर कोई प्रशासनिक अधिकारी मंत्री के साथ समन्वय लेकर काम नहीं कर पा रहा है तो उस पर भी सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए.

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बता दें, मंत्री विश्वेंद्र सिंह की शिकायत है कि वे चार बार सांसद और दो बार विधायक रहे है. लेकिन फिर भी उन्हें कम महत्व वाला पर्यटन जैसा विभाग दिया गया. वहीं मात्र एक या दो बार चुनाव जीतने वाले विधायकों को महत्वपूर्ण विभाग का जिम्मा देते हुए कैबिनेट मंत्री तक बना दिया गया. विश्वेंद्र सिंह को अपने ही विभाग के अधिकारियों से टेंडर प्रक्रिया में गडबडी की भी शिकायत है जिसके चलते वो पिछले कई दिनों से अधिकारियों की बैठक भी नहीं ले रहे है. इन सभी मुददों को लेकर अपनी ही सरकार से नाराज विश्वेंद्र सिंह ने सचिन पायलट के साथ उनके जयपुर स्थित आवास पर गुरूवार को लंबी मुलाकात की थी. इस मुलाकात में विश्वेंद्र सिंह ने अपनी नाराजगी जताते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी तक मुद्दा पहुंचाने की बात भी पायलट से कही थी.

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