राजस्थान: मनरेगा योजना में पिछले 10 सालों का टूटा रिकॉर्ड, 35 लाख से ज्यादा श्रमिकों को मिला रोजगार

प्रदेश में 'एक ग्राम-चार काम' अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत अब तक 36,679 कार्य स्वीकृत किये जा चुके हैं जिनमें 9,281 चारागाह विकास, 9,090 मॉडल जलाशय विकास, 9,589 शमशान और कब्रिस्तान विकास व 8,719 खेल मैदान विकास के कार्य शामिल हैं

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट
उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. देश में पिछले दो महीने से जारी कोरोना कहर का सबसे ज्यादा असर मजदूर तबके पर पडा है. उद्योग धंधे ठप्प होने के चलते अब ये मजदूर अपने घरों की ओर पलायन कर रहे है. राजस्थान सरकार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को आर्थिक संबल देने के लिए मनरेगा के तहत रोजगार देकर उन्हें सम्बल प्रदान कर रही है. कोरोन कहर के चलते जहां 17 अप्रेल तक मनरेगा में कार्य कर रहे मजदूरों का आंकडा मात्र 62 हजार था वहीं राज्य सरकार के ग्रामीणों को रोजगार देने के अथक प्रयासों के बाद अब 35 लाख से ज्यादा लोगों को मनरेगा में राजेगार मिल रहा है. मनरेगा तहत रोजगार देने में राजस्थान देश में नंबर एक पर आ गया है. मनरेगा के तहत चल रहे कार्यो को लेकर आज प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के साथ ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की बैठक ली.

प्रदेश में ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार देने के लिए मनरेगा में चल रहे कार्यों को लेकर उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बताया कि राजस्थान में मनरेगा के तहत 35.59 लाख श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है जो कि पिछले दस वर्षों में सर्वाधिक है. पायलट ने आगे कहा कि कोरोना महामारी के कारण वर्तमान परिस्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाकर आर्थिक सम्बल प्रदान करने में मनरेगा योजना मददगार साबित हुई है.

पायलट ने आगे बताया कि जनवरी 2019 में 100 दिवसीय कार्य योजना बनाकर प्रत्येक ग्राम पंचायत में चारागाह विकास, मॉडल तालाब विकास, शमशान, कब्रिस्तान, विकास और खेल मैदान विकास के एक-एक कार्य स्वीकृत करने की योजना चलायी गई थी. इसको एक कदम आगे बढाते हुए वर्तमान में ‘एक ग्राम-चार काम’ अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत ये सभी काम प्रदेश के प्रत्येक राजस्व गांव में प्राथमिकता के आधार पर करवाये जा रहे हैं.

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उपमुख्यमंत्री पायलट ने बताया कि इस अभियान के तहत प्रदेश में अब तक 36,679 कार्य स्वीकृत किये जा चुके हैं जिनमें 9,281 चारागाह विकास, 9,090 मॉडल जलाशय विकास, 9,589 शमशान और कब्रिस्तान विकास व 8,719 खेल मैदान विकास के कार्य स्वीकृत किये गये हैं. इन कार्यों पर अब तक लगभग 1372 करोड़ रूपये खर्च किये जा चुके हैं. प्रत्येक राजस्व गांव में इन कार्यों का क्रियान्वयन ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की विभिन्न योजनाओं में समन्वय कर कनवर्जेन्स के माध्यम से किया जा रहा है.

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