PoliTalks.News. भारतीय सीमा में चीनी घुसपैठ को लेकर राहुल गांधी शुरु से ही बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं. उन्होंने अलग अलग वीडियो पोस्ट करते हुए सोशल मीडिया के जरिए और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए जमकर केंद्र सरकार पर इस संबंध में जुबानी तीर छोड़े. इस दौरान उनके उपर सेना का मनोबल गिराने और देश की जनता के बीच भ्रम फैलाने और बरगलाने के अनगिनत आरोप लगे लेकिन उन्होंने अपने हमले जारी रखे. अब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जो राहुल गांधी चीनी घुसपैठ पर सरकार को कई बार कोस चुके हैं, वो रक्षा मामलों की स्थायी समिति की बैठक तक में शामिल नहीं होते हैं.
नड्डा ने कहा कि दुख की बात है कि वह लगातार देश को हतोत्साहित कर रहे हैं और हमारी फौजों की वीरता पर सवाल उठा रहे हैं. ट्वीटर पर दो पोस्ट करते हुए नड्डा ने अपनी मन की बात रखी.
यह भी पढ़ें: राहुल गांधी ने लद्दाख मुद्दे पर फिर दी चेतावनी, कहा- लद्दाखियों को न सुनना पड़ेगा सरकार को महंगा
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर कहा, ‘राहुल गांधी एक गौरवशाली वंश परंपरा से जुड़े हैं, जहां समिति मायने नहीं रखती. कांग्रेस में कई योग्य सदस्य हैं जो संसदीय मामलों को समझते हैं लेकिन एक राजवंश ऐसे नेताओं को कभी बढ़ने नहीं देगा.’
Rahul Gandhi belongs to that glorious dynastic tradition where as far as defence is concerned, committees don’t matter, only commissions do.
Congress has many deserving members who understand parliamentary matters but one dynasty will never let such leaders grow. Really sad.— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) July 6, 2020
अपने अगले ट्वीट में नड्डा ने कांग्रेस नेता पर आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी रक्षा समिति के सदस्य होने के बाद भी एक भी बैठक में शामिल नहीं होते हैं जो निराशाजनक है. लेकिन दुख की बात है कि वह लगातार राष्ट्र का मनोबल गिरा रहे हैं, हमारे सशस्त्र बलों की वीरता पर सवाल उठाते हैं और वह सब कुछ करते हैं जो एक जिम्मेदार विपक्षी नेता को नहीं करना चाहिए.
Rahul Gandhi does not attend a single meeting of Standing Committee on Defence. But sadly, he continues to demoralise the nation, question the valour of our armed forces and do everything that a responsible opposition leader should not do.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) July 6, 2020
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सितंबर-2019 में रक्षा समिति का सदस्य मनोनीत किया गया था. इस समिति में राहुल गांधी सहित 21 लोकसभा सदस्य और 10 राज्यसभा सदस्य शामिल हैं. रक्षा समिति के अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम हैं. पिछले एक साल में तकरीबन एक दर्जन बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन राहुल गांधी किसी भी बैठक में शामिल नहीं हुए हैं.
यह भी पढ़ें: एक म्यान में दो तलवार या एक पार्टी में दो-दो टाइगर- कैसे पार लगेगी भाजपा की नैया, कांग्रेस मंद मंद रही मुस्कुरा
इस संबंध में रक्षा समिति के सदस्य और बीजेपी के राज्यसभा सांसद अशोक वाजपेयी ने बताया है कि रक्षा समिति में वरिष्ठ लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं. राहुल गांधी भी इस समिति के सदस्य हैं, लेकिन पिछले एक साल में हुई किसी भी बैठक में वो शामिल नहीं हुए हैं. इससे उनकी राष्ट्र की रक्षा को लेकर गंभीरता को समझा जा सकता है.
वाजपेयी ने ये भी कहा, ‘राहुल गांधी जिस तरह से सेना के मनोबल गिराने वाले बयानबाजी मीडिया में दे रहे हैं, यह देश के छवि को नुकसान पहुंचाने वाला है. उन्हें रक्षा मामले में अगर इतनी ही समझ है तो बेहतर होता कि वह रक्षा समिति की बैठक में शामिल होकर अपनी राय देते. रक्षा समिति में हर तरह की चर्चाएं होती हैं अगर वो शामिल होते तो उन्हें देश की रक्षा संबंधी जानकारी भी होती.’