politalks.news

लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद उत्साहित बीजेपी जहां सरकार गठन की कवायद में जुटी है वहीं विपक्षी खेमे में करारी हार के बाद खलबली देखी जा रही है. आज दिल्ली में कांग्रेस वर्किग कमेटी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे की अटकलों पर विराम लग गया लेकिन पश्चिम बंगाल से मुख्ममंत्री ममता बनर्जी के बयान के बाद सियासत गर्मा गई है.

चुनाव में टीएमसी की खिसकी सियासी जमीन के बाद ममता दीदी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई है और कहा है कि वे अब सीएम नहीं रहना चाहती हैं. ममता ने यह बात कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही.

चुनाव में पश्चिमी बंगाल की जनता द्वारा नापसंद किए जाने पर प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आहत दिख रही है. शनिवार को कोलकाता में एक प्रेस कॉफ्रेंस में उन्होंने अपने मन का गुबार बाहर निकाला और कहा कि वे अब सूबे की सीएम नहीं रहना चाहती हैं. ममता दीदी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि केंद्रीय बलों ने हमारे खिलाफ काम किया और प्रदेश में आपातकाल जैसी स्थिति बना कर रख दी.

अमन-चैन से रहने वाली प्रदेश की जनता को हिंदू-मुस्लिम में विभाजित कर वोटों को बांटा गया. बार-बार शिकायत के बाद भी चुनाव आयोग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए. इसलिए मैं प्रदेश की मुख्यमंत्री नहीं बने रहना चाहती हूं. बता दें कि इस बार के लोकसभा चुनाव में पश्चिमी बंगाल में बीजेपी कमल खिलाने में सफल रही है.

इस दौरान यहां सभी सात चरणों के मतदान में जबरदस्त संग्राम देखने को मिला जिसमें टीएमसी-बीजेपी के बीच संघर्ष की स्थिति बनी. कई जगहों पर दोनों ही पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं में हिंसक झड़पों के अलावा एक-दूसरे पर हमले करने की घटनाएं भी सामने आई थी. इसके बाद आए चुुनाव परिणाम पश्चिम बंगाल में बीजेपी की 18 सीटों पर जीत की खबर लाए और ममता दीदी को जोरदार झटका दिया.

हालांकि ममता की टीएमसी को 22 सीटें मिली. लेकिन पिछले चुनाव में पार्टी 34 सीटों पर काबिज थी. बीजेपी ने बड़ी बढ़त बनाते हुए पिछली बार के दो सीटों के आंकड़े को 18 पर पहुंचा दिया.

Leave a Reply