मुख्यमंत्री गहलोत की चेतावनी का असर, लॉक डाउन में भी दिखी कर्फ्यू की झलक, आज ले सकते अहम फैसला

निर्वाचन आयोग द्वारा राज्यसभा चुनाव स्थगित किये जाने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री गहलोत आज प्रदेश में कर्फ्यू लगाने का कर सकते हैं फैसला, हालांकि प्रदेश में लॉक डाउन का पूरा असर

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए देश में सबसे पहले राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर 31 मार्च तक जारी लॉक डाउन भले ही दूसरे दिन सोमवार को असफल रहा हो लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत की चेतावनी के चलते मंगलवार को इसका असर साफ देखा जा सकता है. बिना कर्फ्यू लगाए प्रदेश में मंगलवार को लॉक डाउन का सफल असर देखने को मिला. इससे पहले सोमवार को पंजाब और महाराष्ट्र में लॉक डाउन की असफलता के बाद लिए गए कर्फ्यू के निर्णय के चलते राजस्थान में भी कर्फ्यू लगने उम्मीद की जा रही थी लेकिन राज्यसभा चुनाव को लेकर मंगलवार को होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक के चलते सीएम गहलोत कर्फ्यू का फैसला नहीं ले पाए. हालांकि मंगलवार को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राज्यसभा चुनाव को स्थगित किये जाने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री गहलोत आज प्रदेश में कर्फ्यू लगाने का फैसला कर सकते है.

प्रदेश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए 31 मार्च तक जारी लॉकडाउन के चलते सबसे ज्यादा संकट गरीब तबके पर रोजी रोटी का आ गया है. लेकिन प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के गरीब एवं वंचित तबके को राहत देते हुए सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों को दो महीने की पेंशन एक मुश्त देने के निर्देश दिए है. इसके साथ ही बीपीएल, अन्त्योदय योजना के लाभार्थियों, निर्माण श्रमिकों एवं रजिस्टर्ड स्ट्रीट वेन्डर्स को एक हजार रूपये देने के निर्देश दिए. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष कोविड 19 राहत कोष का भी गठन किया जिसमें पहले ही दिन सोमवार को करीब 21 करोड की सहायता राशि जमा हुई.

सीएम गहलोत ने सोमवार को एक ओर बडा फैसला लेते हुए आधी रात से प्रदेश के सभी स्टेट हाइवेज के टॉल को बंद कर दिया. इसके साथ ही सभी निजी वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया जिससे मंगलवार को प्रदेश के सभी हिस्सो में लॉक डाउन का असर कर्फ्यू जैसा दिखाई दिया. प्रदेश में अब इमरजेंसी सेवाओं को छोडकर सभी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने प्रदेश वासियों को लॉक डाउन का पालन करने पर कर्फ्यू लगाने की सख्त हिदायत दी जिसका असर मंगलवार को देखने को मिला ओर प्रशासन ने बिना वजह घरों से निकलने वाले लोगों पर सख्ती से कार्रवाई की.

इससे पहले सोमवार को सीएम गहलोत ने प्रदेशवासियों को लॉकडाउन के राज्य सरकार के निर्देशों के आदेश की सख्त पालना का निर्देश देते हुए कहा कि मैं आप सभी के जीवन की रक्षा के लिए आगाह कर रहा हूं, कृपया कर्फ्यू की तरह बर्ताव करें, घरों में ही रहें. लॉकडाउन को कर्फ्यू मानकर गंभीरता से लें वरना हमें प्रदेश में कर्फ्यू लगाना पडेगा.

सीएम गहलोत ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा 31 मार्च तक घोषित लॉकडाउन के दौरान रोजी-रोटी से वंचित गरीब तबके के लोगों को सहारा देने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं. सीएम गहलोत ने प्रदेश के 78 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों को 2 माह की पेंशन एक साथ तत्काल देने के निर्देश दिये हैं. इसके साथ ही 36 लाख 51 हजार बीपीएल, स्टेट बीपीएल एवं अन्त्योदय योजना के लाभार्थियों, 25 लाख निर्माण श्रमिकों एवं रजिस्टर्ड स्ट्रीट वेन्डर्स जो कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में कवर नहीं हो रहे हैं, उन्हें एक बारकी अनुग्रह राशि के तौर पर एक हजार रूपये दिये जाएंगे.

सीएम गहलोत के इस फैसले का लाभ प्रदेश के 1 करोड़ 41 लाख गरीब परिवारों को मिलेगा. इसके साथ ही दो माह की पेंशन एक साथ मिलने से सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों के हाथ में एकमुश्त 1500 रूपये एवं इससे अधिक की राशि पहुंचेगी. यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा होगी. गहलोत सरकार इससे पहले ही एनएफएसए के तहत कवर होने वाले परिवारों को मिलने वाला एक रूपये व दो रूपये प्रति किलो गेंहू मई माह तक निःशुल्क देने की घोषणा कर चुकी है. इन सभी योजनाओं के लिए सरकार ने करीब 2 हजार करोड़ का पैकेज बनाया है.

सीएम आवास पर उच्चाधिकारियों की बैठक लेते सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में धन और संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं आने देगी. लॉकडाउन के दौरान किसी जरूरतमंद को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े और कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोए यह सुनिश्चित किया जाएगा. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि स्वंयसेवी संस्थाओं, दानदाताओं एवं अन्य भामाशाहों के सहयोग से जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाया जायेगा. जहां दानदाता या स्वयंसेवी संस्था उपलब्ध नहीं हो वहां जिला कलक्टर भी अनटाइड फंड की मदद से खाने का इंतजाम करेंगे.

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि राज्य सरकार ऎसे हर जरूरतमंद तक राशन के पैकेट भी पहुंचायेगी जो एनएफएसए की सूची में शामिल नहीं हैं. इसमें आटा, दाल, चावल, तेल आदि जरूरत की वस्तुएं शामिल होंगी. ये पैकेट शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक सरकारी भवन, पुलिस थानों, तहसील, पंचायत भवन एवं पटवार भवन पर उपलब्ध करवाये जाएंगे. सीएम गहलोत ने उच्चाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस कार्य में पटवारी एवं ग्रामसेवक की सहायता ली जाए ताकि प्रदेश के हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचाई जा सके.

सीएम गहलोत ने इसके साथ ही प्रदेशवासियों से कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष कोविड 19 राहत कोष का भी गठन किया. सीएम गहलोत ने इसके लिए प्रदेशवासियों से बढ चढ कर दान देने की अपील की सीएम गहलोत की नेक पहल से प्रभावित होकर लोगों ने इस फंड में सहायता राशि दान दी. सीएम गहलोत की पहल पर एक ही दिन में इस फण्ड में करीब 21 करोड़ रूपये से अधिक की राशि एकत्र हो गई है. सीएम गहलोत ने इसके लिए सभी दानदाताओं का आभार व्यक्त किया है.

प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री राहत कोष कोविड-19 राहत कोष में 20 लाख रूपये की राशि जमा कराई. सीएम गहलोत ने सहायता कोष के लिए 1 लाख रूपये का चैक दिया. पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कोविड-19 राहत कोष में एक माह का वेतन तथा दवाओं आदि के लिए एक लाख रूपये देने की घोषणा की. इसके साथ राज्य सरकार के कई मंत्रियों और विधायकों ने भी दो माह का वेतन कोविड-19 राहत कोष में देने की घोषणा की.

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सीएम गहलोत ने इसके साथ ही कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को रोकने के लिए एक ओर अहम कदम उठाया इसके तहत प्रदेश के सभी स्टेट हाइवे को सोमवार रात से ही बंद कर दिया है. सीएम गहलोत ने टवीट कर कहा कि कोरोनोवायरस संक्रमण से जीवन को बचाने के लिए, हमने कल से सड़कों पर सभी निजी वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. केवल आवश्यक सेवाओं और छूट वाली सेवाओं से संबंधित वाहनों को ही अनुमति दी जाएगी. स्टेट हाईवे के टोलों को भी मध्यरात्रि 12 बजे से बंद कर दिया गया है.

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