‘नेशनल मेडिकल इमरजेंसी’ में भारत को ऑक्सीजन के लिए ‘युद्ध का मैदान’ नहीं बनने दे सकते- पायलट

सचिन पायलट ने मोदी सरकार को लिया आड़े हाथ, कोरोना की दूसरी लहर को बताया नेशनल मेडिकल इमरजेंसी, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और रेमडेसिविर की कमी के चलते बने हालातों पर जताई चिंता, केन्द्र से आवश्यक सामग्री के आवंटन में पारदर्शिता बरतने का किया आग्रह, कोरोना वैक्सीन निर्माण में अगुवा राष्ट्र के लोगों को वैक्सीन नहीं मिलना एक त्रासदी- पायलट

सचिन पायलट का मोदी सरकार पर करार हमला
सचिन पायलट का मोदी सरकार पर करार हमला

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मोदी सरकार पर करारा हमला किया है और कोरोना महामारी की दूसरी लहर को नेशनल मेडिकल इमरजेंसी के तौर पर देखने की जरूरत पर जोर दिया है. सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र को आगे आना चाहिए और स्थिति से निपटने की जिम्मेदारी सिर्फ राज्यों पर नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि भारत को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और रेमडेसिविर के लिए ‘युद्ध का मैदान’ बनने नहीं दिया जा सकता. पायलट ने भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग भी की है.

केन्द्र सरकार को बनाने चाहिए पारदर्शी मापदंड बनाने चाहिए- पायलट
राजस्थान के पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन और वेंटिलेटर की व्यवस्था करने के लिए फार्मूला और मानदंड तैयार करने चाहिए थे और केन्द्र को राज्यों में पारदर्शी ढंग से संसाधनों का वितरण करना चाहिए था. पायलट ने कहा कि ऑक्सीजन के लिए मांग और आवंटन को लेकर विभिन्न तरह की जानकारी सामने आ रही है. भारत सरकार को तीन-चार मानदंड बनाने चाहिए थे. मसलन, राज्यों में कोरोना के मामले कितने हैं, संक्रमण की दर क्या है, मृत्यु दर क्या है, अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या कितनी है और हम कैसे ऑक्सीजन का वितरण करेंगे. इस तरह सचिन पायलट ने ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और रेमडेसिविर के आवंटन एवं वितरण के लिए पारदर्शी मानदंड और आधार तय करने की पैरवी की.

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हर व्यक्ति तक पहुंचे ऑक्सीजन- पायलट
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले राज्यों को उन राज्यों की मदद करनी चाहिए जिनके यहां उत्पादन नहीं हो रहा है या ऑक्सीजन की कमी है. पायलट ने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कुछ राज्य सीमाओं को बंद करना चाहते हैं क्योंकि वे ऑक्सीजन कंटेनरों के वहां से गुजरने में सहूलियत देने का विरोध कर रहे हैं. संघीय ढांचे में ऐसी बातें नहीं होने दिया जाना चाहिए.

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संकटकाल में कंपनियों पर नहीं छोड़ा जा सकता जीवनरक्षक टीकों की कीमत का फैसला– पायलट
टोंक विधायक सचिन पायलट ने कोरोना से बने हालातों पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत इस समय गंभीर दौर से गुजर रहा है और ऐसे में केन्द्र सरकार को आगे आकर टीकों की कीमतों को नियंत्रित करना चाहिए. पूर्व पीसीसी चीफ पायलट ने कहा कि हम जीवनरक्षक टीकों की कीमत और मुनाफे का फैसला कंपनियों पर नहीं छोड़ सकते. भारत सरकार कंपनियों, समूहों और व्यक्तियों को इसकी अनुमति नहीं दे सकती कि वे इस मौके के निवेश, रिटर्न और मुनाफे के तौर पर देखें.

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केन्द्र सरकार पूरी तरह फेल- पायलट
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दुनिया में टीकों के निर्माण में भारत अगुवा है, लेकिन आज त्रासदी यह है कि यह देश अपने ही नागरिकों को टीका लगाने के लिए संघर्ष कर रहा है. सचिन पायलट ने दावा किया कि यह स्पष्ट रूपरेखा और उचित योजना, आवश्यक संसाधनों के प्रबंध और स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता नहीं होने से जुड़ी विफलता है.

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