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देश में लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद से ही विपक्षी दल एक बार फिर ईवीएम की विश्वसनीयता पर निशाना साधने लग गए हैं. 21 मई को इसी मामले में 22 विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग से मांग की है कि मतगणना से पूर्व किसी क्रम के चुने गए पोलिंग स्टेशनों पर वीवीपेट पर्चियों की जांच की जाए. आज विपक्षी दलों की इसी मांग को चुनाव आयोग ने खारिज किया है. चुनाव आयोग ने फैसले के बाद विपक्षी दलों की तरफ से बयान आना शुरु हो गए है.

ताजा बयान सीपीएम नेता सीताराम येचूरी की तरफ से आया है. उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग ने वीवीपेट मामले में अपना फैसला नहीं बदला तो देश की कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. इसी तरह का बयान कल रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाह की तरफ से भी दिया गया था. महागठबंधन की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में उप्रेन्द्र कुशवाह ने कहा कि अगर नतीजों से छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई तो सड़को पर खून की नदियां बह सकती है. उपेंद्र के बयान के बाद काफी बवाल मचा था. हालांकि राजद ने उनके बयान से बाद में पल्ला झाड़ लिया था.

आपको बता दें कि 23 मई को लोकसभा चुनाव के परिणाम आने हैं. एग्ज़िट पोल्स ने तो केंद्र में पहले ही एनडीए की सरकार बना दी है. एनडीए को किसी ने 280 तो किसी ने 350 संसदीय सीटें दिला दी. इसी बात से विपक्ष भड़का हुआ है. यही वजह है कि मोदी को रोकने के लिए दूसरे और तीसरे धड़े की तैयारी हो रही है.

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