गजेंद्र सिंह शेखावत से इस्तीफा मांगने वाले अशोक गहलोत खुद दें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा- पूनियां

मुख्यमंत्री गहलोत इस बात का खुलासा करें कि ‘‘लग्जरी बजरी’’ कहां से आ रही है, कांग्रेस सरकार द्वारा देश पर थोपे गये आपातकाल को कैसे भूल सकते हैं अशोक गहलोत जिनके कारण कांग्रेस के विधायक होटल में त्योहार मनाने को हैं मजबूर- सतीश पूनियां

Satish Poonia(5)
Satish Poonia(5)

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में राजनीतिक घमासान के बीच जारी सियासी बयानबाजी का दौर अपने चरम पर है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को बीजेपी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा तो भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके खुद के घर शीशे के बने हुए हैं, दूसरों पर पत्थर फेंकते हो, आपको कोई नैतिक अधिकार नहीं है इस्तीफा मांगने का, इस्तीफा तो आपको देना चाहिए, आप पार्टी के भीतर विग्रह करते हैं, आपकी तानाशाही कार्यशैली से कांग्रेस पार्टी टूट रही है और दोष भाजपा पर मंढ़ते हैं.

प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कोरोना प्रबन्धन में पूरी तरह विफल होने एवं विधायकों को होटल के बाड़े में बंद रखने को लेकर निशाना साधा. पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधायकों को लेकर जैसलमेर भी बकरीद के दिन गए हैं और खुद ही उनको पहले बकरा मंडी बता रहे थे, तारीख भी 14 अगस्त को, जो कि पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस है, तो कई चीजों का बड़ा संयोग है जो कांग्रेस की नीति और नीयत को स्पष्ट कर रहा है.

पूनियां ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जीवन में शायद ऐसा अवसर नहीं आया होगा कि उनको अपनी कही हुए बातें खुद को स्वीकार करनी पड़ रही हैं, अभी वह विधायकों को इधर से उधर होटलों में घुमा रहे हैं, उनको बाड़े में कैद कर रखा है, विधायकों को त्यौहार भी होटल में ही मनाने का मजबूर किया जा रहा है, गहलोत का संविधान का उल्लंघन करने का पुराना नाता रहा है और आज वो लोकतंत्र की दुहाई देते हैं.

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सतीश पूनियां ने कहा कि बार-बार कांग्रेस और मुख्यमंत्री गहलोत को याद दिलाना पड़ता है कि क्या कांग्रेस सरकार द्वारा देश पर थोपे गये आपातकाल को भूल सकते हैं, क्या आप अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करने वाले लोग नहीं हैं? वो नैतिकता की बात करते हैं तो ऐसे में प्रदेश में लोग कोरोना में परेशान हो रहे हैं, इनकी सरकार जैसलमेर में लग्जरी होटल में बाड़े में बंद हैं, मुख्यमंत्री को अपने मंत्रियों और विधायकों पर विश्वास नहीं है, इसलिए उन्हें पुलिस के कड़े पहरे में होटल के बाड़े में बंद कर रखा है. पहले जयपुर के होटल में रखा और अब जैसलमेर शिफ्ट कर दिया है. पूनियां ने आगे कहा कि आपके पास संख्या होती, भरोसा होता, तो शायद यह नौबत नहीं आती कि आप विधायकों को इधर से उधर घुमाते फिरते. आगे सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं है, मानसिक रूप से तो मुख्यमंत्री असंतुलित हो ही चुके हैं, लेकिन मुझे लगता है कि संख्या के आधार पर भी भरोसा नहीं है.

सतीश पूनियां ने आगे कहा कि दुनिया की किसी भी एजेंसी से जांच करा लें कि कांग्रेस में आपसी विग्रह और अंतकर्लह है. पूरे प्रदेश की जनता ने कांग्रेस के इस सारे घटनाक्रम देख रही है. एसओजी, एसीबी, स्पीकर का नोटिस देना, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में चले गए, लेकिन गहलोत कहते हैं कि सड़कों पर लोग उनके विधायकों को खरीदने के लिए घूम रहे हैं. जिस दृश्य को देखने की बात कर रहे हैं, उसको पूरा देश देख रहा है, किस तरीके से अपने आपको लोकतांत्रिक कहने वाली कांग्रेस सरकार ने स्वयं को बाड़े में बंधक बना लिया है.

पूनियां ने कहा कि अब राजस्थान की जनता यह जवाब चाहती है कि उनको सरकार ने किसके भरोसे कोरोना काल में छोड़ा है. विधायकों को आलीशान होटलों में रखे जाने को लेकर किये जा रहे खर्च को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री इस बात का खुलासा करें कि ‘‘लग्जरी बजरी’’ कहां से आ रही है? पूनियां ने कहा कि प्रदेश में बजरी माफियाओं का तांडव बढ़ रहा है और अपराध का ग्राफ भी बढ़ रहा है, पुलिसकर्मियों पर भी हमले बढ़ रहे है, ऐसे में सरकार होटलों में मौज मस्ती करने में मस्त और व्यस्त है. आपके पास इन मुद्दों का कोई जवाब नहीं है, यह शर्मनाक है.

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डाॅ. पूूनियां ने कहा कि राजस्थान की जनता देख रही है कि किस तरह से इस महामारी के दौरान आपके मंत्री और सरकार होटल में फुटबाॅल खेल रहे हैं, क्रिकेट खेल रहे हैं, रंगीन चश्मा लगाकर सेल्फी खींच रहे हैं और उनको वोट देकर विधानसभा में भेजने वाली राजस्थान की जनता को चिढ़ा रहे हैं. मुझे लगता है कि कोई देखने वाला नहीं है, गहलोत लोकतंत्र की, मर्यादा की, सम्मान की बात करने का दावा करते हैं, लेकिन खुद कितने पानी में हैं, यह सबको दिखता है. गहलोत एवं उनके मंत्री प्रधानमंत्री जी और भारतीय जनता पार्टी पर अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते हैं और झूठे आरोप लगाते हैं, वे निचले स्तर की भाषा बोलकर राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति पर भी झूठे आरोप लगा देते हैं, उनको अपनी जुबान पर लगाम लगाने की जरूरत है और उनको संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्तियों को लेकर मर्यादित भाषा का प्रयोग करना चाहिए.

पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री एवं उनकी सरकार, उनके विधायकों के जगह-जगह लापता होने के पोस्टर लगे हैं, जनता त्राहि-त्राहि कर रही है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को लेकर पूछे गए सवाल पर पूनियां ने कहा कि अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके खुद के घर शीशे के बने हुए हैं, दूसरों पर पत्थर फेंकते हो, आपको कोई नैतिक अधिकार नहीं है इस्तीफा मांगने का, इस्तीफा तो आपको देना चाहिए, आप पार्टी के भीतर विग्रह करते हैं, आपकी तानाशाही कार्यशैली से कांग्रेस पार्टी टूट रही है और दोष भाजपा पर मंढ़ते हैं।
उन्होंने कहा कि आप सरकार को बचा नहीं पा रहे हो और जीत का दावा करने के लिए विक्ट्री साइन बना रहे हो, आपको हमारी पार्टी की चिंता करने की जरूरत नहीं है, खुद की पार्टी की चिंता करते तो आज हालात ऐसे नहीं होते, ना ही ज्योतिरादित्य कांग्रेस छोड़कर जाते और ना ही सचिन पायलट आपके खिलाफ मोर्चा खोलते.

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