बिहार के लोगों को प्रवासी कहने पर भड़के नीतीश, कहा- तकलीफ हुई, जब देश एक तो बिहारी प्रवासी कैसे?

बिहार के सीएम ने कहा- जब देश एक तो बाहर काम करने जाने वाले प्रवासी कैसे? स्किल और हुनर के अनुसार रोजगार देने की तैयारी में नीतीश सरकार, मास्क लगाने और नियमों के पालन करने की अपील

Nitish Kumar Bihar Cm (नीतीश)
Nitish Kumar Bihar Cm (नीतीश)

पॉलिटॉक्स न्यूज/बिहार. राज्य के बाहर रह रहे मजदूरों को प्रवासी कहकर संबोधित करने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाराजगी व्यक्त की है. बिहार सीएम ने कोरोना संकट को लेकर जनता को संदेश देते हुए कहा कि बिहार के लोगों को प्रवासी कहा गया तो मुझे बहुत तकलीफ हुई. जब देश एक है और कोई कहीं भी काम करने जा सकता है तो ऐसे में हमारे लोग ही प्रवासी कैसे हो गए? उन्होंने ये भी कहा कि अब बिहार में ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि किसी को कहीं बाहर जाने की जरूरत न पड़े. बड़े पैमाने पर रोजगार का इंतजाम किया जा रहा है. सभी विभागों को इसके लिए जिम्मेदारी दी गई है. जेडीयू प्रमुख ने कहा कि बिहार के लोग लोग मजबूरी में कमाने के लिए बाहर गए थे. अब सभी के स्किल की सूची तैयारी की जा रही है और लोगों के हुनर पर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.

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सीएम नीतीश ने कहा कि जितने लोगों के बाहर से आना था, वे आ चुके हैं. अब जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी और उसमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं दिखता है, ऐसे लोगों को आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा. बुखार या हल्के लक्षण वाले मरीजों को अनुमंडल स्तर पर बना कोविड हेल्थ सेंटर में रखा जाएगा. ज्यादा गंभीर बीमारी वाले मरीजों का इलाज कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में होगा. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि बिहार में तीन कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल बनाए गए हैं. पटना के एनएमसीएच, गया के एएनएमसीएच और भागलपुर के जेएलएनसीएच में लोगों का इलाज हो रहा है.

5 लाख से अधिक क्वारेंटाइन, 15 जून के बाद नहीं होगी जरूरत

नीतीश कुमार ने कहा कि अभी 5 लाख से ज्यादा लोग क्वारेंटाइन सेंटर में हैं लेकिन 15 जून के बाद सेंटर्स की जरूरत नहीं पड़ेगी. बाहर से आए लोगों को 14 दिनों तक सेंटर में रखा गया था और प्रति व्यक्ति 5300 रुपए खर्च हुए. बिहार सीएम ने कहा कि हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए आइसोलेशन सेंटर की व्यवस्था की जा रही है. स्कूल और कॉलेज में अब सेंटर नहीं रहेंगे. उनकी जगह सरकारी भवन जिनका उपयोग नहीं हो रहा है और किराए पर होटल लेकर आइसोलेशन सेंटर बनाए जाएंगे. अभी 13 हजार 796 बेड की व्यवस्था है जबकि 40 हजार बेड की व्यवस्थी की जाएगी.

एक-दूसरों से मास्क पहनने के लिए प्रेरित करने की अपील

बिहार के सीएम नीतीश नीतीश ने स्थानीय जनता से एक दूसरे से मास्क पहनने के लिए प्रेरित करने की अपील की. साथ ही जिन लोगों में कोरोना के लक्षण मिलते हैं, उन्हें तुरंत जांच कराने की सलाह दी. साथ ही बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों का विशेष ख्याल रखने को कहा. सीएम नीतीश ने कहा कि अगर किसी काम से बाहर निकलें तो मास्क अनिवार्य रूप से लगाएं और एक दूसरे से कम से कम दो गज की दूरी बनाएं.

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उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद बाजार खुल गया है और पिछले दो दिनों में जो रिपोर्ट मिली है, उसके मुताबिक 50 से 60 प्रतिशत लोग ही मास्क का उपयोग कर रहे हैं. जो लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं, उनकी वजह से खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में लोग एक दूसरे को मास्क पहनने के लिए प्रेरित करें. वहीं जिनकी तबीयत खराब है, उनका विशेष ख्याल रखें. मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए नियमों का पालन करने की अपील की.

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