महाराष्ट्र सरकार-राज्यपाल के बीच टला टकराव, ठाकरे के विरोध ने प्रदेश में रोका कोश्यारी ‘पावर सेंटर’

राज्यपाल कोश्यारी हैं कि ठाकरे सरकार को नहीं लेने देते चैन!, तीन दिन जिलों के दौरे में करने वाले थे कलेक्टर्स से रिव्यू मीटिंग, ठाकरे कैबिनेट ने जताया विरोध तो खींचे हाथ, अब केवल करेंगे दौरा, सरकार नहीं चाहती दो शक्ति केन्द्र, राजकीय विमान से उतारे जा चुके हैं एक बार कोश्यारी

ठाकरे के विरोध ने प्रदेश में रोका कोश्यारी 'पावर सेंटर'
ठाकरे के विरोध ने प्रदेश में रोका कोश्यारी 'पावर सेंटर'

Politalks.News/Maharashtra. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी लगातार कुछ न कुछ ऐसा करते रहते हैं, जिसकी वजह से उनके और ठाकरे सरकार के बीच तनाव बना रहता है. कोश्यारी ने महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए भेजे गए 12 नामों की सूची को नौ महीने से लटका रखा है. कुछ समय पहले राज्यपाल ने कोरोना प्रबंधन पर एक समीक्षा बैठक बुला ली थी, जिसके विरोध में शिव सेना के नेताओं ने दिल्ली तक संपर्क किया और तब जाकर वह बैठक टली थी. इसी तरह ‘अघाड़ी गठबंधन’ की उद्धव ठाकरे सरकार ने उनको राज्य सरकार के विशेष विमान से उतार दिया था, जिसे लेकर बहुत विवाद हुआ था. अब उन्होंने नया मोर्चा खोला था. कोश्यारी ने तीन दिन के दौरे पर तीन जिलों में जा रहे हैं और कलेक्टरों के साथ भी बैठक करेंगे. इसके बाद जब ठाकरे कैबिनेट में इस पर विरोध जताया गया तो राज्यपाल ने अपना संशोधित कार्यक्रम जारी किया. राज्यपाल के कार्यक्रम में बदलाव के बाद ही राज्य सरकार और राज्यपाल में होने वाला संभावित टकराव फिलहाल तो टल गया है.

तीन जिलों के दौरे के दौरान करने वाले थे कलेक्टर्स के साथ मीटिंग
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पांच से सात अगस्त तक नांदेड़, हिंगोली और परभनी के दौरे पर हैं. बताया जा रहा है कि इस दौरान वे हिंगोली और परभनी के कलेक्टरों के साथ दो-दो घंटे की बैठक करेंगे. इसके अलावा नांदेड़ में ब्वॉयज और गर्ल्स हॉस्टल का उद्घाटन करने का उनका कार्यक्रम है. बताया जा रहा है कि यह हॉस्टल अल्पसंख्यक विकास विभाग ने बनाया है, लेकिन मजे की बात यह है कि विभाग को पता ही नहीं है कि इसका उद्घाटन होने जा रहा है.

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ठाकरे कैबिनेट ने जताया था विरोध
राज्यपाल के इस दौरे को लेकर ठाकरे कैबिनेट में चर्चा हुई और मंत्रियों ने राज्यपाल की आलोचना की. तय किया गया कि मुख्य सचिव राजभवन जाकर राज्यपाल के सचिव से बात करेंगे और कार्यक्रमों को रूकवाने का प्रयास करेंगे. सरकार के मंत्रियों ने राज्यपाल के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि वे मुख्यमंत्री नहीं हैं, जो रोजमर्रा के कामकाज की समीक्षा करेंगे और कलेक्टरों के साथ बैठक करेंगे. यह भी कहा गया है कि इस समय राज्य बाढ़, बारिश और कोरोना की वजह से कई किस्म की परेशानी में घिरा है और इसलिए राज्यपाल को नई राजनीतिक परेशानी नहीं पैदा करनी चाहिए. गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से राज्यपाल को बदलने पर भी चर्चा की जा रही है.

विरोध के बाद कोश्यारी ने बदला कार्यक्रम
अब महाराष्ट्र कैबिनेट की नाराज़गी के बाद अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपना कार्यक्रम बदल लिया है. अब वो रिव्यू मीटिंग नहीं करेंगे. बुधवार को उन्होंने नांदेड़, परभणी और हिंगोली जिलों में अपने कार्यक्रम को संशोधित किया है. माना जा रहा है कि इससे महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल के बीच तनातनी कम होगी. बुधवार को जारी संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, राज्यपाल अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान जिला अधिकारियों के साथ ‘समीक्षा बैठकें’ करने के बजाय ‘कलेक्टर कार्यालयों’ में, जिला अधिकारियों के साथ बैठकें करेंगे.

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राज्यपाल कोश्यारी नांदेड़ और हिंगोली जिलों के सर्किट हाउस में जिला अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. परभणी में जिले के अधिकारियों के साथ उनकी बैठक वसंतराव नायक कृषि विद्यापीठ के विश्राम गृह में होगी. हालांकि, नांदेड़ में स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में बालिका और लड़कों के छात्रावास के उद्घाटन के कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

‘राज्य में नहीं बनने दे सकते दो पावर सेंटर’- नवाब मलिक
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा था कि, ‘हमारे मंत्रिमंडल ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की थी कि राज्यपाल यहां दो पावर सेंटर बना रहे हैं. अब राज्यपाल ने अपने कार्यक्रम में सुधार किया और कलेक्टर कार्यालयों में समीक्षा बैठकें रद्द कर दीं हैं. हमें राज्यपाल द्वारा सर्किट हाउस में जिला अधिकारियों से मुलाकात करने में कोई आपत्ति नहीं है. हमारा एकमात्र तर्क ये था कि राज्यपाल कलेक्टर कार्यालय में समीक्षा बैठक नहीं कर सकते हैं और दो शक्ति केंद्र नहीं बना सकते हैं’.

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2 अगस्त को जारी पहले के कार्यक्रम के अनुसार, राज्यपाल को तीनों जिलों में कलेक्टर कार्यालय में जिला अधिकारियों के साथ ‘समीक्षा बैठक’ करनी थी. मलिक ने मंगलवार को मीडियाकर्मियों से कहा था कि राज्य मंत्रिमंडल में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी, जिसने इन घटनाओं पर नाराजगी व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था कि मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को राज्यपाल के सचिव से व्यक्तिगत रूप से मिलने और ये बताने के लिए कहा गया है कि दूसरे शक्ति केंद्र के रूप में संचालन का ये व्यवहार उचित नहीं है. सरकार ने छात्रावासों के उद्घाटन पर भी आपत्ति जताते हुए कहा था कि राज्यपाल राज्य सरकार को अपने कार्यक्रमों के समन्वय या संवाद के बिना ऐसा कर रहे हैं.

 

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