पॉलिटॉक्स ब्यूरो. प्रेस काउन्सिल ऑफ इंडिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. प्रेस काउन्सिल के सचिव ने पत्र में लिखा है कि, ‘काउन्सिल की जानकारी में आया है कि 16 दिसम्बर, 2019 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजस्थान के मुख्यमंत्री ने मीडिया में घबराहट पैदा कर देने वाला एक बयान दिया जिसमें उन्होंने कथित रूप से कहा था की, “विज्ञापन चाहते हो तो हमारी खबर दिखाओ“. इस प्रकार का बयान लोकतांत्रित मूल्यों के वितरीत है तथा मीडिया की विश्वसनीयता एवं स्वतंत्रता को प्रभावित करता है.
दरअसल, राजस्थान की कांग्रेस सरकार का एक साल पूरा होने पर गक्त 16 दिसम्बर को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया संस्थानों को ‘प्यार भरी चेतावनी‘ देते हुए पत्रकारों को बातों-बातों में कहा था कि, ‘विज्ञापन तो लेते हैं लेकिन खबर नहीं दिखाते, मीडिया संस्थान एक करोड़-दो करोड़ के विज्ञापन तो ले लेते हैं लेकिन सरकार की योजनाओं या देश हित में सावर्जनिक मंच से की गई बात का प्रचार-प्रसार नहीं करते हैं. उसके लिए मीडिया संस्थानों को फोन करके रिक्वेस्ट करनी पड़ती है’
चूंकि यह मामला प्रेस के कार्य संचालन से संबंधित है तथा विधान प्रेस काउन्सिल को प्रेस की स्वतंत्रता के संरक्षण का दायित्व सौंपा हुआ है, इसलिए प्रेस काउन्सिल के माननीय अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सीके प्रसा ने इस मामले को चिंताजनक मानते हुए प्रेस काउन्सिल रेग्यूलेशंस, 1979 के रैग्यूलेशन 13 के तहत मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राजस्थान के मुख्य सचिव को यह नोटिस भेजा गया है. सरकार की तरफ से प्राप्ति तिथि से दो सप्ताह के अंदर इस नोटिस का जवाब दिया जाना है जिससे प्रेस काउन्सिल इस मामले में आगे की कार्यवाही कर सके.