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राजस्थान के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी अशोक गहलोत ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेकर दिये गये अपने बयान पर सफाई दी है. गहलोत ने ट्वीट कर कहा है कि कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है. वे राष्ट्रपति का सम्मान करते हैं. वह खुद राष्ट्रपति से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर उनकी सादगी और व्यक्तित्व से प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि मेरे बयान में ऐसा कुछ नहीं था जैसा कि मीडिया बता रहीं हैं. गहलोत के इस बयान के बाद बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए माफी मांगने को कहा है.

बता दें कि, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को प्रेसवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रपति के बहाने बीजेपी पर हमला बोला. जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘मेरा ऐसा मानना है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को जातिगत समीकरण बैठाने के लिए राष्ट्रपति बनाया गया और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो गए.’ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गहलोत ने आगे कहा कि, ‘भाजपा ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि गुजरात के चुनाव आ रहे थे. भाजपा के लोग इस बात से घबराए हुए थे कि वहां उनकी सरकार नहीं बन पाएगी.’

इसके बाद बीजेपी ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताते हुए गहलोत से इस बयान के लिए माफी मांगने को भी कहा. इस बीच बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसे चुनावी मर्यादा का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग से गहलोत को नोटिस जारी करने की अपील भी की है और कांग्रेस पर देश के सर्वोच्च पद को लेकर निचले स्तर की राजनीति करने का आरोप लगाया. इसके बाद अशोक गहलोत ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट जारी कर बताया कि मेरे द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया, मीडिया द्वारा गलत तरीके से बयान को प्रस्तुत किया गया है.

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