प्रदेश में जारी सियासी तनातनी के बीच कल यानी 23 जनवरी से शुरू होने जा रहा है राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र, जिसके तहत 8 फरवरी को अपने इस तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करने जा रहे हैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, चुनाव पूर्व के इस बजट में सीएम गहलोत की कोशिश रहेगी कि सभी वर्गों को कुछ ना कुछ दिया जाए इस बजट में, भूतकाल में राज्य कर्मचारियों की नाराजगी के कारण सत्ता गंवा चुके सीएम अशोक गहलोत अपने इस बार के कार्यकाल में शुरू से राज्य कर्मचारियों के रखते आए हैं विशेष ध्यान, कर्मचारियों की कभी न पूरी होने वाली मांग ओल्ड पेंशन स्कीम को भी बिना मांगे ही गहलोत सरकार ने किया है पूरा, तो वहीं कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद की चिंता भी की है गहलोत सरकार ने, इसके अलावा कर्मचारियों की और भी कई मांगों को सरकार ने सकारात्मक तौर पर किया है पूरा, अब अपने आखिरी बजट के जरिए कर्मचारियों कि दो मुख्य मांगों को पूरा करने जा रही है गहलोत सरकार, सूत्रों की मानें तो चुनावी माहौल में कर्मचारियों को खुश करने के लिए दो बड़ी घोषणा करने जा रही है गहलोत सरकार, इसमें पहली 9,18 एवं 27 वर्ष की सेवा पर एसीपी के स्थान पर 8, 16, 24 और 32 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान किया जा सकता है स्वीकृत, इस घोषणा का कमोबेश प्रदेश सभी आठ लाख कर्मचारियों को मिलेगा लाभ, वहीं दूसरी प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों को शासन सचिवालय के समान वेतन भत्ते किए जा सकते हैं स्वीकृत, इस घोषणा से भी प्रदेश के 55 हजार से ज्यादा मंत्रालयिक कर्मचारीयों को मिलेगा लाभ