“राहुल गांधी का अपमान लोकतंत्र का ‘गैंगरेप’, गांधी परिवार की कुर्बानी को ये क्या समझेंगे”- शिवसेना

एक अभिनेत्री का अवैध निर्माण तोड़ने पर चिल्लाने वाले दलित युवती के गैंगरेप-हत्या पर क्यों चुप हैं, योगी सरकार में ‘रामराज्य’ नहीं चल रहा है जंगलराज, खुद की सुरक्षा हटाई गई थी तो आंसू बहाने लगे थे योगी महाराज, पालघर में संतों की हत्या पर फूंका हिंदुत्व का शंखनाद अब ठंडा क्यों पड़ा, सुशांत केस पर चैनलों पर चिल्लाने वाले अब कहां हैं

Rahul Gandhi In Saamna
Rahul Gandhi In Saamna

Politalks.News/UP. हाथरस में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ गैंगरेप-हत्या-अंतिम संस्कार की घटना के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. इस मामले में अब शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में उत्तर प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला बोला है. सामना में लिखा है कि ये कैसा हिंदुत्व है कि जब एक अभिनेत्री का अवैध निर्माण तोड़ा जाता है तो उसकी जोरदार आलोचना की जाती है लेकिन जब एक लड़की के साथ गैंगरेप होता है, उसकी हत्या कर दी जाती है और रातों-रात हिन्दू परम्पराओं के विपरित उसका अंतिम संस्कार कर दिया जाता है तो चुप रहा जाता है.

राहुल गांधी का अपमान लोकतंत्र का ‘गैंगरेप’

योगी की पुलिस द्वारा राहुल गांधी के साथ किए गए दुर्व्यवहार पर सामना ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि पीड़ित लड़की के परिजनों से मिलने जा रहे राहुल गांधी को प्रशासन ने न सिर्फ रोका बल्कि उनका कॉलर पकड़कर उनसे धक्का-मुक्की करके जमीन पर गिरा दिया. देश के एक प्रमुख विरोधी दल के नेता के साथ ऐसा व्यवहार और उनका अपमान लोकतंत्र के ‘गैंगरेप’ होने जैसे लक्षण हैं.

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सामना में लिखा गया कि राहुल गांधी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष हैं, राहुल गांधी महान इंदिरा गांधी के पौत्र और जुझारू राजीव गांधी के सुपुत्र हैं. इंदिरा और राजीव गांधी देश की संप्रभुता के लिए शहीद हुए. लेकिन देश के लिए खून छोड़िए, पसीने की एक बूंद भी जिन्होंने नहीं बहाई, ऐसे सत्ताधीशों के आदेश पर राहुल गांधी पर हमला किया गया. ऐसे लोग गांधी परिवार की कुर्बानी को नहीं समझेंगे.

योगी सरकार में ‘रामराज्य’ नहीं चल रहा है जंगलराज

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में योगी सरकार पर आंख मूंदने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन प्रधानमंत्री मोदी के हाथों हुआ है, लेकिन उत्तर प्रदेश में ‘राम राज्य’ नहीं, बल्कि कानून और सुव्यवस्था के मामले में ‘जंगलराज’ है. महिलाओं पर अत्याचार, युवतियों के साथ बलात्कार के बाद हत्या करने की घटनाएँ योगी के राज्य में अपने चरम पर हैं.

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हाथरस में 19 वर्षीय युवती के साथ गैंगरेप की घटना में मृतका ने मरने से पहले अपने साथ बलात्कार की बात कही, लेकिन उत्तरप्रदेश की सरकार कहती है कि बलात्कार हुआ ही नहीं. इसके बाद बलरामपुर में भी सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया. लेकिन ना दिल्ली की आंख रोई और ना ही योगी सरकार की आँखें नम हुईं.

खुद की सुरक्षा हटाई गई थी तो आंसू बहाने लगे थे योगी महाराज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ पर करारा हमला करते हुए सामना में लिखा गया कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संन्यासी हैं, वह भगवा कपड़ा पहनकर घूमते हैं, प्रधानमंत्री मोदी तो फकीर हैं लेकिन पीएम मोदी को दुनिया की सर्वोच्च दर्जे की सुरक्षा प्राप्त है. योगी को भी बड़ी सुरक्षा मिली हुई है.

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सामना में आगे सीएम योगी पर तंज कसते हुए लिखा गया है कि अखिलेश सरकार ने एक बार योगी की सुरक्षा हटाई, तब संसद के सभागृह में यही योगी महाराज आंसू बहाने लगे थे. आज वही योगी मुख्यमंत्री हैं लेकिन अबलाएं और माताएं सुरक्षित नहीं हैं.

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बलात्कार की शिकार हुई अबला की लाश को पुलिस पेट्रोल डालकर जला रही है. यह नराधमी कृत्य हिंदुत्व की किस परंपरा के अंतर्गत आता है? लाश का अपमान नहीं किया जाना चाहिए, लाश का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार होने का अधिकार है.

पालघर में संतों की हत्या पर फूंका हिंदुत्व का शंखनाद अब ठंडा क्यों पड़ा

महाराष्ट्र के पालघर में दो संतों की हत्या का जिक्र करते हुए सामना मेम लिखा गया कि पालघर में दो साधुओं की भीड़ ने हत्या कर दी थी. तब पीड़ा से तड़पने वाले योगी का बयान हमने सुना है. पूरी भाजपा तब हिंदुत्व के नाम से शंख फूंक रही थी. तो फिर हाथरस और बलरामपुर प्रकरण में हिंदुत्व का शंखनाद ठंडा क्यों पड़ गया है?

सुशांत केस पर चैनलों पर चिल्लाने वाले अब कहां हैं

मुंबई में सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की या उसका खून हुआ, इस पर भाजपा प्रवक्ताओं ने चैनलों पर खूब चर्चा की, बीजेपी नेताओं सहित टीवी एंकर्स ने भी खूब चिल्लाए, लेकिन हाथरस में एक कन्या से बलात्कार हुआ ही नहीं, इसके लिए सब लोग अब अपना वाक कौशल दिखा रहे हैं. यह शर्मनाक है. पीड़िता ने कैमरे के सामने बताया कि बलात्कार हुआ है. मृत्यु पूर्व दिए गए उस बयान का कोई मतलब नहीं है क्या? उस लड़की की इज्जत की रक्षा नहीं की जा सकी और उसकी जान भी नहीं बचाई जा सकी. ऐसी उत्तरप्रदेश पुलिस ने हाथरस जाने के लिए निकले राहुल गांधी पर हमला कर दिया है. यह कानूनन सही नहीं है.

योगी सरकार की कार्रवाई

गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शुक्रवार को कड़ा रुख अख्तियार करते हुए एसआईटी की रिपोर्ट मिलने के बाद लापरवाही और ढिलाई बरतने के आरोप में पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर, तत्‍कालीन क्षेत्राधिकारी राम शब्‍द, तत्‍कालीन प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्‍ठ उपनिरीक्षक जगवीहर सिंह, हेड मुहर्रिर महेश पाल को निलंबित कर दिया गया है.

विनीत जायसवाल को हाथरस का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया है. इस मामले में सभी आरोपियों का नार्को परीक्षण कराने के निर्देश भी योगी सरकार ने दिए हैं, लेकिन हाथरस के डीएम और एसडीएम पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं किया जाना संदेह पैदा करता है.

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