70 पार के किरोड़ी मीणा ने सबको छकाया, आमागढ़ पर झंडा फहराया, भारी विरोध के बाद पुलिस ने रिहा किया

जननेता बाबा किरोड़ी मीणा ने अपना वादा किया पूरा, छापेमारी कर आमागढ़ में फहराया समाज का झंडा, 70 साल के बाबा ने 700 पुलिसकर्मियों को छकाया, सबसे दुर्गम मार्ग से पहुंचे दुर्ग तक,हमेशा की तरह पुलिस पीटती रही लकीर, गिरफ्तारी पर मैडम राजे सहित दिग्गजों ने विरोध जताया, पुलिस ने रिहा किया तो समर्थकों को समझा कर जाम खुलवाया

किरोड़ी लाल मीणा
किरोड़ी लाल मीणा

Politalks.News/Rajasthan. बीजेपी से राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने आज फिर राजस्थान पुलिस और इंटेलिजेंस को ठेंगा दिखा कर आमागढ़ पर मीणा समाज का झंडा फहरा दिया. पुलिस डाल-डाल थी को डॉ किरोड़ी पात-पात, पुलिस रास्तों पर लकीर पीट रही थी और किरो़ड़ी की क्रांतिकारी की तरह छापेमारी करते हुए पहाड़ी के दुर्गम रास्ते से दुर्ग पर चढ़े और अपने वादे के मुताबिक एक अगस्त को सुबह सुबह मीन भगवान का झंडा फहरा दिया. हालांकि इसके बाद पहुंचे भारी पुलिस बल ने डॉ मीणा को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन जैसे ही यह खबर मीणा समर्थकों तक पहुंची वो उग्र हो गए और राजधानी के साथ-साथ पूरे प्रदेश में गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित कई बीजेपी नेताओं और आरएलपी मुखिया हनुमान बेनीवाल ने डॉ किरोड़ी मीणा की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए तुरन्त रिहाई की मांग की. खबर लिखे जाने तक पुलिस ने डॉ मीणा को रिहा कर दिया था और उन्होंने जेएलएन मार्ग स्थित गांधी सर्कल पर जाम लगाए बैठे अपने समर्थकों को सम्बोधित किया.

आपको बता दें, रविवार अलसुबह लगभग तीन किलोमीटर पहाड़ी के सबसे दुर्गम रास्ते को पार कर 70+ हो चुके डॉ किरोड़ी मीणा ने आज झंडा फहरा के यह दिखा दिया कि अपना वादा पूरा करना तो कोई डॉ किरोड़ी लाल मीणा से सीखे. ट्विटर पर कमेंट करने वाले नेताओं को सीखना चाहिए डॉ किरोड़ी लाल मीणा से कि कैसे बना जाता है जन नेता. दरअसल इस आमागढ़ दुर्ग तक पहुंचने के लिए एक कच्ची सड़क जाती है. इस सड़क पर पुलिस ने भारी जाब्ता लगा रखा था. लेकिन किरोड़ी लाल मीणा ने दुर्ग पर पहुंचने के लिए पहाड़ी का रास्ता चुना जो की दुर्गम और पथरीला है. यहां बघेरों और भेड़ियों का भी डेरा है, लेकिन किरोड़ी रात 3 बजे ही पहाड़ी पर चढाई करने पहुंचे. 70साल से ऊपर के किरोड़ी ने करीब 3 किलोमीटर का पथरिला रास्ता पूरा तय किया और एक 40 फीट ऊंची दीवार भी पार की. किरोड़ी ने डूंगरी इलाके से पहाड़ी पर चढ़ाई की जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है. क्योंकि उधर जंगली जानवरों का डेरा रहता है. इस तरह करीब 3 घंटे पैदल चलकर किरोड़ी दुर्ग पर पहुंचे और झंडा फहराया.

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ऐसे में आमागढ़ प्रकरण में जयपुर पुलिस एक बार फिर से गच्चा खा गई. पुलिस के अधिकारी जब बैड टी ले रहे थे उस समय पुलिस की चाकचौबंद निगरानी और इंटेलीजेंस को चकमा देकर भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा अपने समर्थकों के साथ आधी रात को आमागढ़ पहाड़ी पर पहुंचे और सुबह होते ही मीणा समाज का झंडा फहरा दिया. रविवार तड़के डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के आमागढ़ पहुंचने की खबर जब पुलिस को लगी तो आनन-फानन में ईस्ट जिले के ACP नीलकमल मीणा व अन्य अफसर अमले को लेकर पहाड़ी पर पहुंचे. वहां समझाइश देकर डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को आमागढ़ से नीचे लेकर आए. इसके बाद उनको गिरफ्तार कर पुलिस विद्याधर नगर थाने ले गई.

डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा था- हर हाल में आमागढ़ पहुंचकर फरहराउंगा झंडा
बता दें, डॉ. किरोड़ीलाल मीणा का शनिवार को बयान आया था कि वे रविवार को हर हाल में आमागढ़ किले पर पहुंचकर पूजा-अर्चना करेंगे. वे समाज के लिए गोली और लाठी खाने को तैयार हैं. आमागढ़ पर मीणा समाज की पताका भी फहराई जाएगी.

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इधर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने डॉ.किरोड़ी लाल मीणा की गिरफ्तारी को निंदनीय बताया है और तुरन्त रिहा करने की मांग की है. जहां बीजेपी के नेता सोते रहे वहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खड़ी दिखीं डॉ किरोड़ी लाल मीणा के समर्थन में. मैडम राजे ने बीजेपी सांसद डॉ मीणा की गिरफ्तारी का विरोध जताया है, मैडम राजे ने गहलोत सरकार को चेताते हुए कहा कि, ‘आमागढ़ क़िले के मामले में धर्म के नाम पर राजनीति कर रही कांग्रेस को करारा जवाब देने वाले डॉ.किरोड़ी लाल मीणा जी की गिरफ़्तारी निंदनीय है. डॉ मीणा को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए’.

आरएलपी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट करके राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा की गिरफ्तारी को निंदनीय बताया और सीएम को ट्वीट करके डॉ किरोड़ी मीणा की रिहाई की मांग की. बेनीवाल ने कहा- जयपुर में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को गिरफ्तार करना निंदनीय काम है, अशोक गहलोत जी संज्ञान लेकर तुरन्त डॉ मीणा को रिहा करें.

वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि गहलोत सरकार का षड्यंत्र देखिए कि उसने उस राज्यसभा सांसद को गिरफ्तार किया जो हिन्दू एकता के साथ खड़ा है. डॉ. किरोड़ीलाल मीणा जी को बिना शर्त तुरंत रिहा किया जाए. हम सबको किरोड़ीलाल जी का साथ देना होगा क्योंकि राजस्थान में ही नहीं पूरे देश में हिन्दुओं के आंतरिक मामलों में दखल देकर उनकी एकता तोड़ने का प्रयास चल रहा है. जहां – जहां भी कांग्रेस की सरकार है इस तरह के प्रकरण देखने को मिल जाएंगे. गजेंद्र सिंह ने कहा कांग्रेस का हिन्दू विरोधी चेहरा अब पूरी तरह सबके सामने आ गया है.

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इसके साथ ही बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि सामाजिक सद्भाव के लिए किए जा रहे प्रयासों के बावजूद राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा जी की गिरफ़्तारी दुर्भाग्यपूर्ण है, वे सदैव राष्ट्रवादी विचार और सामाजिक समरसता के लिए प्रयासरत रहते हैं, ऐसे में उनके विरुद्ध की गई कार्रवाई कांग्रेस सरकार की ओछी मानसिकता को दर्शाता है.

वहीं दौसा से कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि जो आदिवासी समाज चाहता था वो ही डॉ. किरोड़ी लाल जी ने किया. आमागढ़ का किला आदिवासी समाज की अमूल्य धरोहर है जो कभी विवाद का विषय था ही नही. सम्पूर्ण आदिवासी समाज की यही झंडा फहराने की भावना थी जिसके अनुरूप आज झंडा फहराया गया. इसके लिए मैं डॉ. किरोड़ी लाल जी को धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ.

विधायक रामकेश मीणा का तेवर पड़े ढीले
इस पूरे मामले के बाद गंगापुर सिटी से कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा के तेवर ठंडे पड़ते नजर आए. विधायक रामकेश मीणा ने कहा कि किरोड़ीलाल के झंडा फहराने से उनको कोई आपत्ति नहीं है. विधायक रामकेश ने कहा हमने कहा था कि आमागढ़ में हिंदू संगठन भगवा झंडा फहराने का एलान कर रहे है. अगर दोबारा भगवा फहराया जाता है तो हम विरोध करेंगे. अब रामकेश का कहना है कि किरोड़ीलाल ने मीणा समाज का झंडा फहराया है. वह स्थान भी मीणा समाज का है. रामकेश ने चेतावनी देते हुए कहा कि सांसद किरोड़ी लाल को जल्द ही रिहा नहीं किया तो वे आज पुलिस के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

क्या है पूरा विवाद
दो महीने पहले शिव मंदिर की मूर्तियां तोड़ने व भगवा ध्वज को फाड़ने से विवाद शुरु हुआ था. 4 जून को आमागढ़ किल पर बने बरसों पुराने शिव मंदिर की मूर्तियों को तोड़ने से आमागढ़ विवाद शुरु हुआ था. 6 जून की सुबह विश्व हिंदू परिषद के महानगर प्रमुख और धरोहर बचाओ समिति के संरक्षक भारत शर्मा ने आमागढ़ पहुंचकर मंदिर का जायजा लिया था. इसके बाद ट्रांसपोर्ट नगर थाने में केस दर्ज करवाया गया. तब पुलिस ने छह जनों को मूर्तियां तोड़कर धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद गलता पीठाधीश्वर की मौजूदगी में 14 जून को शिव मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा करवाई गई. इस बीच स्थानीय लोगों की सहमति पर किले पर भगवा ध्वज भी फहरा दिया

आमागढ़ पर लगाए गए भगवा ध्वज को फाड़कर हटाया गया
इसके बाद 21 जुलाई को गंगापुर सिटी के निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा अपने समर्थकों के साथ आमागढ़ पहाड़ी पर पहुंचे. उन्होंने जगह मीणा समाज की बताकर हिंदू संगठनों पर कब्जा करने का आरोप लगाया. विधायक रामकेश की मौजूदगी में किले पर फहराया गया भगवा ध्वज फाड़कर उतार दिया गया. वहां तोड़फोड़ की गई. इस संबंध में 22 व 23 जुलाई को विधायक रामकेश व हिंदू संगठनों की तरफ से एक दूसरे के खिलाफ ट्रांसपोर्ट नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया. इससे विवाद और गहरा गया. फिर चार दिन पहले जयपुर पुलिस कमिश्नरेट ने शांति की अपील के साथ कहा कि आमागढ़ का पूरा क्षेत्र वन विभाग का है वहां आमजन के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है.

29 जुलाई को डॉ किरोड़ी मीणा कूदे थे विवाद में
29 जुलाई को भाजपा सांसद व मीणा समाज के दिग्गज नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा आमागढ़ प्रकरण को लेकर सचिवालय पहुंच गए. वहां मुख्य सचिव को ज्ञापन देकर वहां दोबारा मीणा समाज का झंडा लगाने और मंदिर में पूजा से पाबंदी हटाने की मांग की, किरोड़ीलाल ने मीणा समाज के हिंदू होने का बयान दिया. फिर 30 जुलाई को युवा आक्रोश रैली निकाली। जिसमें 1 अगस्त को आमागढ़ पहाड़ी पर पहुंचकर मीणा समाज का झंडा फहराने की बात कही

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