CBI ने अयोध्या (Ayodhya) का विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में कल्याण सिंह (Kalyan Singh) से पूछताछ की तैयारी शुरू कर दी है. CBI ने राजस्थान में राज्यपाल (Rajasthan Governor) पद पर कल्याण सिंह का कार्यकाल खत्म होते ही इस संबंध में सोमवार को विशेष सीबीआई अदालत में अर्जी लगा दी है. कल्याण सिंह (Kalyan Singh) राज्यपाल पद से हटने के बाद फिर से भाजपा में शामिल हो चुके हैं. उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को चुनौती दी है कि अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के मुद्दे पर उन्हें अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.
गौरतलब है कि 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी ढांचा ढहा दिया गया था. इसके बाद लालकृष्ण आडवाणी (LK Advani), कल्याण सिंह (Kalyan Singh), मुरली मनोहर जोशी (Murali Manohar Joshi), उमा भारती (Uma Bharti) सहित बड़े भाजपा नेता इस मामले में नामजद किए गए थे. कल्याण सिंह राजस्थान के राज्यपाल बनने के बाद सीबीआई की पूछताछ से बचे हुए थे, क्योंकि राज्यपाल एक संवैधानिक पद है. सीबीआई के सामने अब यह बाध्यता समाप्त हो गई है और कल्याण सिंह से पूछताछ का रास्ता खुल गया है.
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फिलहाल अयोध्या का विवाद अदालत में लंबित है और रोजाना इस मामले की सुनवाई चल रही है. इसके मद्देनजर CBI इस माह कभी भी कल्याण सिंह से पूछताछ कर सकती है. CBI की अदालत में सीबीआ की अर्जी पर 11 सितंबर को सुनवाई होगी. विवादित ढांचा ढहाए जाते समय कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री थे. कल्याण सिंह ने इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल का सीधा जवाब देने की बजाय कहा कि अयोध्या एक तीर्थ स्थल है और राम मंदिर का निर्माण करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ मामला है.
पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह ने कहा कि वह इस मुद्दे पर राजनीति करना नहीं चाहते लेकिन इस मुद्दे पर अन्य पार्टियों को भी जनता के सामने अपने विचार स्पष्ट करने चाहिए. उन्हें साफ तौर पर कहना चाहिए कि वे अयोध्या में राम मंदिर बनाने के पक्ष में हैं या नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वे अब चुनाव के मैदान में नहीं उतरेंगे. भविष्य में उनका कोई भी चुनाव लड़ने का विचार नहीं है.