संसद में पास हुए NCT विधेयक को CM गहलोत ने बताया लोकतंत्र की हत्या, कहा- राष्ट्रीय स्तर पर हो विरोध

चुनावों में हेरा फेरी, निर्वाचित विधायकों की खरीद फरोख्त और दोनों में कामयाब ना होने पर संसद में बहुमत के दम पर ऐसे तानाशाही समर्थक बिल पास कर चुनी हुई सरकार की शक्तियों को खत्म करना, यही BJP के शासन का तरीका है- CM गहलोत

gehlot on nct bill
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Politalks.News/GNCTD_ACT-2021. तमाम विपक्षी पार्टियों के विरोध के बावजूद भी केंद्र की मोदी सरकार ने जैसे तीनों कृषि कानूनों को लोकसभा और राज्यसभा में पास करा लिया था, ठीक उसी तर्ज पर केंद्र सरकार ने GNCTD बिल संसद के दोनों सदनों में पास करा कर दिल्ली की सत्ता को अपने हाथ में ले लिया है. जहां आम आदमी पार्टी शुरू से ही इस विधेयक का बहिष्कार कर रही है तो वहीं प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी इसे लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है. ऐसे में अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मोदी सरकार देश को फासीवादी तरीके से चलाना चाहती है, GNCTD एक्ट लोकतंत्र की हत्या है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक के बाद एक 4 ट्वीट करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा. सीएम गहलोत ने अपने पहले ट्वीट में लिखा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा दिल्ली सरकार के अधिकार कम करने के लिए बनाया गया GNCTD एक्ट लोकतंत्र की हत्या है. यह एक चुनी हुई सरकार की शक्ति खत्म करना और लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में फैसला देते हुए चुनी हुई सरकार को ही दिल्ली का असली मुखिया बताया था.

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सीएम गहलोत ने अपने अगले ट्वीट में केंद्र सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि मोदी सरकार देश को फासीवादी तरीके से चलाना चाहती है. चुनावों में हेरा फेरी, निर्वाचित विधायकों की खरीद फरोख्त और दोनों में कामयाब ना होने पर संसद में बहुमत के दम पर ऐसे तानाशाही समर्थक बिल पास कर चुनी हुई सरकार की शक्तियों को खत्म करना, यही BJP के शासन का तरीका है.

सीएम गहलोत ने बताया कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो किसी भी राज्य में अगर बीजेपी हार जाती है तो वो इस तरह का कानून लेकर राज्य सरकार की शक्तियों को समाप्त कर देगी. सीएम गहलोत ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘इस प्रकार तो आने वाले समय में मोदी सरकार किसी भी राज्य में चुनाव हारने पर ऐसे कानून लाकर राज्य सरकार की शक्तियों को समाप्त कर सकती है. मोदी सरकार के इस तानाशाही निर्णय का पार्टी लाइन से ऊपर उठकर राष्ट्रीय स्तर पर विरोध होना चाहिए.

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भाजपा द्वारा पूर्व में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने वाले मुद्दे को लेकर भी सीएम गहलोत ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. सीएम गहलोत ने ट्वीट कर लिखा कि विपक्ष में होने के दौरान BJP दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देकर अधिक अधिकारों की मांग करती थी लेकिन सत्ता में आकर ऐसे कानून लाई है. प्रधानमंत्री सहकारी संघवाद की वकालत करते हैं लेकिन ऐसे कानून बनाकर राज्य सरकारों पर केन्द्र के फैसले थोपना चाहते हैं.

क्या है सरकार द्वारा लाया गया GNCTD संशोधन विधेयक?
केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किया गया दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2021 पास हो गया है. इस बिल में दिल्‍ली सरकार के कामकाज में कुछ बदलाव किए गए हैं. जिसमें दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल को अतिरिक्‍त अधिकार देने की बात है. इस बिल का असर दिल्‍ली विधानसभा द्वारा लिए गए फैसले और दिल्‍ली सरकार के फैसलों पर भी पड़ेगा. आपको बता दें, लोकसभा में पारित हुए इस बिल के सबसे खास प्‍वाइंट के अनुसार, दिल्‍ली की विधानसभा अगर कोई भी कानून लाती है तो उसमें सरकार मतलब उपराज्‍यपाल होगा. साथ ही किसी भी शासनात्‍मक फैसले के लिए राज्‍यपाल की राय या मंजूरी लेनी होगी. बिल के इन दोनों प्‍वाइंट पर लोकसभा में विपक्ष ने आपत्ति जताई है.

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