‘कांग्रेस को अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के और सबूत चाहिए?’

सोशल मीडिया की आज की हलचल

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. देश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध और तीन देशों के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने के बहस के बीच पाकिस्तान में सिखों पर अत्याचार की नई तस्वीर सामने आई है. पाकिस्तान में ननकाना साहिब (Nankana Saheb) गुरुद्वारे पर शुक्रवार को सैकड़ों लोगों की भीड़ ने पथराव किया और नाम बदलने की धमकी दी. इस हमले को लेकर भारत ने एक्शन लेते हुए पाकिस्तान में सिख समुदाय की सुरक्षा की मांग की. देश में सीएए के के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के बीच पाक में अल्पसंख्यक समुदाय पर हुए इस हमले को बीजेपी भुनाने में जुट गई है.

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अब ये मामला (Nankana Saheb) सोशल मीडिया के जरिए जोर शोर से उठाया जा रहा है. ट्वीटर पर एक बीजेपी नेता ने विपक्ष से पूछा क्या कांग्रेस को अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के और सबूत चाहिए? वहीं कांग्रेस भी पलटवार करने में लगी हुई है.

ननकाना साहिब हमला 1955 के पंत-मिर्जा समझौते का उल्लंघन है. इसके तहत भारत और पाकिस्तान यह सुनिश्चित करने व हर संभव प्रयास करने के लिए बाध्य हैं कि वह ऐसे पूजा स्थलों की पवित्रता को संरक्षित रखें, जिनमें दोनों देशों के श्रद्धालु जाते हैं. भारत ने पाकिस्तान से सिख समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान किया है.

गौरतलब है कि पाकिस्तान में ननकाना साहिब (Nankana Saheb) गुरुद्वारे पर शुक्रवार को सैकड़ों लोगों की भीड़ ने पथराव किया और गुरुद्वारे का नाम बदलने की धमकी दी. हमले के दौरान काफी संख्या में सिख श्रद्धालु गुरुद्वारे के अंदर फंस गए. सूत्रों का कहना है कि भीड़ का नेतृत्व मोहम्मद हसन के परिवार ने किया था, जिसने एक सिख लड़की जगजीत कौर का अपहरण और धर्म परिवर्तन किया था. इस मामले में वे लोग उनके खिलाफ की गई पुलिस कार्रवाई का विरोध कर रहे थे.

 

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