निज़ामुद्दीन तब्लीगी जमात पर शुरु हुई राजनीति, आरोप-प्रत्यारोप के बीच आप ने उठाया दिल्ली पुलिस पर सवाल

आयोजन में 50 हजार से अधिक लोगों के शामिल होने का अंदेशा, मरकज का आरोप- लॉॅकडाउन में पुलिस को जानकारी देकर मांगे थे वाहन पास तो धार्मिक आयोजन की इजाजत न होने की बात कहकर दिल्ली पुलिस ने झाड़ा पल्ला, सीएम केजरीवाल ने दिए एफआईआर के आदेश

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पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. सूबे की निज़ामुद्दीन कॉलोनी में स्थिति निज़ामुद्दीन तब्लीगी जमात मरकज से जुड़े मामले पर अब राजनीति शुरु हो गई है. एक ओर जहां दिल्ली पुलिस ने धार्मिक आयोजन की इजाजत न होने के बावजूद इतनी भारी भीड़ के एक साथ जुटने पर आपत्ति जताई. वहीं मरकज ने अपनी सफाई देते हुए पुलिस की ओर से ध्यान न देने की बात कही. इसी बीच आम आदमी पार्टी के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली पुलिस पर ही सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि मैंने पुलिस को निज़ामुद्दीन मरकज में हजार लोगों के फंसे होने की जानकारी दे दी थी. इसके बाद भी पुलिस ने इन्हें वापस भेजने का इंतजाम क्यों नहीं किया?

बता दें, दिल्ली की निजामुद्दीन कॉलोनी स्थित तब्लीगी जमात के मरकज (इस्लामिक धार्मिक आयोजन केंद्र) से अब तक 1548 लोगों को निकाला जा चुका है. निकाले गए लोगों में से 441 लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण मिले हैं जिन्हें अस्पताल भेजा गया है वहीं 1107 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है. बता दें,14-15 मार्च के बाद पीएम मोदी की राष्ट्रीय हिदायत देने के बावजूद यहां मुस्लिम समुदाय से जुड़े देसी विदेशी लोगों का आना जाना लगा रहा. यहां आयोजित हुए आयोजन में शामिल होकर तेलंगाना पहुंचे 6 लोगों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई. जबकि तमिलनाडू के 64 वर्षीय बुजुर्ग की स्थानीय अस्पताल में मौत हो गई.

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जब पड़ताल की तब ये बात सामने आई. यहां 100 से अधिक विदेशियों के साथ 1500 से ज्यादा लोग मिले हैं जिन्हें मरकज में ही क्वारेंटाइन किया गया है. मरकज में हुए आयोजन में भाग लेने के लिए 19 राज्यों से लोग दिल्ली आए थे जिनमें तमिलनाडू से सबसे अधिक 501 लोगों के शामिल होने की खबर है. असम, यूपी, महाराष्ट्र, एमपी, बिहार और हैदराबाद से भी लोग यहां आए हुए थे जिनमें 281 विदेशी भी थे जो नेपाल, श्रीलंका, म्यामार सहित अन्य देशों से आए थे. बताया जा रहा है मरकज के आयोजन में 50 हजार से अधिक तादात में लोग शामिल हुए थे. कार्यक्रम में राजस्थान से भी कुछ लोग शामिल होने दिल्ली पहुंचे थे जिनमें से 8 को चूरू के सरदारशहर से आज आइसोटेल किया गया है. सीआईडी ने इन लोगों से जुड़ी सूचना दी थी.

अब इस मसले पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है. पुलिस कह रही है कि इस तरह के धार्मिक आयोजन की इजाजत नहीं थी. वहीं लगातार उठ रहे सवालों के बीच तब्लीगी जमात सफाई दे रहा है कि लोगों को ट्रेनों या फिर दूसरी जगह से बाहर जाना था लेकिन लॉकडाउन के चलते वह जा नहीं पाए. उन्हें निकालने के लिए वाहनों का इंतजाम किया गया था. दिल्ली पुलिस ने मरकज़ को नोटिस भी दिया था और इन वाहनों की लिस्ट दिल्ली पुलिस को दी गई थी, ताकि वाहन पास मिल पाएं लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया.

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अब इस संबंध में अब विधायक अमानतुल्लाह खान ने चुप्पी तोड़ी हैं और पुलिस की कार्यवाही पर सवालिया निशाल लगाया है. आप विधायक ने ट्वीट करते हुए कहा, ’23 मार्च को रात 12 बजे मैंने डीसीपी साउथ ईस्ट और एसीपी निजामुद्दीन को बता दिया था कि निज़ामुद्दीन मरकज़ में 1000 के आस पास लोग फंसे हुए हैं, फिर पुलिस ने इनको भेजने का इंतज़ाम क्यों नहीं किया.’

इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निज़ामुद्दीन मरकज़ मामले पर कहा कि 1548 लोगों को मरकज से निकाला जा चुका है. सभी धार्मिक स्थल बंद है, इसके बावजूद ऐसा आयोजन गैर जिम्मेदाराना है. निकाले गए लोगों में से 441 लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण मिले हैं जिन्हें अस्पताल भेजा गया है. 1107 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है. मरकज में 12-13 मार्च को विदेशों से भी लोग आए थे. गैर जिम्मेदाराना अफसरों को बक्शा नहीं जाएगा. दिल्ली सरकार ने एलजी से एफआईआर दर्ज करने को कहा है.

क्या है निज़ामुद्दीन तब्लीगी जमात मरकज़

तब्लीगी जमात की स्थापना को लेकर एक इतिहास है. दरअसल इसकी स्थापना 1926-27 में की गई थी. हुआ कुछ यूं कि मुगल काल में कई लोगों ने इस्लाम कबूल कर लिया था. मुगल काल के बाद जब अंग्रेजों की हुकूमत देश पर हुई तो आर्य समाज द्वारा फिर उन लोगों का शुद्धिकरण कर उन्हें हिन्दू धर्म में प्रवेश कराने की शुरूआत की गई. इसी के मद्देनज़र दूसरी तरफ मौलाना इलियास कांधलवी ने मुसलमानों के बीच इस्लाम की शिक्षा देने के लिए तबलीगी जमात की स्थापना की. उन्होंने निजामुद्दीन में स्थित मस्जिद में कुछ लोगों के साथ तबलीगी जमात का गठन किया. इसे मुसलमानों को अपने धर्म में बनाए रखना और इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार और इसकी जानकारी देने के लिए शुरू किया गया था.

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