मायावती के बयान पर प्रियंका गांधी ने कसा तंज तो पूनियां को लगी मिर्ची

बसपा सुप्रीमो ने कहा- गहलोत को सबक सिखाने का आ गया वक्त तो प्रियंका ने बताया मायावती को बता दिया बीजेपी का अघोषित प्रवक्ता, सियासी बयानबाजी में कूदते हुए सतीश पूनियां ने याद दिलाए गांधी परिवार का इतिहास, राहुल गांधी पर भी साधा निशाना

मायावती-प्रियंका-सतीश पूनियां
मायावती-प्रियंका-सतीश पूनियां

PoliTalks.news/Rajasthan. देश की राजनीति में बीते तीन हफ्तों से केवल राजस्थान छाया हुआ है. यहां कांग्रेस के भीतरी सियासी घमासान में बीजेपी हो या अन्य पार्टी, सभी अपनी अपनी सेंकने में लगे हैं. अब तो ऐसा नजर आ रहा है कि जैसे गहलोत अपने समर्थक विधायकों के साथ एक तरफ और दूसरी तरफ अन्य सभी दल और पायलट एक साथ हमला करने के लिए तैयार खड़े हैं. यानि कि पूरा विपक्ष अब एकजुट नजर आ रहा है. गठजोड़ की ऐसी ही बानगी दिखी जब मायावती ने बसपा के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जमकर खरी खोटी सुनाई. उन्होंने इस तरह की कृत्य को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि गहलोत को अब सबक सिखाने का वक्त आ गया है.

इस पर पलटवार करते हुए प्रियंका गांधी ने बसपा को बीजेपी को अघोषित प्रवक्ता बता दिया. यहां बीजेपी के राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनियां ने बीच में कूदते हुए कांग्रेस नेता को गांधी-नेहरू परिवार का इतिहास और कारनामे याद दिलाते हुए कहा कि उनकी भी नींद शायद राहुल गांधी की तरह देर से खुलती है.

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राजस्थान का सियासी घमासान जिस तरह अंगडाई ले रहा है, वैसा शायद ही देखने को मिला हो. गहलोत और पायलट की कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी लड़ाई सड़क पर क्या आई, परस्पर विरोधी भी मित्र बन गए. हनुमान बेनीवाल, किरोडीलाल मीणा, सतीश पूनियां, राजेंद्र राठौड़ समेत मायावती भी अब पायलट खेमे के पक्ष में बोलती दिख रही हैं. बसपा सुप्रीमो को अपने खोये हुए विधायकों की 10 महीने बाद अब जाकर याद आई और उन्होंने व्हीप जारी करते हुए सभी 6 बसपा विधायकों को कांग्रेस के विपक्ष में वोट डालने को कहा. ये तब होगा जब सीएम गहलोत विधानसभा में बहुमत साबित करने जाएंगे. गौर करने वाली बात तो ये हैं कि जिन विधायकों के लिए बसपा ने व्हीप जारी किया है, वे सभी 10 महीने पहले ही कांग्रेस की शपथ ग्रहण कर कांग्रेसी विधायक बन चुके हैं.

अब मायावती ने सियासी संकट के बीच सीएम गहलोत पर जमकर अपनी भड़ास निकाली. बसपा प्रमुख ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि गहलोत ने अपने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी बदनियत से BSP को राजस्थान में गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए हमारे 6 विधायकों को असंवैधानिक तरीक से कांग्रेस में विलय करने की गैर कानूनी कार्यवाही की है. यही गलत काम उन्होंने पिछले कार्यकाल में भी किया था.

पूर्व यूपी सीएम ने कांग्रेस के इस कार्य को संविधान की 10वी अनुसूची के खिलाफ बताते हुए कहा कि इसलिए ही BSP के द्वारा 6 विधायकों को व्हिप जारी कर निर्देशित किया गया है कि ये सदन में कांग्रेस के खिलाफ ही मत डालेंगे. मायावती ने कहा कि बसपा ने ये निर्णय कांग्रेस के द्वारा बार-बार धोखा दिए जाने के कारण ही लिया है. बसपा सुप्रीमो ने सीएम गहलोत को सबक सिखाने की बात बोलते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है जब गहलोत को सबक सिखाया जाएगा.

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इधर, मायावती के बयान पर प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाला और मायावती समेत बसपा को बीजेपी का अघोषित प्रवक्ता बताया. बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि बीजेपी के अघोषित प्रवक्ताओं ने भाजपा को मदद के लिए व्हिप जारी की है, लेकिन ये केवल व्हिप नहीं है बल्कि लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने वालों को क्लीन चिट है.

प्रियंका गांधी के इस पलटवार पर बीजेपी के राजस्थान अध्यक्ष सतीश पूनियां ने उनपर जोरदार हमला किया है. पहले शायराना अंदाज अपनाते हुए सतीश पूनियां ने लिखा, ‘वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती, हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम’. पूनियां ने कहा कि अपना घर संभालो प्रियंका जी, अपना झगड़ा हमारे माथे मत मढ़िये.

इससे पहले बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने प्रियंका पर तंज कसते हुए लिखा, ‘अपने भाई राहुल गांधी की तरह आपकी तन्द्रा भी देर से टूटी. जब इन्हीं प्रवक्ताओं के हाथी की सवारी करके जुगाड़ की सरकार बना रहे थे, तब तो आपने ट्वीट नहीं किया. लोकतंत्र और संविधान की हत्या के आरोप से पहले नाना और दादी का इतिहास भी पढ़ लेते मैडम.’

फिलहाल सतीश पूनियां के बयान पर मायावती या प्रियंका की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन प्रदेश कांग्रेस की अंर्तकलह की आग में सभी अपना फायदा जरूर खोजने में लग गए हैं. ले​किन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कोई कच्चे चावल नहीं हैं. उन्होंने भी घाट घाट का पानी पिया है. बहुमत अपनी जेब में रखकर बैठे सीएम गहलोत को केवल महामहीम कलराज​ मिश्र से ​विशेष सत्र की अनुमति का इंतजार है ताकि वे बहुमत के साथ अपना शक्ति प्रदर्शन भी सदन में कर देंगे. फिलहाल कांग्रेस ने गवर्नर को अपना तीसरा संशोधित प्रस्ताव भेजा है. अब देखना है कि राज्यपाल कलराज मिश्र क्या फैसला लेते हैं.

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