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देश की सियासत में हाथी की चाल हमेशा से हाथ के लिए परेशानी का सबब रही है. इसकी वजह है यूपी में जो दलित वोटर बसपा का वोट बैंक माना जाता है, वही वोटर राजस्थान में कांग्रेस का वोट बैंक है. अब बसपा का प्रभाव राजस्थान की राजनीति पर पड़ता साफ नजर आ रहा है. हाल में संपन्न हुए प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार नगर, किशनगढ़-बास, तिजारा, नदबई, करौली और उदयपुरवाटी सहित छह सीटों पर क​ब्जा जमाने में कामयाब हुए थे.

जिन सीटों पर बसपा के विधायक चुने गए, अब उन इलाकों में कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी टेंशन में दिख रहे हैं. वजह है कि उक्त छह सीटों में से दो सीटें अलवर और दो सीटें भरतपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. अगर विधानसभा चुनावों की तरह बसपा लोकसभा चुनाव में भी दलित वोट बैंक में सेंधमारी करने में सफल होती है तो इसका सीधा खामियाजा कांग्रेस को भरना होगा.

पिछले लोकसभा चुनावों में बसपा ने चूरू लोकसभा सीट पर उम्मीद से अच्छा प्रदर्शन किया था. इस संसदीय सीट पर बसपा के अभिनेष महर्षि ने मोदी लहर के बाद भी तीन लाख से अधिक वोट हासिल कर कांग्रेसी उम्मीदवार को तीसरे नंबर पर धकेल दिया था. यह परिणाम चौंकाने वाला था. यही वजह है कि बसपा नेता इस बार लोकसभा चुनाव को लेकर उत्साहित हैं. विधानसभा चुनाव के परिणामों ने इस उत्साह में बढ़ोतरी का काम किया है.

विधानसभा चुनाव में बसपा ने कांग्रेस को 6 सीटों पर ही नुकसान नहीं पहुंचाया बल्कि प्रदेश की आहोर, आमेर, बूंदी, धौलपुर, गंगानगर, पीलीबंगा, सुरजगढ़ सीटों पर भी अपना असर दिखाया. ये वो सीटें हैं जिनपर जितने वोटों से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा, उससे ज्यादा मत बसपा के उम्मीदवार मार ले गए. बसपा को इस बार अलवर लोकसभा क्षेत्र से सबसे ज्यादा उम्मीद है. बसपा ने विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र की न केवल दो सीटों पर कब्जा किया बल्कि अन्य विधानसभा सीटों पर भी अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रही.

अलवर आठ विधानसभा सीटों से मिलकर बना है जिसमें अलवर शहर, अलवर ग्रामीण, राजगढ़-लक्ष्मणगढ, तिजारा, बहरोड़, मुंडावर, कठुमर,रामगढ़, किशनगढ़-बास शामिल हैं. तिजारा और किशनगढ़-बास सीट पर बसपा के विधायक काबिज़ हैं जबकि मुंडावर में बसपा दूसरे पायदान पर रही थी. क्षेत्र की अन्य सीटों पर भी बसपा का प्रदर्शन कांग्रेस की मुसीबत बढ़ाने वाला रहा है. लोकसभा चुनाव में अलवर सीट पर बसपा ने इमरान खान पर दांव खेला है. इमरान भिवाड़ी के निवासी हैं और पेशे से बिल्डर हैं. बसपा ने इमरान को दलित-मुस्लिम समीकरण साधने के लिए प्रत्याशी बनाया है.

इमरान को मिले वोटों का सीधा नुकसान कांग्रेस प्रत्याशी भंवर जितेन्द्र सिंह को होगा. अगर इमरान दलित-मुस्लिम वोटों में सेंधमारी करने में सफल रहते है तो जितेन्द्र सिंह की नैया भंवर में फंस सकती है. हाल में बसपा सुप्रीमो मायावती ने यहां इमरान खान के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित किया था. बीजेपी ने यहां से महंत बालकनाथ को उम्मीदवार बनाया है. इसके अलावा, भरतपुर संसदीय सीट भी कांग्रेस के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है. यहां बसपा ने सूरज जाटव को प्रत्याशी बनाया है. बसपा यहां विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर उत्साहित है.

भरतपुर लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली नगर विधानसभा से वाजिब अली और डीग-कुम्हेर से जोगिंदर अवाना बसपा प्रत्याशी जीतने में सफल रहे थे. बसपा सुप्रीमो मायावती ने भरतपुर में बसपा प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित किया था. बीजेपी ने यहां से वर्तमान सांसद बहादुर सिंह कोली का टिकट काट रंजीता कोली को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने यहां नए चेहरे अभिजीत जाटव पर दांव खेला है. अब 6 मई को पता चल जाएगा कि अलवर और भरतपुर क्षेत्र की जनता किसके सिर जीत का ताज पहनाने वाली है.

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