अशोक गहलोत भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे सीनियर नेताओं में से एक हैं। वर्तमान में राजस्थान के मुख्यमंत्री है. इससे पहले भी अशोक गहलोत दो बार वर्ष 1998 और 2008 में मुख्यमंत्री नियुक्त हो चुके है। इस प्रकार अशोक गहलोत तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए है। पहली बार चुनाव साल 1980 में जोधपुर संसदीय क्षेत्र से लड़ा. इनकी गिनती राजस्थान की प्रमुख नेताओ में होती है। इस लेख में हम आपको अशोक गहलोत की जीवनी (Ashok Gehlot Biography In Hindi) के बारे में जानकारी देने वाले है.
अशोक गहलोत की जीवनी (Ashok Gehlot Biography In Hindi)
नाम | अशोक गहलोत |
उम्र | 71 वर्ष |
जन्म तारीख | 3 मई 1951 |
जन्म स्थान | महामंदिर, जोधपुर, भारत |
शिक्षा | एलएलबी ,बीएससी , एमए |
कॉलेज | जोधपुर विश्वविद्यालय, राजस्थान |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
विवाह की तारीख | 27 नवंबर, 1977 |
पिता का नाम | बाबू लक्ष्मण सिंह गहलोत |
पत्नी का नाम | सुनीता गहलोत |
बेटे का नाम | वैभव गहलोत |
अशोक गहलोत का जन्म और परिवार (Ashok Gehlot Born & Family)
अशोक गहलोत का जन्म 3 मई, 1951 (Ashok Gehlot Birthday) को राजस्थान के जोधपुर जिले में रहने वाले एक साधारण माली परिवार (Ashok Gehlot Cast) में हुआ था। इनके पिता का नाम लक्ष्मण सिंह गहलोत (Ashok Gehlot Father) था, जो उस समय के जाने माने जादूगर हुआ करते थे और वे देश के अलग अलग भागो में घूम घूम कर जादू दिखाने का काम किया करते थे। उन दिनों गहलोत भी अपने पिता के साथ साथ उनके कार्यक्रम में भाग लिया करते थे। अब यही कारण है कि अशोक गहलोत को देश के अलग अलग क्षेत्रो में रहने वाले लोगो के रहन-सहन व रिति-रिवाज का अनुभव है क्योंकि उन्हें बाल्यकाल में और फिर युवाकाल में भी उन लोगो के बीच समय बिताने का अवसर मिला है। राजनीति में मंझे हुए नेता बनने व लगातार टिके रहने के पीछे भी उनका यही अनुभव काम आया। वर्तमान समय में अशोक गहलोत की उम्र 71 वर्ष (Ashok Gehlot Age) है.
अशोक गहलोत की शिक्षा, विवाह व संतान (Ashok Gehlot Education, Marriage & Children)
यदि बात शिक्षा की जाएं तो, अशोक गहलोत ने विज्ञान में स्नातक (बीएससी) की डिग्री ली और फिर बाद में अर्थशास्त्र से स्नातकोत्तर (एमए) (Ashok Gehlot Educational Qualification) भी किया। 27 नवंबर, 1977 को अशोक गहलोत का विवाह सुनीता गहलोत (Ashok Gehlot Wife) से हुआ। इनके दो संतान है। एक पुत्र और एक पुत्री। पुत्र का नाम वैभव गहलोत है और पुत्री का नाम सोनिया गहलोत है।
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अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत (Ashok Gehlot Son) व्यवसायिक रूप से एक वकील है। वैसे वो पिता की पार्टी कांग्रेस की सक्रिय राजनीति से भी जुड़े हुए है। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर जोधपुर से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा पर उसमें उनकी हार हुई। उनकी पत्नी एक NGO चलाती है। बेटी सोनिया गहलोत (Ashok Gehlot Daughter) की शादी मुंबई में रहने वाले एक व्यवसायिक घराने में हुई है। इसके साथ ही वो कुछ कंपनियों के मालकिन भी है। इस तरह जो, अशोक गहलोत एक साधारण परिवार से सम्बद्ध रखते थे आज वो करोड़ो के मालिक है।
अशोक गहलोत का प्रारंभिक जीवन (Ashok Gehlot Early life)
अशोक गहलोत के यदि पारिवारिक पृष्टभूमि की बात करें तो इनके पिता का किसी प्रकार की राजनीति से जुड़ाव नहीं था। वो पेशे से जादूगर थे। देश में घूम घूम कर स्टेज शो में जादू दिखाना ही उनका काम था। अशोक गहलोत धर्म से हिन्दू है और यदि जाति की बात करें तो यह ओबीसी कैटेगरी में आने वाली जाति ‘माली’ से है। जन्म से लेकर युवा काल तक में यदि इनकी आर्थिक स्थिति की बात की जाएँ तो उस समय तक इनकी आर्थिक स्थिति एक साधारण परिवार की रही थी। युवा काल में इन्हे चुनाव लड़ने के लिए और राजनीति में बने रहने के लिए बहुत आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था। एक समय तो ऐसा भी आया जब इन्हे चुनाव लड़ने के लिए अपनी इकलौती मोटर साईकिल भी बेचनी पड़ गई थी। हालांकि उसके बाद भी अशोक गहलोत वह चुनाव हार गए थे। मगर इससे कांग्रेस में (ashok gehlot party), विशेषकर इंदिरा गाँधी व संजय गाँधी (Ashok Gehlot With Indira Gandhi) से उनकी पैठ बन गई, जो बाद के उनके राजनैतिक करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुआ और उन्हें राजनीति में लम्बे समय तक दौड़ने वाले घोड़े के रूप में स्थापित कर दिया।
अशोक गहलोत का राजनीतिक यात्रा (Ashok Gehlot Political Career)
अशोक गहलोत छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गएँ थे और गाँधी एवं कांग्रेस विचारधारे का प्रचार एवं प्रसार में लग गए थे। छात्र जीवन में वो कांग्रेस की छात्र युवा इकाई एन एस यू आई से भी जुड़ गए थे। वर्ष 1977 में राजस्थान से ही अशोक गहलोत ने अपना पहला चुनाव (Ashok Gehlot First Election) सरदारपुरा निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा था। हालांकि इस चुनाव में उनकी हार हुई थी। आश्चर्य की बात यह है कि जो अशोक गहलोत आज करोड़ो के मालिक है उस समय इस चुनाव को लड़ने के लिए उन्हें अपनी इकलौती मोटरसाइकिल तक बेचनी पड़ गई थी। फिर भी उन्हें इसमें पराजय का सामना करना पड़ा था।
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इसके बाद भी इन्होने साहस नहीं छोड़ा और लगातार कांग्रेस की विचारधाराओं का प्रचार प्रसार करते रहें। इससे खुश होकर कांग्रेस पार्टी की ओर से इन्हे साल 1980 में जोधपुर लोकसभा से चुनाव लड़ने का टिकट मिल गया। इस चुनाव में विरोधी कमजोर थे और वें आपस में बंटे हुए थे। इसका सीधा सीधा लाभ इन्हे और इनकी पार्टी कांग्रेस को मिला। इसका परिणाम यह हुआ कि उस चुनाव में एक अच्छे अंतराल से कांग्रेस पार्टी की जीत हुई। फिर तो अशोक गहलोत दिल्ली की सक्रिय राजनीति से सीधे जुड़ गए और इनका कद भी बढ़ गया। कांग्रेस पार्टी में इनकी गिनती राजस्थान से आने वाले महत्वपूर्ण नेताओ में भी होने लग गई। परिणाम यह हुआ कि वर्ष 1984 में इन्हे पर्यटन विभाग और नागरिक उड्डयन विभाग में केंद्रीय राज्य मंत्री का पद दिया गया। इससे इनका कद और अधिक बढ़ गया। इसके बाद समय समय पर अशोक गहलोत कई अलग अलग पदों पर आसीन होते रहें।
इसके बाद अशोक गहलोत लगातार केंद्र की राजनीति में सक्रिय रहें। लेकिन वर्ष 1991 में कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार ने इन्हे वापस अपने गृह राज्य राजस्थान का कमान संभालने के लिए भेज दिया। वर्ष 1998 में कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा की 200 में से 153 सीट जीतकर एक बड़ी जीत दर्ज की थी। इस जीत के बाद अशोक गहलोत राजस्थान के 11वें मुख्यमंत्री नियुक्त किये गए। यह पहला अवसर था जब अशोक गहलोत एक राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त हुए थे। इसके बाद वो वर्ष 2008, और 2018 में पुनः राजस्थान के मुख्यमंत्री नियुक्त किये गए और राजस्थान के वर्तमान सीएम के पद पर आसीन है।
अशोक गहलोत के संभाले गए पद (Ashok Gehlot Political Positions Held)
वर्ष | पद |
1974 | राजस्थान एनएसयूआई के अध्यक्ष |
1979 | जिला कांग्रेस कमेटी, जोधपुर के अध्यक्ष |
1980 | लोक लेखा समिति के सदस्य |
1982 | राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव |
1982 | केंद्रीय उपमंत्री, पर्यटन विभाग |
1983 | पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग के केंद्रीय उपमंत्री |
1984 | खेल विभाग के केंद्रीय उपमंत्री |
1984 | पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री |
1985, 1994, 1997 | राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष |
1989 | मंत्री (गृह विभाग और पीएचईडी) |
1991 | कपड़ा विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री |
1998 | संचार (लोकसभा) सलाहकार |
1991 | पहली बार राजस्थान के मुख्यमंत्री |
2008-2013 | दूसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री |
2017 | अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव |
2018 | तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री |
अशोक गहलोत की संपति (Ashok Gehlot Net Worth)
बात यदि इनकी आर्थिक हैसियत की करें तो राजनीति में आने पर इनकी संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि हुई। एक साधारण आर्थिक हैसियत रखने वाला परिवार करोड़ो की हैसियत रखने वाला बन गया। आज यदि अशोक गहलोत की संपत्ति की बात करें तो इन्होने वर्ष 2018 में दिए गए एक हलफनामा में बताया था कि इनके पास 6.5 करोड़ की कुल संपत्ति है। वैसे यह उनकी वो संपत्ति है, जिसकी उन्होंने सार्वजानिक रूप से घोषणा की है।
इस लेख में हमने आपको अशोक गहलोत की जीवनी के बारे में जानकारी दी है। अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।