राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इन्द्रेश कुमार ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद अब कश्मीरी मुसलमानों को भारतीयता के सांचे में ढालना अगला लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि देश के हर हिस्से में मुसलमान भारतीयता को स्वीकार कर चुके हैं. कश्मीरी मुसलमानों को भी ऐसा करना चाहिए. उन्हें भी भारतीयता के रास्ते पर चलना चाहिए.

इन्द्रेश कुमार के मुताबिक एक अलग तरह का इस्लाम भी चल रहा है, जो न रमजान का सम्मान करता है और नही ईद का. उसका काम सिर्फ हिंसा फैलाना है. पुलवामा की घटना इसका स्पष्ट उदाहरण है. कश्मीरी मुसलमानों को इस तरह के इस्लाम से बचना चाहिए. जब सारे मुसलमान यह मान चुके हैं कि देश का एक ही झंडा रहेगा और एक ही संविधान और एक ही नागरिकता तो कश्मीरी मुसलमानों को यह मानने में क्या दिक्कत है. अलगाव और भेदभाव की नीति से कश्मीर घाटी का विकास नहीं किया जा सकता.

इन्द्रेश कुमार आरएसएस के प्रतिनिधि के रूप में 13 वर्षों से कश्मीर में काम कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में आरएसएस से जुड़े करीब 30 संगठन सक्रिय हैं, जिनमें तालमेल बनाए रखने का काम इन्द्रेश कुमार संभालते हैं. इन संगठनों का लक्ष्य कश्मीरी मुसलमानों को भारतीयता की तरफ प्रेरित करना पाकिस्तान परस्ती से बचाना है. इन मुसलमानों के बीच स्वास्थ्य सेवाएं चलाई जा रही हैं और उन्हें शिक्षित करने कार्य भी चल रहा है.

इन्द्रेश कुमार ने कहा कि धारा 370 हटने से जम्मू, लद्दाख और कश्मीर घाटी के कई हिस्सों के लोग खुश हैं. राज्य की दो तिहाई जनता धारा 370 हटने के समर्थन में है. इससे कश्मीर घाटी में पंडितों, डोगराओं, सिखों, शिया मुसलमानों, गुर्जरों और दलितों को न्याय मिलेगा. सिर्फ कुछ लोग इस फैसले के विरोध में हैं, जिन्हें कुछ स्थानीय नेता भड़का रहे हैं. वे कश्मीर में खतरनाक तरीके का इस्लाम फैलाना चाहते हैं, जो हिंसा की नीति पर चलता है.

संघ के नेता ने कहा कि कश्मीर घाटी को पूरी तरह भारत का अविभाज्य अंग बनाना है. यहां के लोगों में राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावना के प्रचार-प्रसार की जरूरत है. कश्मीर घाटी के विकास के लिए यह जरूरी है. कश्मीर के एक बड़े हिस्से के मुसलमान मानते हैं कि वे भारत के साथ ही शांति और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ सकते हैं.

इन्द्रेश कुमार पिछले कुछ दिनों से कश्मीर घाटी का सघन दौरा कर रहे हैं और सीमापार से फैलाए जा रहे आतंकवाद के मुद्दे पर पूर्व सेना अधिकारियों के साथ चार बैठकें कर चुके हैं. इन बैठकों में पाकिस्तान प्रेरित आतंकवाद, पाकिस्तान में भारतीयों की स्थिति, कश्मीर घाटी के इस्लामीकरण के प्रयास सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया. आरएसएस से जुड़े दो संगठन कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ रोकने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के भारत विरोधी प्रचार को रोकने के अभियान में जुट गए हैं.

इन्द्रेश कुमार ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से आरएसएस धारा 370 के खिलाफ जनमत तैयार करने में जुटा हुआ था. कश्मीर से बाहर रहने वाले मुसलमानों के बीच इस धारा से होने वाले नुकसान की जानकारी दी जा रही थी. कश्मीर घाटी के कुछ मुसलमानों को गलतफहमी है कि इस धारा के बने रहने में उनकी भलाई है. लेकिन उनकी यह धारणा घाटी में अलगाववाद फैलाने वाली है. कुछ लोग कश्मीर में और कश्मीर से बाहर अपनी राजनीति के लिए इस धारा का हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे थे.

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