Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश के बहुचर्चित गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले में बीते रविवार सीबीआई ने राजस्थान पुलिस को क्लीन चिट देते हुए एफआर लगा दी. लगभग 2 साल 6 महीने लंबी चली जांच में सीबीआई ने राजस्थान पुलिस के एनकाउंटर को सही ठहराया. वहीं सीबीआई ने आनंदपाल की पुत्री चरणजीत सिंह कंवर उर्फ चीनू व आनंदपाल के वकील सहित 22 राजपूत नेताओं को दंगे भड़काने का आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट पेश की. इस मामले को लेकर राजपूत समाज के नेताओं द्वारा बीजेपी नेताओं पर जांच में फेरबदल के आरोप लगाने के बाद शुक्रवार को राजस्थान सरकार में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने केंद्र व राज्य के बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाए. इसके साथ ही सीबीआई जांच पर भी सवाल उठाए.
परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर मामले और इसकी सीबीआई जांच को लेकर कहा कि आनंदपाल सिंह एनकाउंटर फ़र्ज़ी था. इसलिए ही सीबीआई की जांच मांगी गई थी, लेकिन तत्कालीन भाजपा सरकार व केंद्र सरकार के इशारे पर सीबीआई ने तो राजपूत समाज के सभी नेताओं को ही दोषी करार दे दिया. राजपूत समाज के नेता एक मां और एक बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे थे, उन्हीं पर केस दर्ज कर दिया गया.
मंत्री प्रताप सिंह ने आगे कहा कि मुझे इस बात का दुःख भी है और आश्चर्य भी कि जांच आनंदपाल एनकाउंटर की मांगी थी लेकिन सीबीआई ने जांच उन लोगों की कर दी जो आनंदपाल के परिवार को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ रहे थे. यह जांच बहुत ही ग़लत व दुर्भाग्यपूर्ण है. इस तरह की अन्याय की कार्रवाई जब-जब होगी उसको बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा. केंद्र सरकार व राजस्थान के भाजपा नेता ज़वाब दें की आख़िर यह जांच किसके दबाव में, किसके कहने से और किसने षड्यंत्र करके सामाजिक नेताओ को फंसाया है सच्चाई सामने आनी चाहिए.
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गौरतलब है कि आनंदपाल सिंह चूरू जिले के मालासर गांव में 24 जून, 2017 को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था. राजस्थान पुलिस द्वारा किए गए इस एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए आनंदपाल के परिजनों और कुछ संगठनों ने सीबीआई जांच की मांग की थी. गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का राजस्थान पुलिस द्वारा किए गए एनकाउंटर के विरोध में राजपूत समाज द्वारा आनंदपाल के पैतृक गांव सांवराद में 19 दिन तक आनंदपाल के शव को रख कर विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया गया था. इस दौरान पुलिस से अभद्रता और दंगा भडकाने का मामला भी सामने आया था.
इस मामले में सीबीआई की जांच में आनंदपाल सिंह की पुत्री व वकील के अलावा राजपूत समाज के 22 नेताओं को दंगे भड़काने, तत्कालीन नागौर एसपी व महिला आइपीएस पर जानलेवा हमला करने, पुलिस वाहनों को जलाने का दोषी माना गया है. सीबीआई नई दिल्ली की स्पेशल क्राइम ब्रांच 2 के उप महानिरीक्षक जगरूपगुरु सिन्हा के निर्देशन में उपाधीक्षक मुकेश शर्मा ने 24 आरोपियों के खिलाफ जोधपुर की सीबीआई मामलात की अदालत में बीते रविवार चार्जशीट पेश की थी.