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देश में लोकसभा चुनाव के छठे चरण में उम्मीदवारों का भाग्य 25 मई को ईवीएम मशीनों में कैद हो जाएगा. वैसे तो देश की सत्ता संभालने वैसे तो देश की सत्ता संभालने के लिए सभी 543 सीटों पर जोर अजमाइश होगी लेकिन राजधानी दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर सबकी नजर होगी. वर्तमान में सभी 7 सीटें बीजेपी के हिस्से में हैं. वहीं आम आदी पार्टी और कांग्रेस पहली बार आम चुनाव में साथ लड़ रहे हैं. दिल्ली की चार सीटों पर आप तो 3 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है. बीजेपी ने उत्तरी दिल्ली में मनोज तिवारी को छोड़ अन्य सीटों पर उम्मीदवार बदले हैं. हम बात करेंगे पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट की. इस सीट पर मुकाबला बीजेपी और आप के बीच होगा.

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हर्ष मल्होत्रा बनाम कुलदीप कुमार

सात लोकसभा सीटों में से एक पूर्वी दिल्ली में इस बार मुकाबला बीजेपी बनाम आम आदमी पार्टी होगा. पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी की तरफ से हर्ष मल्होत्रा मैदान में होंगे. उनके सामने आम आदमी पार्टी विधायक कुलदीप कुमार होंगे. गठबंधन और सीट शेयरिंग फॉर्मूले के चलते कांग्रेस ने यहां से अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली की सीट बीजेपी के खाते में गई थी. तब भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को टिकट दिया था. इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काटकर हर्ष मल्होत्रा पर भरोसा जताया है.

कांग्रेस प्रत्याशी इस बार ‘कमल’ के साथ

ईस्ट दिल्ली संसदीय क्षेत्र में पिछली बार मुकाबला त्रिकोणीय था. यहां आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने अलग-अलग आम चुनाव लड़ा था. बीजेपी से पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर, आप से आतिशी और कांग्रेस से अरविंदर सिंह लवली मैदान में थे. गौतम गंभीर को सबसे ज्यादा 696156 वोट मिले थे. कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली को 304934 मतों के साथ दूसरे और आप की आतिशी 21932 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रही. चौथे नंबर पर बीएसपी के संजय कुमार थे जिन्हें मात्र 19090 वोट मिले थे. पूर्व दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंद सिंह लवली इस समय बीजेपी के नेता हैं. उन्होंने टिकटों की घोषणा के बाद हाथ का साथ छोड़कर ‘कमल’ का दामन थाम लिया है जिससे बीजेपी पहले से अधिक मजबूत हो गयी है.

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पूर्वी दिल्ली का इतिहास

पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 10 विधानसभा सीटें आती हैं. गांधीनगर, लक्ष्मी नगर, विश्वास नगर को छोड़कर अन्य सभी 7 सीटों पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है. उक्त सीटों पर बीजेपी के विधायक काबिज हैं. कृष्णा नगर, त्रिलोकपुरी, जंगपुरा, पटपड़गंज, कुंडली, शाहदरा और ओखला पर आप के विधायक हैं. साल 1967 में इस सीट पर पहला लोकसभा चुनाव हुआ था. तब भारतीय जनसंघ हरदयाल देवगन ने कांग्रेस के बी. मोहन को हराया था. 1971 में हरदयाल देवगन को कांग्रेस के एचकेएच भगत ने मात दी थी. तब से अब तक इस सीट पर कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस का ही कब्जा रहा. इस बार ईस्ट दिल्ली पर जीत की हैट्रिक जमाने के लिए बीजेपी जीतोड़ मेहनत कर रही है.

पूर्वी दिल्ली का जातिगत गणित

पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या करीब 17,07,725 है. यह सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र है और यमुना नदी से घिरा है. पूर्वी दिल्ली शाहदरा, गांधी बाग, प्रीत विहार और सीलमपुर को कवर करता है. इस इलाके में बाहर से आए लोगों की संख्या ज्यादा है. इसमें पॉश इलाके भी आते हैं जिसमें विवेक विहार, प्रीत विहार, निजामुद्दीन ईस्‍ट, न्‍यू फ्रैंड्स कॉलोनी शामिल है. इस संसदीय क्षेत्रन में कई बस्तियां और जेजे क्लस्टर जैसे त्रिलोकपुरी, कल्याणपुरी, खिचरीपुर, शाहीन बाग और ओखला भी आते हैं. कुछ मिलाकर यहां मिले जुले मतदाताओं का निवास है.

ईस्ट दिल्ली का सियासी गणित

पूर्वी दिल्ली में वोटर्स चेहरे पर ज्यादा विश्वास करते हैं. गौतम गंभीर की तीन लाख वोटों से एक तरफा जीत इस बात को साबित करती है. ऐसे में ईस्ट दिल्ली की कोड़ली विधानसभा के विधायक कुलदीप एक जाना पहचाना चेहरा हैं. दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी इसी संसदीय क्षेत्र से आते हैं. वे पटपड़गंज से लगातार तीसरी बार विधायक हैं. फिलहाल शराब नीति के मामले में जेल में हैं. उससे पहले लगातार 8 साल दिल्ली के शिक्षा मंत्री रह चुके हैं.

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हीं हर्ष मल्होत्रा पूर्वी दिल्ली नगर निगम से अप्रैल 2015 से मई 2016 तक मेयर रह चुके हैं. 2012 में नगर परिषद सदस्य और बाद में पूर्वी दिल्ली नगर निगम की शिक्षा समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. यहां बीजेपी के समर्थित वोटर्स की संख्या अधिक है लेकिन स्थानीय मुद्दों एवं पिछले 5 सालों में स्थानीय सांसद की गैर मौजूदगी से नाराजगी भी है. हालांकि मुकाबला एक तरफा रहने की संभावना इस बार भी बनी हुई है.

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