राजस्थान के कोटा सांसद ओम बिड़ला को 17वीं लोकसभा का अध्यक्ष/स्पीकर चुना गया है. लोकसभा अध्यक्ष के लिए बिड़ला का नाम चुनकर मोदी-शाह की जोड़ी ने राजनीतिक विशेषज्ञों को फिर से एक बार चौंकाया है. बिड़ला कोटा लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद निर्वाचित होकर आए हैं. इससे पूर्व बिड़ला तीन बार बीजेपी के टिकट पर विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हो चुके हैं.

ओम बिड़ला ने एक साधारण कार्यकर्ता से लोकसभा अध्यक्ष का सफर कैसे पूरा किया, आइए जानते हैं हमारी इस खास रिपोर्ट में…

1962 में कोटा के श्रीकृष्ण बिड़ला और शकुन्तला देवी के घर ओम बिड़ला का जन्म हुआ. बिड़ला की शुरुआती शिक्षा कोटा के स्कूल में संपन्न हुई. 10वीं की शिक्षा पूर्ण करने के बाद वे गुमानपुरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने गए. बिड़ला शुरु से ही अपने अधिकारों के प्रति जागरुक थे.

वे स्कूल के दौरान छात्रों के अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध रहते थे. बाद में वे बीजेपी के छात्र संघटन अखिल भारतीय विघार्थी परिषद से जुड़े और अन्य छात्रों को भी परिषद की विचारधारा से जोड़ा.

इस दौरान उनके मित्रों और अन्य सहयोगियों ने उनसे छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का आग्रह किया. बिड़ला चुनाव लड़े और रिकॉर्ड अंतर से जीते. उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने कोटा वाणिज्य महाविद्यालय में प्रवेश लिया. बिड़ला ने यहां भी छात्रसंघ चुनाव में भाग लिया और छात्रसंघ सचिव निर्वाचित हुए. विद्यार्थी परिषद में किए गए उनके कार्य से खुश होकर पार्टी ने उन्हें युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी.

बिड़ला हमेशा पार्टी के द्वारा दी गई जिम्मेदारी को लगन से निभाते रहे हैं. इस बार भी उन्होंने अपने काम से पार्टी आलाकमान को खुश कर दिया. पार्टी ने बिड़ला का प्रमोशन करते हुए उन्हें युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी.

2003 उनके लिए बड़ी खुशी लेकर आया. विधानसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी ने कोटा उत्तर सीट से प्रत्याशी बनाया. ओम बिड़ला पार्टी के उम्मीदों पर खरा उतरे और उन्होंने कांग्रेसी दिग्गज शांति धारीवाल को पटकनी दी. इस जीत के बाद उनका सियासी करियर परवान पर चलता गया.

2008 के चुनाव में उनको पार्टी ने कोटा उत्तर की जगह कोटा दक्षिण सीट से प्रत्याशी बनाया. यहां भी बिड़ला का जादू बरकरार रहा. उन्होंने कांग्रेस के रामकिशन को भारी अंतर से चुनाव हराया. 2013 के विधानसभा चुनाव में बिड़ला ने कांग्रेस के पंकज मेहता को करीब 50 हजार वोटों से मात दी.

इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें कोटा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया गया. मोदी लहर पर सवार होकर दिल्ली पहुंचे बिड़ला ने तत्कालीन सांसद और दिग्गज़ कांग्रेसी नेता इज्यराज सिंह को मात दी. राजस्थान की सभी 25 सीटें बीजेपी के खाते में गईं.

2019 के चुनाव में उनके प्रतिदंदी इज्यराज सिंह अब बीजेपी में आ चुके थे. वसुंधरा राजे इस बार कोटा लोकसभा क्षेत्र से बिड़ला की जगह इज्यराज सिंह को टिकट देना चाहती थी. बीजेपी के स्थानीय नेता भवानी सिंह राजावत और प्रहलाद गुंजल भी बिड़ला को टिकट देने का विरोध कर रहे थे. लेकिन वसुंधरा और बीजेपी नेता चाहकर भी बिड़ला का टिकट नहीं काट पाए.

इसी बीच बिड़ला अमित शाह से सीधे संबंधों के दम पर दिल्ली से टिकट निकाल लाए. यहां उन्होंने कांग्रेसी दिग्गज़ रामनारायण मीणा को करीब 2.80 लाख के भारी अंतर से बड़ी शिख्स्त दी.

अब ओम बिड़ला को बीजेपी की तरफ से 17वीं लोकसभा अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया गया है. हालांकि बिड़ला की जीत निश्चित है क्योंकि लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत है. ऐसे में उन्हें स्पीकर बनने में कोई परेशानी नहीं होने वाली है.

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