राजद्रोह केस में जफरुल इस्लाम से होगी पूछताछ, पुलिस ने भेजा नोटिस

सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने का मामला, अगले दो दिनों में जफरुल इस्लाम को पेश होना होगा स्पेशल सेल की पूछताछ में, उम्र और स्वास्थ्य का हवाले से गिरफ्तारी पर 22 जून तक गिरफ्तारी से मिली है छूट

Zafarul Islam Khan (जफरुल इस्लाम खान)
Zafarul Islam Khan (जफरुल इस्लाम खान)

पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. सोशल मीडिया पोस्ट के मामले में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान से पूछताछ करने की इजाजत मिल गई है. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने जफरुल इस्लाम को इस बाबत नोटिस भी भेज दिया है. स्पेशल सेल ने CRPC 160 का नोटिस भेजकर अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष और मुस्लिम नेता को पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाया है. इसके लिए जफरुल इस्लाम को दो दिन का समय दिया गया है. जफरुल इस्लाम पर आरोप है कि उन्होंने विवादित और देश तोड़ने वाले बयान सोशल मीडिया पर पोस्ट किए थे. इसके बाद स्पेशल सेल ने उनके खिलाफ राजद्रोह और अन्य कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था.

स्पेशल सेल के अधिकारी ने जफरुल इस्लाम (Zafarul Islam Khan) को यह नोटिस दिया. इसका मतलब ये है कि अगले दो दिन के अंदर जफरुल इस्लाम को स्पेशल सेल की पूछताछ का सामना करना पड़ेगा.

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हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस को जफरुल इस्लाम से पूछताछ करने की इजाजत मिली है. हाई कोर्ट ने जफरुल की गिरफ्तारी पर 22 जून तक रोक लगा रखी है लेकिन कोर्ट से दिल्ली पुलिस को पूछताछ की इजाजत मिलने के बाद सोमवार को जफरुल इस्लाम को ये नोटिस भेजा गया है.

याद दिला दें, जफरुल इस्लाम ने 28 अप्रैल की रात सोशल मीडिया पर धमकी भरे अंदाज में कहा कि अपनी फेसबुक पोस्ट जिस दिन मुसलमानों ने अरब देशों से अपने खिलाफ जुल्म की शिकायत कर दी, उस दिन जलजला आ जाएगा. उसके बाद बीजेपी ने दिल्ली सरकार पर हमला करने हुए जफरुल इस्लाम को घटिया और जहरीली सोच वाला शख्स बताते हुए इस्लाम को तुरन्त पद से बर्खास्त करने की मांग की थी. शिकायत पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जफरुल इस्लाम के खिलाफ देशद्रोह और नफरत फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया जिसके बाद जफरुल इस्लाम की गिरफ्तारी तय थी.

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इस संबंध में स्पेशल सेल के संयुक्त आयुक्त (ज्वॉइंट कमिश्नर) नीरज ठाकुर ने कहा कि भारतीय आचार संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए (देशद्रोह) और 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, भाषा आदि के आधार पर दो समूहों में वैमनस्यता को बढ़ावा देना और समानता व सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की धारणा से कार्य करना) के आधार पर प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है.

अपने उपर गिरफ्तारी की तलवार लटकते देख जफरुल इस्लाम ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी उम्र और स्वास्थ का हवाला देकर राहत मांगते हुए गुहार अग्रिम जमानत और पुलिस द्वारा कोई सख्त कदम न उठाने की याचिका लगाई. कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद 22 जून तक के लिए अंतरिम राहत देते हुए पुलिस को आदेश दिया है कि दी गई मोहलत तक जफरुल इस्लाम के खिलाफ कोई कठोर कदम ना उठाएं.

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