हरियाणा में सितम्बर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. चुनाव की तैयारियों को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है. बीजेपी लोकसभा चुनाव में मिली भारी जीत के बाद आत्मविश्वास से लबरेज नजर आ रही है. वहीं विपक्षी दल उम्मीद कर रहे है कि विधानसभा चुनाव के परिणाम लोकसभा चुनाव से बिल्कुल विपरित होंगे. इसी आस में जजपा नेता दुष्यंत चौटाला इन दिनों अपने लिए सुरक्षित सीट की तलाश में लगे हैं.

दुष्यंत चौटाला ने लोकसभा चुनाव में हिसार सीट से चुनाव लड़ा था. यहां उनको बीजेपी के बृजेंद्र सिंह के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा. बृजेंद्र पूर्व केन्द्रीय मंत्री वीरेन्द्र सिंह के पुत्र हैं. लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने आईएस के पद से वीआरएस देकर चुनाव लड़ा था. लोकसभा चुनाव में हार के बाद दुष्यंत अपनी जगह विधानसभा में सुनिश्चित करना चाहते हैं. फिलहाल दुष्यंत का ध्यान दो सीटों पर है.

उचाना कलां:
दुष्यंत जींद जिले की इस सीट से इस बार अपना भाग्य आजमा सकते हैं. हालांकि जाट बाहुल्य मानी जानी वाली इस सीट पर दुष्यंत 2014 में भी चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन तब वो चुनाव नहीं जीत पाये थे. उनको वीरेन्द्र सिंह की पत्नी प्रेमलता ने करीब 7 हजार वोटों से मात दी थी. पिछले चुनाव में हार के बावजूद दुष्यंत इस सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.

दुष्यंत के इस सीट से चुनाव लड़ने के पीछे बड़ा कारण यह है कि इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला स्वयं उचाना कला से विधायक रह चुके हैं. दुष्यंत यहां से चुनाव लड़कर हरियाणा को यह संदेश देना चाहते है कि चौटाला परिवार की राजनीतिक विरासत के असली वारिस वो स्वयं ही हैं.

इस सीट के चुनाव का दूसरा बड़ा कारण बृजेन्द्र सिंह का हिसार लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुना जाना है. दुष्यंत को हराकर बृजेंद्र लोकसभा सांसद बन चुके हैं. पिता पहले ही राज्यसभा सांसद है तो इस बार विधानसभा चुनाव में मुमकिन है कि बीजेपी वर्तमान विधायक और वीरेन्द्र की पत्नी प्रेमलता की जगह किसी अन्य उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारे. अगर बीजेपी उम्मीदवार वीरेन्द्र सिंह के परिवार से बाहर का होगा तो चुनाव में दुष्यंत के जीतने की संभावना ज्यादा होगी.

डबवालीः
2009 विधानसभा चुनाव में इस सीट से दुष्यंत के पिता अजय चौटाला विधायक चुने गए थे. लेकिन शिक्षक भर्ती घोटाले में सजा होने के बाद दुष्यत की मां नैना चौटाला ने मोर्चा संभाला और पहली बार चुनाव मैदान में उतरी. उन्होंने कांग्रेस नेता कर्मवीर सिंह को करीब 9 हजार वोटों से मात दी.

अगर बीजेपी वीरेन्द्र सिंह की पत्नी प्रेमलता को उचाना कला से चुनाव लड़वाती है तो संभव है दुष्यंत अपनी मां नैना चौटाला की सीट डबवाली से भाग्य आजमाएं. इंडियन नेशनल लोकदल पिछले चार चुनाव से यहां अपराजय है. लेकिन दुष्यंत इस बार इनेलो के टिकट पर नहीं बल्कि जननायक जनता पार्टी के बैनर पर चुनाव लडते नजर आएंगे.

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