सदन में किसानों की आवाज बने डॉ किरोडी मीणा, फसल खराबे सहित अन्य मुआवजा राशि को बढाने की जोर-शोर से रखी मांग

किसान प्रति हेक्टेयर करीब सवा से डेढ़ लाख रूपये में गेहूं तैयार करता है, एनडीआरएफ के द्वारा मात्र 13,500 रूपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सहायता मिलती है, जो कि अपर्याप्त है, पक्ष-विपक्ष के कई सांसदों ने डॉ मीणा का किया समर्थन

राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीणा
राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीणा

पॉलिटॉक्स न्यूज़/दिल्ली-राजस्थान. राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीणा ने शुक्रवार को पिछले दिनों हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान में हुई भारी बारिश व अतिओलावृष्टि का मुद्दा जोर शोर से सदन में उठाया. सांसद किरोड़ी मीणा ने अति ओलावृष्टि से किसानों की खराब हुई फसल का शत-प्रतिशत मुआवजा देने व एनडीआरएफ के द्वारा दी जाने वाली मुआवजा राशि को बढाने सहित किसानों की अन्य समस्याओं को केंद्र सरकार के समक्ष रखा. इस दौरान डॉ किरोडी लाल मीणा द्वारा उठाये गए मुददों का पक्ष-विपक्ष के कई सांसदों ने भी समर्थन किया.

राज्यसभा में सांसद डॉ किरोडी लाल मीणा ने सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि देश के कई हिस्सों में पिछले दिनों जबरदस्त ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसल तबाह हो गई है. देश में हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के करीब 18 जिलों में प्रकृति के इस कहर के कारण किसानों की फसलें पूरी तरह चौपट हो गई हैं. इस प्राकृतिक आपदा के कारण पशुओं को चरने के लिए चारा तक नहीं बचा है. इस तरह की आपदा के समय केंद्र सरकार एनडीआरएफ के तहत किसानों को सहायता देती है.

सांसद किरोडी मीणा ने आगे कहा कि राजस्थान में किसान एक हेक्टेयर भूमि में करीब सवा से डेढ़ लाख रूपये में गेहूं तैयार करता है. इसके लिए एनडीआरएफ के द्वारा मात्र 13,500 रूपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सहायता मिलती है, जो कि अपर्याप्त है. हमारा किसान डेढ़ लाख रुपए की फसल पैदा करे और उसे मात्र 13,500 रूपये मिले यह बहुत कम है. सांसद किरोडी मीणा ने आगे कहा कि किसी की झोपड़ी गिर जाए तो 4100 रुपए, टिन शेड गिर जाए तो 2100 रूपये, मकान ध्वस्त हो जाए तो मात्र 95,000 रूपये, वहीं गाय, भैंस, ऊंट पर मात्र 30,000 और भेड़ बकरी पर 3000 रूपये सहायता के रूप में दिए जाते हैं, जो कि बहुत कम हैं. किरोडी मीणा ने कहा एनडीआरएफ के मापदंडों को रिवाइज किया जाए और सहायता राशि को बढाया जाए तो किसानों के लिए बहुत अच्छा होगा.

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सांसद किरोडी लाल मीणा ने सदन को बताया कि राजस्थान में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का स्टेट शेयर राजस्थान सरकार ने जमा नहीं कराया है. स्टेट शेयर के जमा नहीं होने के कारण प्रदेश के किसानों को ना ही खरीफ की फसल का पैसा मिला है और ना ही रबि की फसल का. राजस्थान में जितनी भी फसल बीमित है, केसीसी, कोऑपरेटिव बैंक, कोमर्शियल बैंक या अन्य मार्ग से किसान ने जो बीमा कराया है, वह बीमा किसान के किसी काम का नहीं है क्योंकि राजस्थान सरकार की लापरवाही के कारण किसानों को बीमे का पैसा नहीं मिल पा रहा है.

वहीं केन्द्र सरकार से मांग करते हुए सांसद किरोडी मीणा ने कहा कि किसानों के ऋण माफ किए जाएं और 6 महीने के बिजली के बिल माफ किए जाएं. राजस्थान में स्थिति बहुत ज्यादा खराब है इसलिए किसानों को रोजगार दिए जाए विशेषकर नरेगा के काम बड़े पैमाने पर किए जाएं. इसके साथ ही डॉ मीणा ने कहा कि चारा डिपो खोलकर पशुओं को बचाया जाए, एनएफएसए के तहत विशेष अनाज बांटने की व्यवस्था की जाए. ओलावृष्टि से कई जगह फसल पूरी तरह खराब हो गई है ऐसी जगहों का सर्वे करवाकर उसका पैसा एनडीआरएफ के तहत दिया जाए.