राजभवन पुस्तक विवाद बना कांग्रेस की सियासी कलह का नया शस्त्र! गहलोत विरोधियों को मिला मौका

राज्यपाल की बायोग्राफी पर विवाद ने खड़ा किया सियासी बवंडर, कांग्रेस के सियासी कलह का नया 'शस्त्र', गहलोत और जोशी की मौजूदगी में आरएसएस और बीजेपी के प्रशंसा के पुल बांधने वाली किताब हुआ विमोचन, गहलोत विरोधियों ने हाथों-हाथ आलाकमान तक पहुंचाई पूरी बात, अब आनन-फानन में की जा रही क्राइसिस मैनेजमेंट !

राज्यपाल की बायोग्राफी पर विवाद से खड़ा हुआ सियासी बवाल
राज्यपाल की बायोग्राफी पर विवाद से खड़ा हुआ सियासी बवाल

Politalks.News/Rajasthan. राज्यपाल कलराज मिश्र की जीवनी वाली किताब पर उठे विवाद से कांग्रेस की अंदरूनी सियासत गरमा गई है. इस पूर घटनाक्रम ने पायलट कैंप को गहलोत के खिलाफ एक हथियार दे दिया है. बीजेपी जॉइन करने की अपील और कांग्रेस के विरोध वाले मुद्दों की तारीफ वाली राज्यपाल कलराज मिश्र की जीवनी के विमोचन समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जाने का मुद्दा दिल्ली आलाकमान तक पहुंच गया है. सूत्रों की माने तो गहलोत विरोधियों ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन के अलावा सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तक भी यह मामला पहुंचाया है. कांग्रेस की आपसी खींचतान के माहौल में किताब विवाद ने नया मुद्दा दे दिया है.

1 जुलाई को राज्यपाल की जीवनी के विमोचन समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपना ‘सियासी क्वारेंटाइन’ तोड़कर शामिल हुए थे. कांग्रेस में एक धड़ा अब इसे मुद्दा बना रहा है कि पहले से पता होने के बावजूद मुख्यमंत्री विमोचन समारोह में गए. इस किताब पर उठे विवाद की चर्चा AICC तक भी है. एआईसीसी में इस पूरे विवाद के दस्तावेज और किताब का कंटेंट स्कैन करके पहुंचाया जा चुका है. इस पर दिल्ली से लेकर जयपुर तक खूब सियासत हो रही है.

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राज्यपाल कलराज मिश्र की बायोग्राफी का विमोचन करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ‘सियासी क्वारेंटाइन’ से बाहर आए. इसी किताब के पेज नंबर 116 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में बीजेपी से जुड़ने और जॉइन करने की अपील का फोटो प्रकाशित किया गया है. लिखा है कि आइए हम एक नए भारत के निर्माण के आंदोलन का समर्थन करें. पार्टी में शामिल हों और अपने हाथों को मजबूद करें. मिशन एक भारत श्रेष्ठ भारत, इसी पेज पर जीएसटी की विशेषता भी बताई गई है. जबकि कांग्रेस की ओेर से जीएसटी का विरोध किया जाता रहा है. पेज नंबर 17 पर आरएसएस के केशव बलराम हेडगेवार, गोलवलकर और रज्जू भैया के बारे में भी जिक्र है. खास यह है कि इस विमोचन समारोह में स्पीकर सीपी जोशी भी मौजूद रहे, उनके अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति भी शामिल हुए थे.

सीएम गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी हमेशा बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते रहे हैं. अब उस किताब के विमोचन में ये दोनों ही दिग्गज मौजूद थे. क्या वास्तव में इन दोनों को इस किताब के कंटेट में जानकारी नहीं थी?

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इसी बीच गहलोत सरकार के प्रमुख सिपहसालार और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का दिल्ली दौरा सियासी अटकलों को हवा दे रहा है. रघु शर्मा ने सोमवार को दिल्ली में प्रदेश प्रभारी अजय माकन, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, नेता मुकुल वासनिक और पवन बंसल से मुलाकात की. रघु शर्मा की दिल्ली में आनन-फानन में हुई परेड को इस विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है. क्योंकि रघु शर्मा ने वहां मौजूद मीडिया को अपने दिल्ली दौरे की वजह नहीं बताई. लेकिन ये माना जा रहा है कि रघु शर्मा ने पूरे घटनाक्रम को लेकर दिल्ली में ब्रीफ किया है

पूरे विवाद पर सीएम ने साधी चुप्पी
राज्यपाल की किताब पर उठे विवाद और इसके कंटेंट के बारे में सब कुछ पता होते हुए भी विमोचन करने पर कांग्रेस के नेता सवाल उठा रहे हैं. इस पूरे मुद्दे पर सीएम अशोक गहलोत ने अब तक चुप्पी साध रखी है. सीएम का कोई बयान या ट्वीट नहीं आया है. साथ ही विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की ओर से भी कोई बयान जारी नहीं किया गया है.

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कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का जानकारी से ही इंकार
राज्यपाल की किताब को लेकर कांग्रेस में गहलोत विरोधी जयपुर से लेकर दिल्ली तक मुद्दा बना रहे हैं. सियासी हलकों में जिस मुद्दे की सबसे ज्यादा गूंज है, उसके बारे में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ‘भोले मन से’ जानकारी से ही इंकार कर दिया है. गोविंद सिंह डोटासरा से जब राज्यपाल की किताब के विवाद और उसके विमोचन में मुख्यमंत्री की मौजूदगी के बारे में पूछा गया तो कहा- मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है. प्रदेशाध्यक्ष भले ही इस विवाद से किनारा कर रहे हों, लेकिन पार्टी के भीतर चल रही खींचतान में अब किताब विवाद भी जुड़ गया है.

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