प्रताप सिंह खाचरियावास एक भारतीय राजनीतिज्ञ और कांग्रेस पार्टी के नेता हैं. और राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री है. इससे पूर्व खाचरियावास साहब राजस्थान सरकार में ही परिवहन मंत्री भी रह चुके हैं. साल 2018 में हुए राजस्थान विधानसभा के चुनाव में उन्होंने जयपुर सिविल लाइंस से कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी. खाचरियावास साहब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले नेताओ में आते हैं. इन्होने अपनी राजनीतिक यात्रा राजस्थान यूनिवर्सिटी से शुरू की थी. इनकी छात्र राजनीति साल 1992 से शुरू हुई थी. तब इन्हे अपने पहले ही चुनाव में सफलता मिली थी. फिर तो ये अपनी गति से आगे बढ़ते रहें. हम आपको राजस्थान के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की जीवनी (Pratap Singh Khachariyawas Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
प्रताप सिंह खाचरियावास की जीवनी (Pratap Singh Khachariyawas Biography in Hindi)
नाम | प्रताप सिंह खाचरियावास |
उम्र | 53 वर्ष |
जन्म तारीख | 16 मई 1969 |
जन्म स्थान | जोधपुर, राजस्थान, भारत |
शिक्षा | पोस्ट ग्रेजुएशन और विधि में स्नातक |
कॉलेज | राजस्थान यूनिवर्सिटी, जयपुर |
वर्तमान पद | विधायक और कैबिनेट मंत्री |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ एवं सामाजिक कार्यकर्ता |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पिता का नाम | लक्ष्मण सिंह शेखावत |
माता का नाम | हिम्मत कंवर |
पत्नी का नाम | नीरज कंवर |
बेटे का नाम | आदित्य वर्धन सिंह खाचरियावास और कृष्ण वर्धन सिंह खाचरियावास |
भाई का नाम | करण सिंह शेखावत |
भाभी का नाम | मीना कंवर |
वर्तमान पता | सिविल लाइन्स जयपुर, राजस्थान 302006, भारत |
संपर्क नंबर | 9829010010 |
प्रताप सिंह खाचरियावास का जन्म और परिवार (Pratap Singh Khachariyawas Birth & Family)
प्रताप सिंह खाचरियावास का जन्म 16 मई, 1969 (Pratap Singh Khachariyawas Birthday) को जोधपुर, राजस्थान में हुआ था. जाति से प्रताप सिंह जी राजपूत हैं. उनके पिता का नाम लक्ष्मण सिंह शेखावत और माता का नाम हिम्मत कंवर है. उनका एक भाई है जिसका नाम करण सिंह शेखावत है और भाभी का नाम मीना कंवर है. प्रताप जी राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के भतीजे हैं.
प्रताप जी की पत्नी का नाम नीरज कँवर (pratap singh khachariyawas wife) हैं. और इनके दो बेटे (Pratap Singh Khachariyawas Son) हैं, जिनके नाम आदित्य वर्धन सिंह खाचरियावास और कृष्ण वर्धन सिंह खाचरियावास है.
वर्तमान में प्रताप सिंह खाचरियावास साहब की उम्र 53 वर्ष (Pratap Singh Khachariyawas Age) है.
प्रताप सिंह खाचरियावास की शिक्षा (Pratap Singh Khachariyawas Education)
खाचरियावास साहब ने अपनी स्कूली शिक्षा आदर्श विद्या मंदिर, किशनगढ़ रेनवाल व टैगोर विद्या भवन, जयपुर से पूरी की. इसके बाद उन्होंने आगे की पढाई जयपुर के माहेश्वरी स्कूल से की. स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने राजस्थान कॉलेज में दाखिला लिया जहाँ से उन्होंने राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री प्राप्त की. बाद में उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढाई पूरी की.
प्रताप सिंह खाचरियावास का राजनीतिक करियर (Pratap Singh Khachariyawas Political Career)
प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत बीजेपी से की थी. खाचरियावास साहब बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. मगर साल 2004 में पार्टी पर अपनी अवहेलना का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी. उसके बाद खाचरियावास साहब ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और तब से अब तक कांग्रेस में ही बने हुए हैं.
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कांग्रेस ने उन्हें साल 2008 में सिविल लाइंस, जयपुर से विधानसभा का उम्मीदवार बनाया था. उनके लिए अच्छी बात यह रही कि उन्हें अपने पहले ही चुनाव में जीत दर्ज मिली.
खाचरियावास साहब साल 2008 से 2013 तक सिविल लाइंस जयपुर से विधायक के पद पर बने रहें. लेकिन साल 2013 में मोदी लहर में उन्हें हार का मुँह देखना पड़ा.
उसके बाद साल 2018 में हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की एक बार फिर से वापसी हुई. इसके साथ ही खाचरियावास साहब को भी अपने राजनीति करियर में दूसरी बार विधायक बनने का अवसर मिल गया. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आने पर खाचरियावास साहब को कैबिनेट में स्थान मिला और उन्हें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बनाया गया. लेकिन इससे पहले खाचरियावास साहब साल 2015 में राजस्थान प्रदेश कमिटी के प्रवक्ता और जयपुर कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
वर्तमान में, खाचरियावास साहब राजस्थान की गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर आसीन हैं और राज्य कांग्रेस में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. अब चूँकि राज्य में कांग्रेस में कई बार फूट दिख चुके हैं. ऐसे में पार्टी सभी वरिष्ठ नेताओ के आवभगत पर विशेष ध्यान दे रही हैं. क्योकि इसी वर्ष राज्य में चुनाव होने हैं और कांग्रेस अभी सत्ता का भोग कर रही हैं. अब जब कांग्रेस अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रही हैं तो ऐसे समय वह नहीं चाहती हैं कि उसे मिली हुआ सत्ता को गवाना पड़ जाएँ. क्योकि राज्य में बीजेपी की स्थिति भी मजबूत हैं जबकि सत्ता में होने के कारण कांग्रेस को चुनाव में सत्ता विरोधी लहर का भी सामना करना पड़ सकता हैं.
प्रताप सिंह खाचरियावास के संभाले गए पद (Pratap Singh Khachariyawas Political Positions Held)
वर्ष | पद |
2008 – 2013 | विधायक, सिविल लाइंस, जयपुर |
2015 | राजस्थान प्रदेश कमिटी के प्रवक्ता और जयपुर कांग्रेस के अध्यक्ष |
2018 – वर्तमान | विधायक, सिविल लाइंस, जयपुर |
2020 | कैबिनेट मंत्री (परिवहन एवं सैनिक कल्याण विभाग), राजस्थान सरकार |
2022 | कैबिनेट मंत्री (खाद्य और नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता मामले), राजस्थान सरकार |
प्रताप सिंह खाचरियावास के विवाद (Pratap Singh Khachariyawas Controversy)
शराब पीना और बेचना दोनों ही कार्य समाज में अच्छा नहीं माना जाता है. बिहार, गुजरात जैसे राज्यों में तो इस पर कानूनन रोक है. ये कृत गैरकानूनी माने जाते हैं. मगर फिर भी कई राज्यों में शराब की बिक्री अब भी राजस्व का मुख्य जरिया है. लेकिन वहां भी उस कार्य को अच्छा नहीं माना जाता है. क्योकि नशा सभी प्रकार की बुराई की जड़ माना जाता है. मगर क्या आपने सरकार में बैठा किसी व्यक्ति, किसी मंत्री को किसी विभाग की आय बढ़ाने के लिए लोगो को बीयर बेचने, बीयर की दुकाने खोलने के लिए खुलेआम कहते सुनी है?
दरअसल, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के एक कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने राजस्थान पर्यटन विकास निगम की आय बढ़ाने के लिए अजीब तरीका बताया, ऐसा तरीका जो किसी भी सभ्य समाज को पसंद नहीं आएगा. उन्होंने कहा, “बीयर बेचो, फिर देखो कमाल, बीयर की बिक्री से इतना धन आएगा कि गिनती नहीं कर पाओगे.”
खाचरियावास साहब ने पर्यटन मंत्री और आरटीडीसी चेयरमेन से आगे कहा कि पहले तो आरटीडीसी ही बीयर बेचा करती थी. अब भी अगर आप बीयर (आरटीडीसी) बेचेंगे तो आपका काम यूँ ही चल जाएगा. इतना पैसा आएगा कि गिनती नहीं हो पाएगी. अगर ऐसा हो जाएं कि बीयर सिर्फ आरटीडीसी ही बेचेगी और सभी होटलो के बाहर बीयर की दुकाने आ जाये तो इस पर विचार कर लो. शादी-ब्याह के लिए बीयर देना शुरू कर दो.
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बता दें, राजस्थान देश का ऐसा राज्य हैं जहाँ पर्यटन उद्योग अधिक फल फूल रहा हैं. इसलिए सरकार की ओर से राज्य के लगभग सभी जिलों में आरटीडीसी के होटल खोले गए हैं. परन्तु ये होटल लम्बे समय से घाटे में चल रहे हैं. राजस्थान पर्यटन विकास निगम के कई होटलो की स्थिति बहुत ही खराब हैं. जबकि आरटीडीसी राजस्थान की संस्कृति की प्रचार – प्रसार के लिए समय समय पर आयोजन करवाती रहती हैं. इस पर खर्च भी खूब होता हैं. मगर फिर भी परिणाम आशा के अनुरूप नहीं निकलते हैं.
लेकिन प्रश्न है, आरटीडीसी (Rajasthan Tourism Development Corporation) की कमाई के लिए क्या दूसरे साधन उपलब्ध नहीं है? क्या लोगो को नशे की ओर धकेलना उचित है? वीडिओ वायरल होने के बाद खाचरियावास साहब चर्चा में आ गए है. क्योकि इससे समाज में गलत सन्देश जाता है.
प्रताप सिंह खाचरियावास की संपत्ति (Pratap Singh Khachariyawas Net Worth)
प्रताप सिंह खाचरियावास की संपत्ति की बात करे तो साल 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में दायर हलफनामे के अनुसार प्रताप जी की संपत्ति 5 करोड़ 8 लाख 4 हजार 546 रुपये है. इनके पास 100 ग्राम सोना जबकि नकद 95 हज़ार रूपये है. इनके पास एलआईसी, मेटलाइफ़ और एचडीएफसी स्टैण्डर्ड लाइफ इंश्योरेंस में जीवन बीमा है. इसके अलावा 48 लाख की कृषि भूमि और 15 लाख की गैर कृषि भूमि है. क्वींस रोड जयपुर में कमर्शियल बिल्डिंग्स है जिसकी कीमत 60 लाख रूपये है. वैशाली नगर में 75 लाख और इंदिरा गांधी नगर, जयपुर में 85 लाख का एक घर है.
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