Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में एक तरफ जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सियासी जंग चल रही है, वहीं दूसरी तरफ केन्द्र सरकार के अधीन वाली ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स जैसी जांच एजेंसियों द्वारा लगातार सीएम गहलोत के करीबियों पर छापे की कार्रवाई की जा रही है. बुधवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 7 करोड़ के फर्टिलाइजर स्कैम मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के घर और फॉर्म हाउस पर छापे की कार्रवाई की. इस दौरान ईडी की टीम पीपीई किट पहनकर अग्रसेन गहलोत के फॉर्म हाउस पहुंची जहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स की सुरक्षा में छापे की कार्रवाई की गई.
प्रदेश में चल रही ईडी और इंकम टैक्स की कार्रवाई को लेकर सीएम गहलोत लगातार भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर निशाना साधते रहे है. केंद्रीय एजेंसियां ईडी, इंकम टैक्स और सीबीआई बीते 10 दिनों में सीएम गहलोत के करीबियों और रिश्तेदारों पर अब तक 5 बड़ी कार्रवाई कर चुकी हैं. बीते सप्ताह 13 जुलाई को इनकम टैक्स ने कांग्रेस नेता राजीव अरोड़ा और धर्मेद्र राठौड़ के ठिकानों पर छापेमारी कर लंबी पूछताछ की. इसके बाद 21 जुलाई को सीबीआई ने कांग्रेस विधायक कृष्णा पुनियां से और सीएम गहलोत के ओएसडी देवाराम सैनी से पुछताछ की. इसके बाद आज सीएम गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की.
सीएम गहलोत के भाई के ठिकानों पर हुई ईडी की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा. सुरजेवाला ने कहा कि डराने, धमकाने के लिए ईडी के छापे मारे जा रहे हैं. भाजपा ने जनमत को चुनौती दी है. पहले 13 जुलाई को सीएम गहलोत के नजदीकी राजीव अरोडा और धमेंद्र राठौड पर इंकम टैक्स की कार्रवाई हुई. इसके बाद 20 और 21 जुलाई को इनकम टैक्स और ईडी के साथ हमारी विधायक कृष्णा पूनियां के पास सीबीआई भेज दी. दिल्ली में बैठे हुक्मरानों का ये दबाव डालने का हथकंडा था. दिल्ली में बैठे हुए हुकुमरान अहंकारी हो गए है. उनका मानना है कि वो जब चाहे, जिसे चाहे अपने पांव तले रौंद सकते हैं.
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सुरजेवाला ने कहा कि 21 जुलाई को मुख्यमंत्री के ओएसडी को सीबीआई ने बुलाया. अब सीएम गहलोत के बडे भाई अग्रसेन गहलोत निशाना बनाए गए हैं. जो कि ना राजनीति में हैं ना उनका रालनीति से कोई सरोकार है. अग्रसेन के घर ईडी के छापे डाले गए हैं. पीएम मोदी ने देश में रेड राज पैदा किया हुआ है. रेड राज से राजस्थान डरने वाला नहीं है. प्रदेश के 8 करोड़ लोग घबराने वाले नहीं हैं. इन धमकियों से दूसरे राज्यों में किसी और को डरा लिया होगा. लेकिन राजस्थान की जनता और गहलोत सरकार के विधायक डरने वाले नहीं. ना ही हमारी सरकार अस्थिर होने वाली है. भाजपा ने राजस्थान के स्वाभिमान को चुनौती दी है.
केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि केंद्र सरकार का चेहरा सामने आ गया है. केंद्र सरकार कोरोना संकट के इस समय में भी ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स के दम पर राज करना चाहती है. इसी के चलते सीएम गहलोत के भाई के घर ईडी की रेड करवाई. मुख्यमंत्री का भाई होना गुनाह हो गया है. हम ईडी से और ना ही सीबीआई डरेंगे. राजस्थान डरने वाला नहीं है. मुख्यमंत्री के भाई के बाद अब कई मंत्रियों पर भी हो छापे की कार्रवाई हो सकती है. केंद्र सरकार किसी भी हद तक जा सकती है.
वहीं रणदीप सुरजेवाला और अन्य कांग्रेसी नेताओं के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि जो आरोप प्रदेश की गहलोत सरकार केंद्र सरकार पर लगा रही है, वैसे ही आरोप गहलोत सरकार पर भी आसानी से लगाए जा सकते हैं. क्योंकि प्रदेश में भी गहलोत सरकार एसओजी और एसीबी का गलत इस्तेमाल कर रही है. पूनियां ने यह भी कहा की ईडी, इनकम टैक्स या अन्य कोई केंद्रीय जांच एजेंसी हो, इनकी छापामार कार्रवाई अचानक नहीं की जाती है. इसकी पूरी प्रक्रिया होती है, जिसमें सर्वे भी शामिल है. इसलिए इन जांच एजेंसियों पर राजनीतिक आरोप लगाना गलत है.
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भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने भी कहा कि कांग्रेस के इस प्रकार के दोहरे मापदंड नहीं चलेंगे. एसएचओ विष्णुदत्त विश्नोई आत्महत्या मामले में खुद प्रदेश सरकार ने ही सीबीआई को जांच सौंपी है, जिस पर काम शुरू हो गया है. अब यदि इस पर प्रदेश सरकार सीबीआई की कार्रवाई पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है, तो यह उचित नहीं है.
बता दें, 2017 में अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत का नाम फर्टिलाइजर यानी उवर्रक घोटाले में सामने आया था. इस दौरान उन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने साल 2007 से 2009 के बीच किसानों के हक को मारकर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया. उस समय अशोक गहलोत राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे. अग्रसेन गहलोत पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने रसूख का इस्तेमाल कर किसानों को मुहैया कराए जाने वाले फर्टिलाइजर की आपूर्ति में घोटाला किया था. साल 2017 में बीजेपी ने इस मामले को लेकर अशोक गहलोत पर जोरदार हमला भी बोला था.