राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहने वाली दीपिका की फ़िल्म ‘छपाक’ तीन कांग्रेस शाषित राज्यों में हुई टैक्स फ्री

इसे फ़िल्म का प्रमोशन कहें या दीपिका की राजनीति लेकिन फ़िल्म ने रिलीज से पहले ही जबरदस्त पब्लिसिटी पा ली, फ़िल्म के लिए समाजवादी पार्टी ने लखनऊ में बुक करवाया पूरा सिनेमा हॉल

पाॅलिटाॅक्स ब्यूरो. सत्ता को पाने के लिए तो भाजपा और कांग्रेस के बीच हमेशा सियासी जंग चलती रहती है, लेकिन इन दिनों दोनों ही पार्टियां फिल्म ‘छपाक’ और उसकी हिरोइन ‘दीपिका पादुकोण’ को लेकर आमने सामने हैं. सोशल मीडिया पर दोनों पार्टियों के समर्थकों की ओर धुआंधार खेल चल रहा है. दोनों पार्टियों के बीच सियासी बाणों के बीच एक कदम आगे बढ़ते हुए कांग्रेस शासित तीन राज्यों ने आज रिलीज हो रही फिल्म ‘छपाक’ को टैक्स फ्री कर दिया है. बता दें, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और पंड्डुचेरी में फ़िल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया है.

अब इसे फ़िल्म का प्रमोशन कहें या दीपिका की राजनीतिक एंट्री, चाहे कुछ भी हो लेकिन फ़िल्म ने रिलीज से पहले ही जबरदस्त पब्लिसिटी पा ली है. जेएनयू, छपाक और दीपिका पादुकोण तीनों ही इन दिनों जबरदस्त सुर्खियों में बने हुए हैं. फिल्म एक्ट्रेस और आज रिलीज हुई फिल्म ‘छपाक’ की प्रोड्यूसर दीपिका पादुकोण जेएनयू क्या गई, राजनीति के फेरे में आ गई. दीपिका पादुकोण जेएनयू में कुछ छात्रों के साथ हुई हिंसा के बाद हो रहे आंदोलन में शामिल छात्रों से मिलने गई थी. दीपिका का वहां जाना था और छपाक का ट्रोल होना था. ट्वीटर पर छपाक गर्ल के लिए घमासान मच गया.

दीपिका के जेएनयू जाने के बाद #boycottchhapaak और #ISupportDeepika हैशटेग के बीच मानों जंग छिड गई और सोशल मीडिया दोनों हैशटैग के बीच बंट गया. इसी बीच दीपिका पादुकोण का एक पुराना बयान भी जबरदस्त चर्चा में आ गया जिसमें दीपिका ने कहा था कि वो राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद पर देखना चाहती हैं, बस फिर क्या था शुक्रवार को फिल्म रीलिज हुई फिल्म को बड़ा सपोर्ट करते हुए गुरूवार को ही कांग्रेस शासित तीन राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और पुडडुचेरी में फ़िल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया.

बता दें, दीपिका पादुकोण की फ़िल्म छपाक रियल घटना पर आधारित है, इसमें एसिड अटैक की शिकार बनी एक लडकी के जीवन और उसके संघर्ष की कहानी को उजागर किया गया है. अब दीपिका के छपाक की रिलीज से पहले जेएनयू जाने की बहादुरी की असल वजह तो वो ही जानतीं हैं लेकिन एक बात तो साफ है कि पिछले कुछ समय में एक ट्रेंड काफी विकसित हो गया है कि जो भी फिल्म विवादों के घेरे में आती है, वह अच्छी संख्या में दर्शकों को बटोर लेती है, फिर समय के साथ सारे विवाद आए-गए हो जाते हैं. पद्मावत और पानीपत इसके सटीक उदाहरण हैं.

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दीपिका के जेएनयू जाने पर भाजपा के बड़े नेता मुख्तयार अब्बास नकवी नेे कहा दीपिका फिल्म के प्रमोशन के लिए जेएनयू गईं थीं, इसमें भाजपा को कोई आपत्ति नहीं, कोई भी स्टार अपनी फिल्म का प्रमोशन कहीं भी कर सकता है. लेकिन भाजपा के बयान और सच्चाई में बहुत अंतर नजर आ रहा है. सोशल मीडिया पर भाजपाई जिस तरह छपाक के बाॅयकाट में जुटें हैं किसी से छिपा नहीं है. भाजपा विचारधारा से जुडे लोग फिल्म छपाक की एडवांस बुकिंग कराकर उसे कैंसिल कराने के स्क्रीन शाॅट सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं.

वहीं कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित अन्य कई दलों के समर्थक दीपिका को बहादुर बता रहे हैं. यहां तक कि दीपिका पादुकोण के समर्थन में अब खुलकर सामने आई समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को अपने कार्यकर्ताओं को ‘छपाक‘ फिल्म दिखाने के लिए लखनऊ में एक पूरा सिनेमा हॉल ही बुक करवा दिया है. अब देखना यह है कि सियासी फेरे में आकर रिलीज से पहले ही जबरदस्त सियासी पब्लिसिटी ले चुकी दीपिका पादुकोण की यह फ़िल्म छपाक बाॅक्स आॅफिस पर कितना दौडती है?

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