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देश में लोकसभा चुनाव के बीच यूएन द्वारा जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने राजनीति में उबाल देखा जा रहा है. एक तरफ पीएम मोदी के साथ-साथ पूरी बीजेपी इसका श्रेय लेने में जुटी है तो दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने भड़कते हुए इसे यूपीए सरकार द्वारा शुरू की गई कार्रवाई का नतीजा बताया है. कांग्रेस का कहना है कि मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कराने की कोशिश 2009 में शुरू की गई थी, जिसका नतीजा है कि आज यह कामयाबी मिल सकी है.

पूर्व गृहमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने प्रेसवार्ता आयोजित कर आंतकी मसूद अजहर मामले में बीजेपी द्वारा श्रेय लेने पर कड़ी आपत्ति जताई है. चिदंबरम ने कहा कि मोदी जी जनता को स्टोरी का अंतिम सीन बता रहे है जबकि ये नहीं बताया जा रहा कि इस संबध में यूपीए सरकार के दौरान साल 2009 से कोशिश शुरू की गई थी. 10 साल चली लंबी प्रक्रिया का ही नतीजा है कि आज यह सफलता मिल सकी है. उन्होंने कहा कि यह ऐसे है जैसे की पूरी मूवी देख ली जाए और जिक्र सिर्फ अंतिम सीन का हो. पूरी फिल्म का फिर क्या?

साथ ही पी. चिदंबरम ने पीएम मोदी से सवाल किया कि हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी किसने घोषित करवाया? वैश्विक आतंकी घोषित होने वाला मसूद अजहर पहला व्यक्ति नहीं है. क्या आप लखवी को भूल गए हो? जब कांग्रेस सत्ता में थी तब दो आतंकियों को वैश्विक आतंकी घोषित कराया गया. चिदंबरम ने इसके अलावा पीएम मोदी पर देश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि वे अधूरी सच्चाई ही जनता को बता रहे हैं. जिसका कोई औचित्य नहीं रह जाता.

गौरतलब है कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र द्वारा पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया था. इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी हर चुनावी रैली के संबोधन में इसका क्रेडिट लेने वाली भाषा का प्रयोग किया जाता है. भाषणों में पीएम द्वारा आतंकवाद और नक्सलवाद को खत्म करने के लिए साफ नीति का दावा किया जाता है. बीते शनिवार को भी एक चुनाव रैली में पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में भारत को आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में बहुत बड़ी सफलता हाथ लगी है.

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