सियासत: जम्मू कश्मीर के नेताओं के साथ PM मोदी की होने वाली बैठक पर टिकी सभी की निगाहें

कश्मीर से लेकर देश की राजधानी दिल्ली की फिजा बदली हुई है और सियासी गलियारों में गहमागहमी है, यह वाकई सियासत की 'महाबैठक' है, जिसकी 'धमक' पाकिस्तान में भी सुनाई दे रही है, क्योंकि मामला कश्मीर से जुड़ा हुआ है, पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद आज पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घाटी के नेताओं से करेंगे मुलाकात

जम्मू-कश्मीर में बढ़ी राजनीतिक 'हलचल'
जम्मू-कश्मीर में बढ़ी राजनीतिक 'हलचल'

Politalks.News/JammuKashmir. आज कश्मीर से लेकर देश की राजधानी दिल्ली की फिजा बदली हुई है और सियासी गलियारों में गहमागहमी है. पहली बार घाटी के एक साथ इतने नेताओं का जमावड़ा राजधानी दिल्ली में लगा हुआ है. सभी अपने-अपने ‘बुलंद इरादों और एजेंडे‘ के साथ आए हैं. यह वाकई सियासत की ‘महाबैठक‘ है, जिसकी ‘धमक‘ पाकिस्तान में भी सुनाई दे रही है, क्योंकि मामला कश्मीर से जुड़ा हुआ है. पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर बाद 3 बजे पहली बार घाटी के नेताओं के साथ राजधानी में सीधे तौर पर रूबरू हो रहे हैं.

370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक ‘हलचल‘ बढ़ी है. मोदी सरकार और घाटी के नेताओं के बीच होने जा रही बातचीत को लेकर तमाम देशों की नजरें लगी हुई हैं. सभी जानना चाहते हैं कि पीएम मोदी के कश्मीर को लेकर नया ‘एजेंडा‘ क्या है’ ? सही मायने में आज राजधानी दिल्ली में सियासत के दो छोर होंगे. एक छोर में जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के नेताओं के एजेंडे तो दूसरी ओर पीएम मोदी की टीम की ओर से घाटी को लेकर बनाया गया नया ‘प्लान‘ रहेगा, इस महाबैठक में दोनों ओर से अपने-अपने हितों को साधा जाएगा. कश्मीर के राजनीतिक दलों के नेताओं ने जितनी इस बातचीत के लिए तैयारी की है उतनी ही मोदी टीम ने भी पूरी रणनीति बना रखी है.

तो क्या जम्मू कश्मीर और उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव होंगे एक साथ? पीएम मोदी की अहम बैठक आज:

यहां हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आज जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ होने वाली सर्वदलीय बैठक का एजेंडा सार्वजनिक न किए जाने से स्पष्ट हो गया है कि वार्ता का दायरा ‘सीमित‘ नहीं होगा. सभी अपने ‘दिल‘ की बात खुलकर कह सकेंगे. बैठक में जम्मू-कश्मीर के ये नेता हो रहे हैं शामिल. इनमें चार पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा चार पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद, मुजफ्फर हुसैन बेग, डा. निर्मल सिंह और कवींद्र गुप्ता भी शामिल हैं. जम्मू कश्मीर के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना को भी बुलाया गया है. अन्य नेताओं में जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के चेयरमैन सैयद अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीए मीर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मा‌र्क्सवादी (माकपा) नेता मोहम्मद युसुफ तारीगामी और पैंथर्स पार्टी के भीम सिंह शामिल हो रहे हैं.

दूसरी ओर केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहेंगे. वहीं दूसरी ओर घाटी के नेताओंं को बातचीत के लिए दिल्ली बुलाकर केंद्र सरकार ने अलगाववादियों और उनके आका पाकिस्तान को संदेश दिया है कि कश्मीर पूरी तरह से भारत का आंतरिक मुद्दा है. इस बैैठक से इमरान सरकार ‘तिलमिलाई‘ हुई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जम्मू-कश्मीर के नेताओं के बीच होने वाली बैठक का एजेंडा फिलहाल ‘गुप्त‘ रखा गया है, लेकिन माना जा रहा है कि जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव को लेकर अहम फैसला आज हो सकता है. सूत्रों की मानें तो अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ ही जम्मू कश्मीर के चुनाव कराने का एलान इस बैठक में हो सकता है. अगर यह फैसला होता है और इन पर सभी दलों की मुहर लग जाती है तो यह पीएम मोदी और अमित शाह की बड़ी कूटनीतिक जीत होगी, क्योंकि इस फैसले से बीजेपी को कश्मीर में कोई फायदा हो या न हो लेकिन उत्तरप्रदेश चुनाव में इसका जबरदस्त माइलेज बीजेपी को मिलेगा.

बता दें कि आज होने वाली बैठक से पहले 22 जून को जम्मू कश्मीर की छह बड़ी पार्टियों के संगठन ‘गुपकार‘ की एक बैठक फारुक अब्दुल्ला के आवास पर हुई थी. इसमें चर्चा की गई थी कि आर्टिकल 370 की फिर से बहाली की मांग की जाएगी. गुपकार नेताओं ने कहा कि पीएम की तरफ से बैठक का कोई एजेंडा नहीं दिया गया है, हम अपने एजेंडे पर बात करेंगे और आर्टिकल 370 पर कोई समझौता नहीं होगा. वहीं ‘पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पाकिस्तान से भी बात करनी चाहिए‘. इस महाबैठक का कोई ठोस नतीजा बेशक न निकले, लेकिन हर मुददे पर खुलकर बात होगी और जम्मू-कश्मीर की बेहतरी के लिए आगेे केे लिए एक नया रास्ता भी तैयार करेगी.

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