भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाने पर जवाब देने में सक्षम है: पीएम मोदी

लद्दाख में सैनिकों के बीच खूनी झड़प के बाद आया प्रधानमंत्री का पहला बयान, मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना संकट पर चर्चा के दौरान शहीदों को दी श्रद्धांजलि, कहा- शहादत नहीं जाएगी व्यर्थ

Narendra Modi 2
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पॉलिटॉक्स न्यूज. ‘जिन जवानों की शहादत हुई है, वो व्यर्थ नहीं जाएगी. हमें अपने जवानों पर गर्व करना चाहिए, वे मारते-मारते मरे हैं. भारत शांति चाहता है लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है.’ यह कहना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का, जिन्होंने लद्दाख में चीन से विवाद पर पहली बार बयान दिया है. पीएम मोदी ने बुधवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना वायरस पर वार्ता के पहले भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मैं देश को भरोसा देता हूं कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. इस दौरान शहीद जवानों के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया.

पीएम मोदी ने कहा कि हमने हमेशा से अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर काम किया है. हमेशा उनके विकास और कल्याण की कामना की है. जहां कहीं मतभेद भी रहे हैं, हमने हमेशा ये प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बने. हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं लेकिन अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते. जब भी समय आया है हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है.

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प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि त्याग और तपस्या हमारे चरित्र का हिस्सा है. विक्रम और वीरता भी हमारे चरित्र का हिस्सा है. देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता, इसमें किसी को भी भ्रम नहीं होना चाहिए. भारत शांति चाहता है लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है और हमारे दिवंगत शहीद वीर जवानों के विषय में देश को इस बात का गर्व होगा कि वे मारते-मारते मरे हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपने जवानों पर गर्व करना चाहिए, जिन जवानों की शहादत हुई है, वो व्यर्थ नहीं जाएगी.

बता दें, गलवान घाटी में भारत-चीन बॉर्डर पर अब भी तनाव है, हालांकि, बातचीत भी चल रही है. इस बीच पीएम मोदी ने 19 जून को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है. इधर, भारत-चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प के बाद दोनों देशों के बीच पहली वार्ता हुई. भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर गलवान घाटी व LAC पर तनाव को लेकर चर्चा की. इस दौरान सीमा समझौते को मानने पर सहमति हुई है. भारत ने वार्ता से पहले चीन से घाटी खाली करने को कहा है, साथ ही घटना की जांच कराने की भी मांग की है. चीन इस मौके पर पैंगोंग इलाके पर बात करना चाहता था लेकिन भारत ने इस बारे में कोई भी बात करने से इनकार कर दिया.

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गौरतलब है कि 15 जून की रात लद्दाख की गलवान घाटी में LAC पर चीन और भारत की सेना में हिंसक झड़प हुई जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए. जानकारी ये भी है कि चीन के करीब 40 जवान हताहत हुए हैं लेकिन आधिकारिक तौर पर कोई संख्या नहीं बताई है. चीन ने भारत पर घुसपैठ करने का आरोप लगाया जबकि भारत ने साफ तौर पर कहा है कि ये पूरी घटना चीन की हिमाकत का नतीजा है. चीन ने बातचीत के जरिए मसला सुलझाने की पेशकश की है.

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