बेरोजगार छात्रों के आक्रोश पर कांग्रेस ने पीएम मोदी के खिलाफ ‘ठोकी सियासी ताल’

कांग्रेस ने कहा ढाई करोड़ बेरोजगारों के साथ मोदी सरकार ने किया विश्वासघात, युवाओं को नौकरी चाहिए भाषण नहीं, मानसून सत्र में बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बनाएगी कांग्रेस, जमकर होगी आरोपों की वर्षा

कांग्रेस ने पीएम मोदी के खिलाफ 'ठोकी सियासी ताल'
कांग्रेस ने पीएम मोदी के खिलाफ 'ठोकी सियासी ताल'

Politalks.News/Bharat. दुनिया की राजनीति में सत्तारूढ़ सरकारों के गलत फैसले, नीतियां और कमजोरियां हमेशा से विपक्षी पार्टियों के लिए ‘वरदान’ साबित होती रही हैं. यही राजनीति हमारे देश में भी विपक्षी नेताओं को खूब फलती-फूलती है. आज हम चर्चा कर रहे हैं कांग्रेस की, जो केंद्र में विपक्ष की भूमिका में है. पिछले दिनों वर्किंग कमेटी में हुए घमासान के बाद सदमे में आई कांग्रेस अब उभरने लगी है.

30 अगस्त की तारीख कांग्रेस के उभरने के लिए एक ‘नया सवेरा‘ लेकर आई. उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बहुचर्चित रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात‘ से देश की जनता को संबोधित कर रहे थे. मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की लोकप्रियता को कांग्रेस पार्टी भली-भांति जानती है, लेकिन उस दिन पीएम की ‘मन की बात’ को देशभर के विद्यार्थियों और बेरोजगारों ने ‘नापसंद‘ किया तो कांग्रेस का खुशी का ठिकाना नहीं रहा. इसके बाद कांग्रेसियों ने बेरोजगारी और छात्र राजनीति के मुद्दे पर ‘गणित‘ लगाना शुरू कर दिया.

दूसरी ओर पीएम मोदी के मन की बात के बाद सोशल मीडिया पर देश के कई शहरों से युवाओं और बेरोजगारों के आक्रोश भरे कमेंट्स पढ़े गए और वीडियो दिखाई दिए. इन वीडियो में पढ़ा-लिखा युवा वर्ग केंद्र सरकार से सीधे अपनी नौकरी का जवाब मांगते हुए नजर आया. सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार के प्रति युवाओं के आक्रोश को देखते हुए कांग्रेस ने पीएम मोदी से जवाब मांगने और बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरने के लिए ताल ठोकनी शुरू कर दी है.

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अब कांग्रेस ने चीन, नेपाल, पाकिस्तान, देश की जीडीपी, ध्वस्त अर्थव्यवस्था आदि मुद्दों के साथ बेरोजगारी और छात्र राजनीति के मुद्दे को भी शामिल कर लिया है. जिसकी शुरुआत कांग्रेस के नेताओं ने मंगलवार से ही आक्रामक अंदाज से शुरू कर दी है. यहां हम आपको बता दें कि इसी माह 14 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार पर न सिर्फ दहाड़ेगी बल्कि जमकर आरोपों की वर्षा भी करेगी.

कांग्रेस ने कहा- ढाई करोड़ बेरोजगारों के साथ मोदी सरकार ने किया विश्वासघात-

कांग्रेस पार्टी ने कहा है केंद्र की मोदी सरकार ने देश के ढाई करोड़ बेरोजगारों युवाओं के साथ विश्वासघात किया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उसने रेल विभाग, एनटीपीसी, और ग्रुप डी की नौकरी के लिए ढाई करोड़ बेरोजगार छात्रों से फार्म भरवाए और दो साल से उन्हें इंतजार में लटका रखा है.

युवाओं को नौकरी चाहिए, भाषण नहीं

गौरतलब है कि कांग्रेस इन दिनों मोदी सरकार पर चीन के साथ सीमा विवाद मुद्दे पर आक्रामक रवैया अपनाए हुए है लेकिन अब बेरोजगारी और नौकरी के मुद्दे को भी हथियार बना लिया है. सुरजेवाला ने कहा कि मोदी इधर-उधर की बातें न करें युवाओं को नौकरी दें. इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मोदी सरकार को घेरा. प्रियंका ने कहा कि एसएससी और रेलवे ने कई परीक्षाओं के परिणाम सालों से रोक कर रखे हैं. किसी का परिणाम अटका हुआ है तो किसी की परीक्षा ही नहीं हुई है. सरकार युवाओं के धैर्य की परीक्षा कब तक लेती रहेगी. प्रियंका ने कहा कि युवाओं को नौकरी चाहिए, भाषण नहीं.

पिछले दिनों कोरोना में दो करोड़ लोगों की नौकरियां जाने पर राहुल ने मांगा था जवाब-

पिछले दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर कोरोना संकट काल में दो करोड़ लोगों की नौकरियां जाने पर जवाब मांगा था. राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पिछले चार महीनों में करीब दो करोड़ लोगों ने नौकरियां गंवाईं हैं. देश के दो करोड़ परिवारों का भविष्य अंधकार में है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा था कि जुलाई में ही लगभग 50 लाख लोगों ने नौकरी गंवाई है. राहुल गांधी के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसी विषय पर दावा किया कि अब केंद्र सरकार की सच्चाई जगजाहिर हो चुकी है. सुरजेवाला ने कहा कि खेती और निर्माण क्षेत्र में 41 लाख लोगों की नौकरी गई, भाजपा ने देश की रोजी-रोटी पर ग्रहण लगाया.

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हम आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार का बेरोजगारी और छात्र राजनीति का अनुभव पिछले कुछ वर्षों में अच्छा नहीं कहा जा सकता है. आपको याद होगा पिछले वर्ष दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि को लेकर छात्रों का आंदोलन पूरे देश भर में फैल गया था. देशभर में छात्रों के उग्र आंदोलन के बाद केंद्र सरकार को अपना ही आदेश वापस लेना पड़ा था. कांग्रेस पार्टी अब बेरोजगारी और छात्र राजनीति के मुद्दे को ही मोदी सरकार के खिलाफ धार देने की कोशिश में जुटी गई है.

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