सुबह 4.30 बजे बांदा जेल की बैरक न.15 में पहुंचा मुख्तार अंसारी, 12 अप्रेल को कोर्ट पेशी में होंगे आरोप तय

16 घण्टे में करीब 900 किलोमीटर का सफर तय कर यूपी पुलिस के जवान, PAC के जवान, STF, दो डिप्टी एसपी, 10 सब इंस्पेक्टर, दो इंस्पेक्टर, 5 सदस्यीय मेडिकल टीम यानी कुल मिलाकर 150 लोगों के काफिले के साथ कड़ी सुरक्षा के बीच बांदा जेल पहुंचा अंसारी, जेलर-डिप्टी जेलर पर पथराव मामले में होंगे आरोप तय

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Politalks.News/UP/MukhtarAnsari. माफिया डॉन और बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से निकालने के बाद 16 घण्टे में करीब 900 किलोमीटर का सफर तय कर कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार भोर में 4.30 बजे बांदा जेल पहुंचा दिया गया है. अंसारी को लाने वाले काफिले में यूपी पुलिस के जवान, PAC के जवान, STF, दो डिप्टी एसपी, 10 सब इंस्पेक्टर, दो इंस्पेक्टर, 5 सदस्यीय मेडिकल टीम यानी कुल मिलाकर 150 लोग शामिल रहे. इस दौरान तीन बार उसका रूट भी चेंज किया गया. जेल आने से एक घंटे पहले पूरी रोड को बैरिकेड कर दिया गया और मीडिया को भी वहीं रोक दिया गया. बता दें, 2003 के पथराव मामले में आरोप तय करने के लिए एमपी-एमएलए कोर्ट ने 12 अप्रैल को मुख्तार अंसारी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में तलब किया है.

आपको बता दें, पुलिस का काफिला मुख्तार को लेकर बांदा की सीमा जसपुरा में भोर में 3.30 बजे दाखिल हुआ. इसके बाद पैलानी, पपरेन्दा और विश्वविद्यालय रोड से होते हुए मुख्तार को बांदा जेल में दाखिल कराया गया. काफिले के पहुंचने से ठीक 10 मिनट पहले जेल गेट खोल दिया गया. मुख्तार के साथ आ रही गाड़ियों को जेल से एक किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया. जेल के अंदर केवल मुख्तार की एम्बुलेंस और पुलिस अधिकारियों की दो ही गाड़ियों को जाने दिया गया.

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कुख्यात माफिया डॉन व विधायक मुख्तार अंसारी को भारी सुरक्षा के साथ लेकर चल रहा काफिला करीब डेढ़ बजे के आसपास कानपुर देहात के सट्टी थाने के पास करीब 15 मिनट के लिए रोका गया. गाड़ियों के रुकते ही काफिले के साथ चल रहे मीडियाकर्मी मुख्तार की एंबुलेस की तरफ दौड़ पड़े. इसको लेकर पुलिस और मीडियाकर्मियों में धक्का-मुक्की भी हुई. करीब 15 मिनट बाद काफिला कानपुर नगर के घाटमपुर की ओर निकला और फिर वहां से हमीरपुर. यहां से काफिले ने पैलानी थाना क्रास किया. इसके बाद आखिरी थाना देहात कोतवाली और 8 किलोमीटर बाद सीधे बांदा जेल पहुंच गया.

हमीरपुर पहुंचने से पहले मुख्तार को ले जा रहे पुलिस के काफिले को लेकर काफी पसोपेश रहा. क्योंकि यहां से पुलिस अपना रूट बदल भी सकती थी. यहां से एक रूट मौदाहा होते हुए भी जाता है. हालांकि 03: 10 बजे काफिले की गाड़ियों ने भरुआ सुमेरपुर होते हुए पैलानी का रुख कर लिया था. पुलिस का काफिला 03:50 बजे बांदा की सीमा में प्रवेश कर गया. ठीक चार बजे यह पैलानी पार कर गया. बांदा की सीमा में आते ही जेल के आसपास पुलिस प्रशासन और भी मुस्तैद हो गया.

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इसके बाद जैसे-जैसे अंसारी को लेकर आ रहा काफिला बांदा जेल की तरफ बढ़ा वैसे-वैसे बांदा जेल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ती जा रही थी. जेल के बाहर का रास्ता रस्सा लगाकर बैरीकेड कर दिया गया था. आपको बता दें, जेल परिसर का क्षेत्र काफी खुला है. जेल के गेट नंबर 2 तक मात्र तीन गाड़ियां अंदर भेजी गईं. इसमें दो पुलिस के वाहन और मुख्तार की एंबुलेंस रही. मुख्तार को जेल के 5 गेट और 7 कैमरों की नजर से गुजरते हुए अपनी बैरक नंबर 15 में पहुंचाया गया.

जेल पहुंची चार डॉक्टरों की टीम
मुख्तार अंसारी के बांदा जेल पहुंचने से पहले ही सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई. जेल के बाहर भी जवान मुस्तैद कर दिये गए. जेल में मुख्तार की सुरक्षा के साथ ही स्वास्थ्य का ध्यान रखने का भी पूरा इंतजाम किया गया. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के अनुसार मुख्तार का मेडिकल चेकअप करने के लिए चार डॉक्टरों की टीम जेल पहुंची.

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अब आगे क्या
पंजाब की रोपड़ जेल से उत्तर प्रदेश के बांदा जेल लाए गए माफिया डॉन मुख़्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज मुकदमों की सुनवाई अब तेजी से होने वाली है. इसी क्रम में साल 2003 में लखनऊ जेल के जेलर और डिप्टी जेलर पर पथराव के मामले में मुख्तार अंसारी पर आरोप तय करने के लिए एमपी-एमएलए कोर्ट ने 12 अप्रैल को मुख्तार अंसारी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में तलब किया है. मुख्तार के अलावा इस मामले में यूसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित और लालजी यादव पर भी आरोप तय होने हैं.

आपको बता दें, युसूफ चिश्ती और आलम फिलहाल जेल में बंद हैं, जबकि कल्लू पंडित और लालजी यादव जमानत पर बाहर हैं. मुख्तार अंसारी की गैरमौजूदगी की वजह से ही इस मामले में अब तक आरोप तय नहीं हो पा रहे थे. एमपी एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज पीके राय ने मुख्तार अंसारी को पेश कराने के लिए यूपी पुलिस और रोपड़ जेल को भी निर्देश दिए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी.

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