महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. कांग्रेस, राकांपा सहित विभिन्न बीजेपी विरोधी पार्टियों के नेता बैठकें कर चुनाव में एकजुट होने का प्रयास कर रहे हैं. महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार है. कांग्रेस-राकांपा मुख्य विपक्षी पार्टियां हैं. बीजेपी लोकसभा चुनाव की अपार सफलता से उत्साहित है. लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे ने मोदी सरकार के खिलाफ प्रचार किया था लेकिन अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे.

इस तरह उन्होंने संकेत दिया था कि वे बीजेपी-शिवसेना के विरोध में बने रहना चाहते हैं और राज्य की राजनीति में भूमिका निभाना चाहते हैं. अब विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी मनसे भी विपक्षी महागठबंधन में शामिल हो सकती है.

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोरात ने कहा कि शुरूआती बैठकें हो चुकी हैं. हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि चुनाव बाद हमारे गठबंधन का मुख्यमंत्री बने. हमारा ध्यान चुनाव जीतने पर है. उम्मीदवार तय करते समय चुनाव जीतने की क्षमता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 174 और राकांपा ने 114 सीटों पर चुनाव लड़ा था. 2014 में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग विधानसभा चुनाव लड़ा. इस बार राकांपा के कुछ नेता सीटों में बराबर की हिस्सेदारी मांग रहे हैं, क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र से कांग्रेस का सिर्फ एक सांसद है, जबकि राकांपा के चार सांसद हैं.

थोरात ने कहा कि सीटों की संख्या पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है. बैठकों का सिलसिला जारी है. दोनों पार्टियों को 288 विधानसभा सीटों पर फैसला करना है. अन्य बीजेपी विरोधी पार्टियों को भी गठबंधन से जोड़ने के प्रयास चल रहे हैं. इनमें राजू शेट्टी की पार्टी स्वाभिमानी शेतकरी संघटन, वामपंथी पार्टियां, रिपब्लिकन पार्टी से अलग होकर बनी बहुजन विकास आघाड़ी, राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना शामिल है. थोरात ने कहा कि राज ठाकरे की पार्टी के बारे में बैठक में कोई बात नहीं हुई.

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