मुख्यमंत्री के OSD लोकेश शर्मा और अज्ञात पुलिस अफसरों के खिलाफ दिल्ली क्राइम ब्रांच में मुकदमा हुआ दर्ज

केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखवात द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर में सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा और अज्ञात पुलिस अफसरों को मुख्य आरोपी बनाते हुए गैर कानूनी तरीके से फोन टेप करवाने और फिर उनको वायरल कर छवि खराब करने के आरोप लगाए हैं, विधानसभा में शांति धारीवाल के स्वीकारनामे को बनाया गया है आधार

फ़ोन टैपिंग मामले में गजेंद्र सिंह ने दर्ज कराई FIR
फ़ोन टैपिंग मामले में गजेंद्र सिंह ने दर्ज कराई FIR

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के बगावत के समय उठा फोन टैपिंग मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंहशेखावत ने राजस्थान सरकार पर गैर-कानूनी तरीके से जनप्रतिनिधियों के फोन टैप करने और छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली के तुगलक रोड थाने में FIR दर्ज करवाई है. हाल ही में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने माना था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने ऑडियो टेप वायरल किए थे. गजेन्द्र सिंह शेखावत ने धारीवाल के इसी बयान को आधार बनाते हुए दिल्ली के तुगलक रोड थाने में 20 मार्च को एक परिवाद दिया था. तुगलक रोड थाने से परिवाद को क्राइम ब्रांच को भेज दिया गया. कल यानी 25 मार्च को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच रोहिणी में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखवात द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा और अज्ञात पुलिस अफसरों को मुख्य आरोपी बनाते हुए गैर कानूनी तरीके से फोन टेप करवाने और फिर उनको वायरल कर छवि खराब करने के आरोप लगाए हैं. एफआईआर में विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के उस बयान को आधार बनाया है जिसमें धारीवाल ने माना था कि ऑडियो मुख्यमंत्री के ओएसडी ने वायरल किया था. एफआईआर के मुताबिक मुख्यमंत्री गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा पर उक्त ऑडियो वायरल कर गजेंद्र सिंह शेखावत की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और मानसिक शांति भंग करने के आरोप लगे हैं.

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गैर-कानूनी तरीके से फ़ोन-टैपिंग के आरोप लगाते हुए गजेन्द्र सिंह ने एफआईआर में लिखा है कि 17 जुलाई 2020 को देश के प्रतिष्ठित मीडिया समूहों ने संजय जैन और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के बीच फोन पर हुई बातचीत के ऑडियो को प्रसारित किया. यह फोन टैपिंग बिना गृह विभाग की अनुमति के किए गए थे, क्योंकि गृह विभाग के तत्कालीन एसीएस ने एक मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने फोन टैप की अनुमति नहीं दी, इसका साफ अर्थ है कि गैर कानूनी तरीके से फोन टैप किए गए.

दरअसल, बीते अगस्त माह में विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ द्वारा लगाए गए अतारांकित सवाल का इस सत्र में विधानसभा की वेबसाइट पर दिए जवाब में सरकार ने माना था कि सक्षम स्तर से मंजूरी लेकर फोन टैप किए गए थे. इस मुद्दे पर विधानासभा में भाजपा ने भाारी हंगामा भी किया था. बाद में सरकार की तरफ से संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में कहा था कि किसी भी मंत्री विधायक या जनप्रतिनिधि का फोन टैप नहीं किया गया. हथियारों और विस्फोटकों की सूचना पर गृह सचिव की अनुमति लेने के बाद दो लोगों के फोन सर्विलांस पर लिए गए थे. इन दो लोगों के फोन सर्विलांस पर लेने पर ये सरकार गिराने, पैसे का लेनदेन करके विधायकों की खरीद फरोख्त करने की बातें कर रहे थे. इसके आलावा इस मुद्दे को बीजेपी सांसद सीपी जोशी ने लोकसभा में और भूपेन्द्र यादव ने राज्यसभा में भी उठाया था.

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गौरतलब है कि सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे की तरफ से कुछ आॅडियो मीडिया में भेजकर यह दावा किया गया था इनमें विधायकों की खरीद फरोख्त की बात हो रही है. इन आॅडियो में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कांग्रेस कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा और तत्कालीन पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह की आवाज होने का दावा किया गया था. यही नहीं विधानसभा में सरकार की तरफ से फोन टैपिंग मामले में जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री मंत्री शांति धारीवाल ने यह माना था कि विधायक खरीद फरोख्त के ऑडियो मुख्यमंत्री के ओएसडी ने वायरल किए थे. मंत्री शांति धारीवाल ने कहा था कि, ‘मुख्यमंत्री के ओएसडी के पास वाट्सएप पर ऑडियो आए और उन्होंने दूसरे वाट्सएप ग्रुप पर भेज दिया तो क्या गुनाह कर दिया, वह क्यों नहीं करेगा वायरल करेगा.’

आपको याद दिला दें, पिछले साल जुलाई में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ सचिन पायलट सहित कांग्रेस के 19 विधायकों की बगावत के समय से ही फोन टैपिंग का मुद्दा गरमाया हुआ हूं. इन दौरान मुख्यमंत्री गहलोत खेमे की तरफ से 15 जुलाई को तीन आॅडियेा टैप वायरल किए गए थे, उनमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के बीच विधायक खरी फरोख्त की बातचीत का दावा था. एक टेप में विश्वेंद्र सिंह की बातचीत का दावा था. इन आॅडियो टेप्स की सत्यता और सोर्स को लेकर ही विवाद है. भाजपा इसके आधार पर फोन टैप का आरोप लगा रही है तो गजेंद्र सिंह शेखावत ने इन टैप में खुद की आवाज से ही इनकार करते रहे हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस नेता गजेंद्र सिंह से वॉयस सैंपल देने की मांग करते रहे हैं.

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