लोकसभा चुनाव के दौरान चर्चा में आए स्वामी वैराग्यानंद उर्फ मिर्ची बाबा एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. बाबा ने भोपाल के जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर 16 जून को समाधि लेने की अनुमति मांगी है. उन्होंने कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा है, ‘मैं अभी गुवहाटी के कामाख्या मंदिर में तपस्या कर रहा हूं. मैं 16 जून को दोपहर 2 बजकर 11 मिनट पर भोपाल में जल समाधि लेना चाहता हूं.’ आपको बता दें कि मिर्ची बाबा ने भोपाल से कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह की जीत का दावा किया था और ऐसा नहीं होने पर समाधि लेने की घोषणा की थी.

दरअसल, मिर्ची बाबा ने चुनाव के दौरान भोपाल से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की जीत के लिए मिर्ची यज्ञ किया था. इस यज्ञ में उन्होंने 5 क्विंटल मिर्ची का उपयोग किया गया था. यज्ञ के बाद स्वामी वैराग्यनंद ने दावा किया था कि मिर्ची यज्ञ होने के बाद दिग्विजय सिंह को कोई नहीं हरा सकता, उनकी जीत सुनिशचित है. उन्होंने कहा कि यदि भोपाल से दिग्विजय सिंह चुनाव हार गए तो वे जिंदा समाधि ले लेंगे.

चुनाव के नतीजे आए तो बाबा का दावा गलत साबित हुआ और भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने दि​ग्विजय सिंह को बड़े अंतर से चुनाव हरा दिया. यानी मिर्ची बाबा का दावा गलत साबित हो गया. लोग उनसे जिंदा समाधि लेने की घोषणा पूरी करने की अपील करने लगे, लेकिन बाबा अचानक गायब हो गए. किसी ने उनका मोबाइल नंबर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. उनके बातचीत का एक कथित ऑडियो भी वायरल हुआ, जिसमें बाबा बुरी तरह से झल्ला रहे हैं.

विवाद बढ़ा तो निरंजनी अखाड़े ने वैराज्ञानंद उर्फ मिर्ची बाबा को निष्कासित कर दिया. आपको बता दें कि बाबा वैराज्ञानंद पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर थे. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा था कि स्वामी वैराग्यानंद का कार्य गलत था. उनका आचरण साधु-संतों की मर्यादा के खिलाफ था. इतना सब होने के बाद मामला ठंडा हो गया था, लेकिन मिर्ची बाबा के कलेक्टर को लिखे पत्र ने इस मुद्दे को एक बार फिर से गर्म कर दिया. यह देखना रोचक होगा कि इसका पटाक्षेप कैसे होता है.

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