‘उद्घाटन नहीं बल्कि अंबुजा सीमेंट प्लांट के खिलाफ जांच करवाते सीएम साहब’- हनुमान बेनीवाल

मूंडवा में अंबुजा सीमेंट प्लांट के उद्घाटन पर हनुमान बेनीवाल का निशाना- 'सीएम ने कंपनी की जांच करवाने के बजाय प्लांट का किया उद्घाटन, मूंडवा और नागौर की अनदेखी, रोजगार तो खाक देगी कंपनी, पर्यावरण, क्षेत्र की जनता और किसानों के साथ खिलवाड़, दोनों सरकारों में हुआ भ्रष्टाचार, तथ्यों की अनदेखी, बेनीवाल ने जिला प्रशासन पर कंपनी के इशारे पर नाचने का लगाया आरोप

मूंडवा में अंबुजा सीमेंट प्लांट के उद्घाटन पर हनुमान बेनीवाल का निशाना
मूंडवा में अंबुजा सीमेंट प्लांट के उद्घाटन पर हनुमान बेनीवाल का निशाना

Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज नागौर के मूंडवा में अंबुजा सीमेंट के नए संयंत्र का उद्घाटन किया है. अब इस पर नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने जमकर निशाना साधा है. सांसद बेनीवाल ने कंपनी पर अनियतमित्ता के आरोप लगाए हैं और गहलोत सरकार से संयंत्र के उद्घाटन के बजाय सीमेंट कम्पनी के खिलाफ च रहे मामलों की जांच की मांग की है. सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘जिस कंपनी ने मूंडवा और नागौर का नाम तक विज्ञापन में नहीं दिया वो स्थानीय लोगों को क्या रोजगार देगी?’ बेनीवाल ने अंबुजा सीमेंट प्रबंधन के सामने कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही सरकारों को नतमस्तक बताया है.

‘मूंडवा और नागौर की अनदेखी, रोजगार तो खाक देगी कंपनी’- बेनीवाल
हनुमान बेनीवाल अंबुजा सीमेंट पर मूंडवा और नागौर की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘इस प्लांट के लोकार्पण विज्ञापन में अंबुजा सीमेंट ने ना तो नागौर और ना ही मूंडवा का कोई नाम दिया है. ऐसे में जो कम्पनी स्थानीय क्षेत्र के नाम की उपेक्षा कर रही है, वो स्थानीय लोगों को कैसे रोजगार देगी?, बेनीवाल ने कहा कि, ‘सीएम साहब मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि एक तरफ आप देश की व्यवस्था में कॉरपोरेट घरानों के हावी होने से पड़ने वाले विपरीत प्रभाव की बात करते हो दूसरी तरफ आप स्वयं जनता की भावनाओं को अनदेखा करके स्वयं कॉरपोरेट के भंवर जाल में आ चुके हो.’

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‘पर्यावरण, क्षेत्र की जनता और किसानों के साथ खिलवाड़’- बेनीवाल
हनुमान बेनीवाल ने निशाना साधते हुए कहा कि, ‘मैं आपको पिछली राज्य सरकार के कार्यकाल को याद दिलाना चाहूंगा कि जब आपका दल विपक्ष में था तब मैं भी राजस्थान की विधानसभा में विपक्ष के सदस्य के रूप में ही भूमिका निर्वहन कर रहा था और लगातार उक्त कम्पनी के विरुद्ध तथ्यों के साथ सदन में आवाज उठाई थी कि किस तरह अंबुजा ने सालों से लैंड बैंक बनाकर और गलत तथ्यों को प्रस्तुत करके पर्यावरण क्लीयरेंस हासिल की है’. बेनीवाल ने कहा कि, ‘पूर्ववर्ती सरकार ने जाते-जाते प्लांट के निर्माण करने की अवधि को और बढ़ा दिया और अब जब आपकी पार्टी की सरकार सत्ता में आई तब भी कंपनी के कारनामों को RLP ने विधानसभा में रखा मगर यह दुर्भाग्य है कि आप जनता के मानस को अनदेखा करके एक निजी कंपनी की उस फैक्ट्री का उदघाटन कर रहे हैं. जिस कंपनी ने पर्यावरण, क्षेत्र की जनता और किसानों से खिलवाड़ किया है‘.

‘दोनों सरकारों में हुआ भ्रष्टाचार, तथ्यों की अनदेखी’- बेनीवाल
हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस की सरकारों को निशाने पर लेते हुए आगे कहा कि, ‘इससे जाहिर होता है कि दोनों दलों की सरकारों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है तभी तथ्यों की अनदेखी की गई. अंबुजा सीमेंट कम्पनी ने निर्माण इकाई की स्थिति, मूंडवा से शहर की दूरी गलत दर्शा कर, जल की उपलब्धता, जैव विविधता, लैंड यूज एंड लैंड कवर और कृषि पर होने वाले हानिकारक प्रभावों के आंकलन में विसंगतियां पाई जाने के बावजूद EC (पर्यावरण क्लीयरेंस) हासिल कर ली’.

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‘सीएम ने जनता की नहीं सुनी आवाज, नहीं करवाई जांच’
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि, ‘आज न केवल राजस्थान बल्कि पूरा विश्व बढ़ते औद्योगीकरण के कारण जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है’, बेनीवाल ने कंपनी के खिलाफ जांच की मांग करते हुए कहा कि, ‘सीएम साहब बेहतर होता आप जनता की आवाज पर कम्पनी द्वारा प्रस्तुत गलत तथ्यों की जांच करवाते क्योंकि पर्यावरण क्लीयरेंस हासिल करने के मापदंड कम्पनी पूरे ही नहीं करती और हाल ही में रॉयल्टी चोरी से जुड़े मामले में राज्य के खान निदेशालय ने कम्पनी पर करोड़ों का जुर्माना भी लगाया है.’

‘कंपनी के इशारे पर नाच रहा जिला प्रशासन’- बेनीवाल
RLP संयोजक हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘अंबुजा सीमेंट कम्पनी ने मूंडवा और आसपास के गांवों के लोगों की जमीनें जिस तरह से कम दामों पर अर्जित कर ली है. स्थानीय लोगों के स्थान पर अन्य राज्यों के लोगों को रोजगार में प्राथमिकता दे दी गई और जिले का प्रशासन कम्पनी के इशारे पर काम करने में व्यस्त है. ऐसे में साफ जाहिर है कि सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है.

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