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लोकसभा चुनाव के छठे चरण का प्रचार का शोर पूरी तरह थम गया है. चुनाव प्रचार की समय सीमा समाप्त होने के बाद अब उम्मीदवार घर-घर जाकर ही वोट मांग पाएंगे. इस चरण में बिहार, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड़ और दिल्ली सहित सात राज्यों की 59 सीटों पर चुनाव होना है. मतदान 12 मई को होगा.

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी, हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर, कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, जजपा नेता दुष्यंत चौटाला, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, बसपा नेता रितेश पांडे, क्रिकेटर गौतम गंभीर, बॉक्सर विजेंद्र सिंह और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जैसे दिग्गजों की किस्मत का फैसला इसी चरण में होगा.

छठे चरण में बिहार के वाल्मीकि नगर, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीहोर, वैशाली, गोपालगंज, सीवान और महाराजगंज में वोट डाले जाएंगे. इसी दिन हरियाणा की सभी 10 सीटों हिसार, रोहतक, सिरसा, अंबाला, कुरुक्षेत्र, सोनीपत, गुडगांव, फरीदाबाद, भिवानी और महेंद्रगढ़ में उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा.

उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फुलपुर, इलाहाबाद, अम्बेडकर नगर, श्रावस्ती, बस्ती, संतकबीरनगर, डुमिरयागंज, लालगंज, आजमगढ़, मछलीशहर, भदोही सीटों पर वोटिंग इसी चरण में है.

पश्चिम बंगाल की तामलुक, कांठी, घटल, झाड़ग्राम, बांकुरा, पुरुलिया, मिदनापुर, विष्णुपुर और झारखंड़ की गिरहिड़, जमशेदपुर, धनबाद और सिंहभूम पर चुनाव इसी दिन है.

देश की राजधानी दिल्ली की सभी सीटों चांदनी चौक, उत्तर पूर्वी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली पर वोटिंग इसी चरण में है.

मध्यप्रदेश की मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर विदिशा, भोपाल और राजगढ़ संसदीय सीटों पर भी प्रत्याशियों के भविष्य का फैसला होगा.

इन सबसे अलावा, कुछ वीआईपी सीटें भी हैं जहां देश के दिग्गज़ नेता अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

आजमगढ़
यहां से यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनाव मैदान में है. उनको कड़ी टक्कर देने के लिए बीजेपी ने भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल यादव उर्फ निरुहवा को उतारा है. आजमगढ़ यादव-मुस्लिम बाहुल्य इलाका है. 2014 में यहां से मुलायम सिंह यादव सांसद चुने गए थे. मुलायम इस बार मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

सोनीपत
सोनीपत में मुकाबला इस बार दिलचस्प है क्योंकि यहां से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने वर्तमान सांसद रमेश कौशिक पर भरोसा जताते हुए उन्हें दोबारा चुनावी समर में उतारा है. जेजेपी उम्मीदवार दिग्विजय सिंह चौटाला सोनीपत के मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं.

भोपाल
मध्यप्रदेश की अगर किसी सीट के नतीजे पर पूरे देश की निगाह हैं तो वो भोपाल है. यहां से बीजेपी ने मालेगांव बम धमाकों की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस की तरफ से एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मैदान में है. भोपाल के चुनावी नतीजे दोनों प्रत्याशियों के भविष्य का फैसला करने वाले होंगे. अगर दिग्विजय जीते तो ये बीजेपी के लिए बड़ा झटका होगा और साध्वी जीती तो बीजेपी हिंदू आतंकवाद के मुद्दे को आने वाले विधानसभा चुनावों में हवा देकर कांग्रेस को घेरेगी.

हिसार
यहां चुनाव लड़ रहे सभी मुख्य प्रत्याशी वंशवाद की बेल पर लगे हुए फूल हैं. यहां मुकाबला उम्मीदवारों के बीच न होकर राजनीतिक परिवारों के मध्य है. बीजेपी ने यहां से केंद्रीय मंत्री बीरेन्द्र सिंह के पुत्र बृजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है. उनका सामना वर्तमान सांसद दुष्यंत चौटाला से होगा. बता दें कि दुष्यंत चौटाला पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के पोते है लेकिन इस बार वो जजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे है और मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं. कांग्रेस के प्रत्याशी भव्य विश्नोई, जो पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते है.

गुना
यह संसदीय क्षेत्र सिंधिया राजपरिवार का गढ़ है. 1957 से सिर्फ तीन बार ही इस सीट पर सिंधिया परिवार के इत्तर कोई सांसद बन पाया है. ये आंकड़े इस बात की तस्दीक कर देता है कि इस क्षेत्र में सिंधिया परिवार की पकड़ कितनी मजबूत है. कांग्रेस महासचिव ज्योदिरादित्य सिंधिया इस सीट से चार बार लगातार चुनाव जीत चुके हैं. पहला चुनाव उन्होंने अपने पिता माधवराज के निधन के बाद हुए उपचुनाव में लड़ा था. इस बार उनका मुकाबला बीजेपी के केपी यादव से है.

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