पॉलिटॉक्स ब्यूरो. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को कोलकाता में फिर से केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) का विरोध सहना पड़ा. गवर्नर धनखड़ मंगलवार को जादवपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. उसी समय छात्रों के एक समूह ने काले झंड़े दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया. हाथों में एनआरसी और सीएए के विरोधी स्लोगन वाली पट्टियां हाथ में थामे इन छात्रों ने ‘गो बैक गो बैक’ के नारे भी लगाए.
मंगलवार को जैसे ही राज्यपाल धनखड़ जादवपुर यूनिवर्सिटी पहुंचे तो छात्रों ने उनकी गाड़ी का घेराव किया और यूनिवर्सिटी के गेट पर ही उनकी गाड़ी के सामने प्रदर्शन करने लगे. यहां तक की उन्हें गाड़ी से उतरने ही नहीं दिया. इससे पहले सोमवार को जब राज्यपाल यूनिवर्सिटी में बतौर चांसलर बैठक में हिस्सा लेने गए थे, तब भी उन्हें छात्रों का विरोध सहना पड़ा था. उस दौरान भी वे 45 मिनट तक अपनी कार से उतर नहीं पाये थे. बाद में सुरक्षा गार्ड उन्हें निकाल कर बाहर ले गए.
बाद में गवर्नर ने अपने ट्वीट हैंडल पर पोस्ट करते हुए घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, ‘जादवपुर यूनिवर्सिटी में छात्र डिग्री ले सकें, समाज में योगदान कर सकें. लेकिन जिस तरह से यूनिवर्सिटी का रास्ता रोका गया है, वह निंदनीय है. ये एक चिंताजनक स्थिति है. जो लोग रास्ता रोक रहे हैं, वो सिर्फ पचास ही हैं’.
The number of those obstructing is only around fifty. System being held hostage and those enjoined with the task are oblivious of their obligations. A collapse that can only lead to unwholesome consequences. Rule of law is no where in sight. As constitutional head concerned.
— Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) December 24, 2019
उन्होंने आगे लिखा, ‘सिस्टम को यहां बंधक बनाया जा रहा है और इससे जुड़े लोग पूरी तरह से बेखबर हैं. ये एक पतन है जो अनचाहे परिणाम दे सकता है, यहां कानून का राज नहीं दिख रहा है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि कानून का शासन गंभीर रूप से समझौता है’.
.@MamataOfficial. Am surprised that inspite of my directive to VC to go by rule book and abide by my direction as regards Convocation, the same has been started. In utter helplessness as of now I am leaving the Jadavpur University campus. Those concerned must soul search.
— Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) December 24, 2019
ऐसा पहली बार नहीं है जब बंगाल में राज्यपाल का विरोध हुआ हो. हाल में जब वे विधानसभा पहुंचे थे तो वहां पर भी उन्हें सदन के अंदर जाने से रोका गया था. जब मीडिया गेट के सामने जमा हुआ और राज्यपाल की बयानबाजी हुई, उसके बाद विधानसभा के गेट नंबर दो से उन्हें एंट्री दी गई. राज्यपाल जगदीप धनकड़ और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बीच तल्खी जग जाहिर है. दोनों ही ओर से कानून व्यवस्था को लेकर ट्विटर पर तकरार चलती रहती है.
पश्चिम बंगाल में सीएम के नेतृत्व में सीएए और एनआरसी का पूरजोर विरोध हो रहा है. दोनों कानूनों को लेकर ममता खुद पांच दिनों तक सड़कों पर पैदल मार्च करने उतरी थी और प्रदेश में नियम लागू करने के लिए अपने लाश से होकर गुजरने तक की बात कही थी. यहां तक की मीडिया में सीएए और एनआरसी के सरकारी विज्ञापन भी छपाए थे. हालांकि सोमवार को एक जनहित याचिका की सुनाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले का अंतिम फैसला आने तक सरकारी रुपये से सीएए-एनआरसी के खिलाफ कहीं किसी भी तरह के सरकारी विज्ञापनों पर रोक लगा दी है.
वहीं सोमवार को छात्रों के प्रदर्शन के बाद धनखड़ ने कहा कि मैं छात्रों का भविष्य अधर में नहीं डाल सकता. मैं किसी भी छात्र का अहित नहीं चाहता. मेरो दिल हमेशा छात्रों के लिए ही धड़कता है. मैं नहीं चाहता कि किसी भी स्थिति में किसी का करियर प्रभावित हो. उन्होंने कहा कि मैं किसी सरकार का नहीं बल्कि संविधन का नुमाइंदा हूं. छात्रों के साथ बैठकर मुद्दों पर चर्चा कर मुझे खुशी होगी. मैं उनके सभी सवालों का जवाब दूंगा.