रालोपा का धरना स्थगित हुआ है समाप्त नहीं- हनुमान बेनीवाल, नागौर घटना व घूसकांड सहित बजट पर घेरा गहलोत सरकार को

आश्वासन के बाद विधायकों का धरना स्थगित, एसपी को बर्खास्त करने सहित कई रखी मांगें, आवश्यकता पडी तो पूरे राजस्थान में करेंगे आंदोलन, आलाकमान के निर्देशों का इंतजार करते रहे गहलोत, महीनेभर में भूल जाएंगे गहलोत बजट के 7 संकल्प

पॉलिटॉक्स न्यूज़. राजस्थान के नागौर जिले में घटी दलित युवकों के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट और गुप्तांग में पेट्रोल डालने की घटना गुरूवार को देशभर में सुर्खियों में रही. घटना को लेकर जहां राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीनों विधायकों ने राजस्थान विधानसभा की सीढ़ियों पर बैठकर दिनभर धरना दिया वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी व बसपा सुप्रीमों ने मामले पर चिंता जताते हुए सरकार से जल्द कार्रवाई की मांग की. वहीं घटना को लेकर पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ धरना दे रहे रालोपा विधायकों के साथ शाम को सांसद हनुमान बेनीवाल भी धरने पर बैठ गए. हालांकि कुछ देर बाद ही विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी व कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया के आश्वासन के बाद धरने को स्थगित कर दिया गया.

धरना स्थगित हुआ है, समाप्त नहीं- बेनीवाल

इस मौके पर रालोपा संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि धरना स्थगित हुआ है समाप्त नहीं क्योंकि मांगो पर सकारात्मक हल नहीं निकला तो फिर से धरना दिया जायेगा. रालोपा दलित हितों के लिए लड़ाई लडेगी. अलवर गैंग रेप घटना का उदाहरण देते हुए बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश में इतनी बड़ी घटना के बाद फिर से ऐसा कृत्य घटित होता है तो कहीं न कहीं सरकार की कार्यशैली सवालिया निशानों पर आती है.

आलाकमान के निर्देशों का इंतजार करते रहे गहलोत

वहीं सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश के गृह विभाग का जिम्मा संभाल रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दलितों पर हुई इतनी बड़ी घटना के बाद भी आलाकमान के निर्देशों का इंतजार करते रहे और जनता ने जब सोशियल मीडिया के मंच से सरकार पर तमाचा मारा तब जाकर उनकी नींद उड़ी.

सांसद बेनीवाल ने आगे कहा कि राजस्थान के इतिहास में पहली बार विडियो के वायरल होने के बाद पुलिस मालूम नहीं करती है कि मामला किस इलाके का है. स्थानीय लोग खुद पता करके पुलिस को बताते है कि घटना किस जगह की है. एसपी खुद इस मामले में बुधवार को थाने में गये लेकिन गंभीर धाराओं में मुकदमे को दर्ज नहीं किया गया. इस तरह की धाराएं लगाई जिसमें दो दिन के अंदर दोषियों की जमानत हो जाएगी. बेनीवाल ने बताया कि इन सभी मांगों को लेकर सीएम के बजट भाषण के दौरान रालोपा विधायकों ने अपना विरोध दर्ज करवाया और दिनभर धरना दिया. नागौर के कलेक्ट्रेट सर्किल पर भी रालोपा के कार्यकर्ता धरने पर बैठे है.

यह भी पढ़ें: नागौर की घटना पर गर्माई सियासत, रालोपा विधायक बैठे धरने पर तो राहुल गांधी व सीएम गहलोत के ट्वीट पर बेनीवाल ने किया पलटवार

एसपी को बर्खास्त करने सहित ये रखी मांगें

इसके साथ ही हनुमान बेनीवाल ने कहा कि हम इस मामले में कोई राजनीति नहीं करना चाहते हैं, लेकिन आजादी के 70 साल बाद इस तरह का अमानवीय कृत्य हो जिस पर खुद कांग्रेस नेता राहुल गांधी का ट्वीट आता है कि तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन आरोपियों को सिर्फ गिरफ्तार करना कार्रवाई नहीं है. इतनी बडी गंभीर घटना होना सरकार के लिए बहुत बडी बात है. रालोपा हमेशा पीडित शोषित लोगों के लिए सर्घष करती रही है. इस मामले में एसपी की गलती के कारण गंभीर धाराएं नहीं लगी. इस मामले में एसपी को बर्खास्त करने, उच्चस्तरीय जांच, पीडित को मुआवजा, इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति नहीं हो, सभी धाराओं को जोडकर पीडित को न्याय मिले यह हमारी सरकार से मांग है.

आवश्यकता पडी तो पूरे राजस्थान में आंदोलन करेंगे

वहीं बेनीवाल ने कहा कि सीएम गहलोत हमारे कोई भी आंदोलन करने पर कहते है कि आप दिल्ली चले गये तो राजस्थान में शांति रहने दो. सीएम गहलोत से मेरी अपील है कि आप पुलिस अधिकारियों के भरोसे राजस्थान को नहीं छोड़ें, जिससे राजस्थान में कांग्रेस को बहुत बुरे दौर से गुजरना पडे जैसे लोकसभा चुनाव में गुजरना पडा था. राहुल गांधी इस मामले में अगर चिंतित है तो अब तक दो तीन पुलिस अधिकारी निलंबित हो जाने चाहिए थे. इस मामले में अभी तक पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. रालोपा इस घटना को लेकर चुप नहीं बैठेगी आज तीनों विधायक पीडित से मिलने जा रहे है. बडे आंदोलन की आवश्यकता पडी तो विधानसभा से लेकर पूरे राजस्थान में आंदोलन करेंगे. मैं सरकार से अपील करूंगा कि सिर्फ मुझे और नागौर को ही टारगेट नहीं करें.

महाघूसकांड की जांच अब तक CBI को दे देनी चाहिए थी

सांसद हनुमान बेनीवाल ने परिवहन विभाग में हुए महाघुसकांड कांड पर मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास पर आरोप लगाते हुए कहा कि इतनी बड़ी रकम मिलने के बाद सीएम को तत्काल जांच सीबीआई को दे देनी चाहिए थी, क्योंकि जब अशोक गहलोत महिपाल मदेरणा ओर मलखान सिंह विश्नोई के मामले में जांच सीबीआई को दे सकते है तो फिर प्रताप सिंह से उनसे क्या मोह है?

बजट पर बोले बेनीवाल- एक महीने में भूल जाएंगे 7 संकल्प

सांसद बेनीवाल ने बजट को लेकर कहा कि यह बजट सिर्फ आंकड़ो का मायाजाल था. बजट में गहलोत ने आगामी वित्त वर्ष में 53,151 नई भर्तियां करने का प्रावधान किया, जबकि पिछले बजट में 75 हजार नौकरियां देने की बात कही जो 10 प्रतिशत भी पूरी नही हो पाई. बजट भाषण में गहलोत ने कहा कि हमारी संघीय व्यवस्था में राज्यों की वित्तीय स्थिति काफी हद तक केंद्र सरकार की नीतियों तथा निर्णयों पर निर्भर करती है. केंद्र की अच्छी नीतियों को सरकार लागू करने में परेशानियां खड़ी करती है. प्रधानमंत्री आयुष भारत योजना इसका उदाहरण है जिसको लंबे समय तक अटकाकर रखा जो गहलोत सरकार के दोगलेपन का सबसे बड़ा उदाहरण है.

इसके साथ ही बेनीवाल ने कहा कि बजट में गहलोत ने बताया कि राजकोषीय घाटा 33,922.77 करोड़ रुपये है और इसके लिए जिम्मेदार पूर्ववती सरकार को ठहराया, लेकिन एक साल के प्रबंधन में उन्होंने क्या किया वो नहीं बताया. सांसद ने सीएम गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि जिन 7 संकल्पों को लेकर सीएम ने बजट भाषण पढ़ा, एक महीने में वो 7 संकल्पों को भुला देंगे.

इसलिए धरने पर बैठे रालोपा विधायक

राजस्थान विधानसभा में गुरूवार को सीएम गहलोत ने बजट पेश किया. सीएम गहलोत ने जैसे ही अपना बजट अभिभाषण पढना शुरू किया तो रालोपा विधायक हनुमान बेनीवाल, पुखराज गर्ग व इंदिरा देवी बावरी ने नागौर में हुई इस घटना में एसपी को निलंबित करने व परिवहन महाघूसकांड में परिवहन मंत्री को बर्खास्त करने की मांग को लेकर सदन में तख्तीयां लहराई. इसके बाद तीनों विधायक सदन की सीढियों पर आकर धरने पर बैठ गए. विधायकों के दिनभर धरने के बाद रालोपा मुखिया व नागौर सांसद हनुमान शाम 5:30 बजे विधानसभा पहुंचे और धरने पर बैठ गए. धरने पर कुछ देर बैठने के बाद सांसद बेनीवाल ने स्पीकर सीपी जोशी व कृषि मंत्री लालचंद कटारिया से मुलाकात की और इस मामले में उनकी मांगों से अवगत करवाया. सांसद बेनीवाल की मांगे माने जाने के आश्वासन के बाद ये धरना स्थगित कर दिया गया.