सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, चुनी हुई सरकार गिराने के प्रयासों की ओर किया ध्यानाकर्षित

मुझे ज्ञात नहीं है कि किस हद तक यह सब आपकी जानकारी में है अथवा आपको गुमराह किया जा रहा है, इतिहास ऐसे कृत्य में भागीदार बनने वालों को कभी माफ नहीं करेगा - सीएम गहलोत

सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में आए सियासी संकट को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र सरकार और भाजपा नेताओं पर लगातार हमलावर है. सरकार गिराने के किए जा रहे प्रयासों को लेकर बुधवार को सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित करने के लिए पत्र लिखा.

सीएम गहलोत ने पत्र के माध्यम से कहा कि मैं आपका ध्यान राज्यों में चुनी हुई सरकारों को लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत होर्स ट्रेंडिंग के माध्यम से गिराने के लिए किए जा रहे कुत्सित प्रयासों की ओर आकृष्ट करना चाहूंगा. हमारे संविधान में बहुदलीय व्यवस्था के कारण राज्य एवं केंद्र में अलग-अलग दलों की सरकारें चुनी जाती रही हैं. यह हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती ही है कि इन सरकारों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोक हित को सर्वोपरि रखते हुए कार्य किया.

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की सरकार द्वारा 1985 में बनाए गए दल बदल निरोधक कानून एवं अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा किए गए संशोधन की भावनाओं तथा जनहित को दरकिनार कर पिछले कुछ समय से लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई राज्य सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है. यह जनमत का घोर अपमान और संवैधानिक मूल्यों की खुली अवहेलना है. कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश में हुए घटनाक्रम इसके उदाहरण है.

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कोविड-19 महामारी के इस दौर में जीवन रक्षा ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. ऐसे में राजस्थान में भी चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया जा रहा है. इस कृत्य में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा के अन्य नेता एवं हमारे दल के कुछ अति महत्वकांक्षी नेता भी शामिल है. इनमें से एक विधायक भंवर लाल शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता ने स्वर्गीय भैरोंसिंह शेखावत सरकार को भी विधायकों की खरीद-फरोख्त कर गिराने का प्रयास किया था. धनराशि तक कई विधायकों तक पहुंच चुकी थी. उस समय मैंने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते तत्कालीन राज्यपाल बलिराम भगत एवं प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव से व्यक्तिगत मिलकर विरोध किया कि इस प्रकार खरीद-फरोख्त कर चुनी हुई सरकार को गिराना लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है. ऐसे षड्यंत्र आम जनता के साथ धोखा है.

मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि इस बात का हमेशा अफसोस रहेगा कि आज जहां आम आदमी के जीवन एवं आजीविका को बचाने की जिम्मेदारी केंद्र एवं राज्य सरकारों की निरंतर बनी हुई है. उसके बीच में केंद्र में सत्ता पक्ष कैसे कोरोना प्रबंधन की प्राथमिकता छोड़कर कांग्रेस की राज्य सरकार को गिराने के षड्यंत्र में मुख्य भागीदारी निभा सकता है. ऐसे ही आरोप पूर्व में कोरोना के चलते मध्य प्रदेश सरकार गिराने के वक्त लगे थे एवं आपकी पार्टी की देशभर में बदनामी हुई थी.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अंत में कहा कि मुझे ज्ञात नहीं है कि किस हद तक यह सब आपकी जानकारी में है अथवा आपको गुमराह किया जा रहा है. इतिहास ऐसे कृत्य में भागीदार बनने वालों को कभी माफ नहीं करेगा. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि अंततः सच्चाई के साथ साथ स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं एवं संवैधानिक मूल्यों की जीत होगी और हमारी सरकार सुशासन देते हुए अपना कार्यकाल पूरा करेगी.

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