हाथरस कांड में उलझे सीएम योगी ने सीबीआई जांच के आदेश देकर अपने सिस्टम को ही दे दी चुनौती

सीबीआई जांच कराने के फैसले से पीड़िता के परिजनों ने भाजपा सरकार के प्रति हमदर्दी नहीं दिखाई, बल्कि कहा- हम सीबीआई जांच नहीं चाहते हैं, केस की न्यायिक जांच होनी चाहिए, डीएम पर कार्रवाई न किए जाने पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

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Politalks. News/UP. हाथरस में युवती के साथ गैंगरेप और मौत के मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सियासी रूप से उलझे हुए हैं. विपक्षी दलों के नेता इस मामले को हर रोज नए-नए हथकंडे अपनाकर तूल देने में जुटे हुए हैं. शनिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के महासचिव प्रियंका गांधी ने जब हाथरस आने और मृतका के परिजनों से मुलाकात करने का एलान किया तो सीएम योगी को लगा कि एक बार फिर बाजी हाथ से निकल जाएगी. रात आठ बजे जब प्रियंका-राहुल गांधी मृतका के परिजनों से मुलाकात कर रहे थे ठीक उसी समय सीएम योगी ने हाथरस रेप कांड की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के आदेश देकर घिरते नजर आए.

मुख्यमंत्री योगी का यह जल्दबाजी में लिया गया सियासी दांव उल्टा पड़ गया. यूपी के मुख्यमंत्री के इस सीबीआई जांच कराने के फैसले से पीड़िता के परिजनों ने भाजपा सरकार के प्रति हमदर्दी नहीं दिखाई, योगी सरकार के इस आदेश के बाद गैंगरेप पीड़िता के पिता और भाई ने कहा कि हम सीबीआई जांच नहीं चाहते हैं. केस की न्यायिक जांच होनी चाहिए. हम जज की निगरानी में जांच चाहते हैं. दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई पर भरोसा कर अपने ही सिस्टम (इंटेलिजेंस एसआईटी) जो कि इस घटना की पूरी जांच करने में जुटी हुई थीं उन पर भी एक तरह से अविश्वास जता दिया है. इसके अलावा योगी ने अपने पुलिस-प्रशासन अफसरों को भी इस लायक नहीं समझा कि वह हाथरस के इस रेपकांड को सही तरह हैंडल कर सके.

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हाथरस की घटना के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी पुलिस के सबसे बड़े मुखिया डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी से भी नाराज बताए जा रहे हैं. हम आपको बता दें कि किसी भी घटना की सीबीआई जांच कराना कितनी टेढ़ी खीर होता है. अभी कुछ दिनों पहले हमने दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत राजपूत के मामले में देख लिया है. सुशांत सिंह केस में सीबीआई जांच कराने को लेकर महाराष्ट्र से बिहार तक राजनीति गर्म नजर आई थी. ऐसे में योगी सरकार के आनन-फानन में हाथरस में युवती के साथ गैंगरेप और मौत की सीबीआई जांच कराने की पहल करना सियासी गलियारों में भी गले नहीं उतरा.

पीड़िता के परिजन न्यायिक जांच चाहते हैं, सीबीआई जांच से किया मना-

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जल्दबाजी में की गई सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद पीड़िता के परिजनों ने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार से सीबीआई जांच कराने की मांग कभी नहीं की थी. परिजनों ने कहा कि सीएम योगी इस मामले की सीबीआई जांच क्यों कराना चाहते हैं ? पीड़िता के भाई ने योगी आदित्यनाथ से साफ कहा कि अभी हमारे सवालों के जवाब नहीं मिले हैं. जितनी चाहे उतनी जांच होती रहे, हमें न्याय मिलना चाहिए. सीएम योगी की ओर से ये आदेश ऐसे वक्त आया जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे थे.

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इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि हम अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे. ‘प्रियंका ने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. उन्होंने कहा कि जब पीड़ित परिवार सीबीआई जांच कराने को तैयार नहीं है तो मुख्यमंत्री योगी आदिनाथ को इतनी जल्दबाजी क्यों है? कांग्रेस महासचिव ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक हम लड़ेंगे. प्रियंका गांधी ने कहा कि परिवार न्यायिक जांच कराने के पक्ष में हैं और योगी सीबीआई जांच कराना चाहते हैं. वहीं ये केस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। देश की सबसे बड़ी अदालत में केस को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से मामले में संज्ञान लेने की मांग की गई है.

हाथरस के डीएम पर कार्रवाई न किए जाने पर कांग्रेस ने उठाए सवाल-

सीएम योगी आदित्यनाथ ने एसपी व डीएसपी सहित 5 पुलिसकर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई की लेकिन हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार पर पीड़िता के परिजनों ने कई गंभीर आरोप लगाने के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की. इस पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधा. पीड़िता के परिवार से मुलाकात करने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि जिलाधिकारी ने सारी हदें पार कर दी उसके बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की ? प्रियंका ने कहा कि डीएम प्रवीण कुमार को सस्पेंड करें सीएम योगी.

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दूसरी ओर आईपीएस संगठन ने योगी सरकार से हाथरस के डीएम पर कार्रवाई न किए जाने पर नाराज है. आईपीएस संगठन का कहना है जब हाथरस के एसपी पर इस मामले में कार्रवाई की गई तो डीएम पर क्यों नहीं ? संगठन ने कहा कि हाथरस की घटना में पुलिस वालों पर एकतरफा कार्रवाई की गई है, जबकि जिम्मेदारी पूरे प्रशासन की होती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर और कुछ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था. वहीं हाथरस कांड में डीएम प्रवीण कुमार शुरू से ही सवालों के घेरे में हैं. पीड़िता के परिवार ने डीएम पर धमकाने और दबाव डालने का आरोप लगाया है । पीड़ित परिवारजनों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी को हाथरस के डीएम पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.

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