केंद्रीय चुनाव आयोग ने दो राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. निर्वाचन आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा (CEC Sunil Arora) ने जानकारी देते हुए बताया कि महाराष्ट्र (Maharastra) और हरियाणा (Haryana) में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव (Assembly Election-2019) संपन्न होंगे. दोनों राज्यों की कुल 378 सीटों पर एक चरण में विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे. नोटिफिकेशन 27 सितम्बर को जारी होगा. नामांकन की अंतिम तिथि 4 अक्टूबर और नामांकन वापसी 7 अक्टूबर तक है. वोटिंग की काउंटिंग और परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. इसी के साथ अब आचार संहिता लागू हो गई.

इसके साथ ही राजस्थान (Rajasthan) की मंडावा और खींवसर विधानसभा सीटों के लिए भी 21 अक्टूबर के ही उपचुनाव संपन्न होंगे. यहां नोटिफिकेशन 27 सितम्बर को जारी होगा. नामांकन की अंतिम तिथि 4 अक्टूबर और नामांकन वापसी 7 अक्टूबर तक है. वोटिंग चुनाव के परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. बता दें कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) से हनुमान बेनीवाल के नागौर सीट से लोकसभा जाने से खींवसर विधानसभा सीट और बीजेपी के नरेंद्र कुमार के झुंझुनूं सीट से लोकसभा जाने से मंडावा विधानसभा सीट खाली हुई है.

बात करें महाराष्ट्र की तो यहां 288 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होंगे. यहां की कुल जनसंख्या 8.94 करोड़ वोटर्स हैं. फिलहाल यहां बीजेपी की देवेंद्र फडनवीस सरकार काबिज है. विधानसभा चुनाव-2014 में बीजेपी ने 122, शिवसेना ने 62, कांग्रेस ने 42 और एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की. इस बार कांग्रेस और एनसीपी ने 125-125 सीटों पर बंटवारा कर लिया है. 38 सीटें सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ी हैं. वहीं शिवसेना और सत्ताधारी भाजपा के बीच अभी गठजोड़ के मामले में कोई स्पष्टीकरण नहीं हुआ है.

हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं. कुल जनसंख्या 1.28 करोड़ है. यहां भाजपा की मनोहर लाल खट्टर की सरकार है. कांग्रेस और भाजपा यहां की दो मुख्य पार्टियां हैं जिनके बीच सीधी टक्कर होगी. हरियाणा विधानसभा चुनाव—2014 में बीजेपी ने 47, कांग्रेस ने 16, आईएनएलडी ने 7 और 20 सीटें अन्य ने जीती.

सीईओ सुनील अरोरा ने बताया कि महाराष्ट्र में 1.8 लाख और हरियाणा में 1.3 लाख ईवीएम से वोटिंग होगी. अरोरा ने बताया कि दोनों राज्यों के विधानसभा चुनावों में प्रत्याशियों की चुनावी प्रचार के खर्च की सीमा 28 लाख रुपये होगी. सभी उम्मीदवारों को अपने हथियार जमा कराने होंगे और क्रिमनल रिकॉर्ड की जानकारी देनी होगी. चुनाव आयोग ने प्रचार सामग्री में प्लास्टिक सामग्री इस्तेमाल न करने की अपील की.

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