पुलिस की मौजूदगी में भीड़ द्वारा की गई संतों की हत्या के बाद मचा सियासी बवाल, ठाकरे सरकार पर उठे सवाल

पालघर इलाके की है घटना, दो साधू सहित तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या, अफवाह से जुड़ा माना जा रहा मामला, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद चेता प्रशासन, बीजेपी ने की सरकार की घेराबंदी तो सीएम ने कहा 'न दें धार्मिक रंग'

पॉलिटॉक्स न्यूज. महाराष्ट्र के पालघर में दो संतों सहित तीन लोगों की हत्या ने अब सियासी रंग लेना शुरु कर दिया है. सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी ने प्रदेश सरकार को घेरना शुरू कर दिया है, साथ ही मामले की जांच की मांग की है. बीजेपी ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के राज में साधु-संत सुरक्षित नहीं हैं. वहीं सरकार ने विपक्ष से घटना को धार्मिक रंग न देने की अपील की. दरअसल पंच दशनाम जूना अखाड़ा के दो संतों की गुरुवार रात कुछ असामाजिक तत्वों ने पीट पीट कर हत्या कर दी थी. वायरल वीडियो में कुछ पुलिसकर्मियों की उपस्थति मामले को पेचिदा और सोचनीय बना रही है.

दरअसल क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से रात में फसल काटने और बच्चा चुराने वाला गिरोह सक्रिय होने की अफवाह फैली हुई है. अफवाह ये भी थी कि अपहरण कर लोगों की किडनी निकाली जा रही है. इससे बचने के लिए ग्रामीणों ने निगरानी दल बनाया था. गुरुवार रात पंच दशनाम जूना अखाड़ा के ब्रह्मलीन संत की समाधि क्रिया के बाद सुशील गिरि महाराज (35), चिकने महाराज कल्पवृक्ष गिरी (70) अपने ड्राइवर के साथ सूरत जाने के लिए निकले. उनकी कार जब पालघर के एक गांव से होकर गुजरी तब रास्ते में जब सुशील गिरी महाराज वनविभाग के संतरी से बात कर रहे थे. इसी बीच निगरानी दल आ गया और इन्हें बच्चा चोर समझ तीनों की पिटाई शुरु कर दी. इस दौरान पुलिस भी उपस्थित भी वीडियो में दिखाई दे रही है, अत्यधिक पिटाई से तीनों की मौत हो गई.

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एक दिन बाद इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा जिसमें कुछ लोग दोनों संत सहित ड्राइवर को लाठी और डंडों से पीट रहे हैं. उसके बाद इस घटना ने सियासी रंग लेना शुरु कर दिया. बीजेपी ने सरकार को घेरते हुए घटना पर जांच की मांग करते हुए कहा कि उद्धव राज में संत भी सुरक्षित नहीं हैं. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कानून व्यवस्था के मामले में सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा, ‘पुलिस की उपस्थिति में संतों की हत्या की गई. संतों की पिटाई के दौरान भी पुलिस मूक दर्शक बनी रही जो चिंताजनक है’.

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘महाराष्ट्र के पालघर में 2 संत और उनके ड्राइवर को बड़े ही बेरहमी से लिंचिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया. ये घटना गुरुवार की है. आज तक सारे liberals पूरी तरह से ख़ामोश हैं. कोई लोकतंत्र या संविधान की दुहाई नहीं दे रहा. देंगे भी क्यों ..ये तो संतो की मृत्यु हुई है, कौन पूछता है संतो को??”

वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमरजीत ने कहा कि वायरल वीडियो में साफ है कि पुलिस गुंडों के सामने घुटने टेके खड़ी है. बीजेपी नेता ने जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की है. इसी कड़ी में श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वारानंद गिरी महाराज ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर घटना को सभ्य समाज पर कलंक बताया है. साथ ही इस मामले में श्री पंचदशानम जूना अखाड़े ने भी चिट्ठी लिखकर जांच की मांग की है.

मामले में पुलिस ने 101 लोगों को गिरफ्तार किया है और 30 अप्रैल तक हिरासत में लिया है. साथ ही 9 नाबालिग भिवंडी के बाल सुधार गृह में भेजे गए हैं. पुलिस ने हत्या, दंगा करने और सरकारी कर्मचारी पर हमला करने के केस दर्ज किए हैं. पूरे मामले पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने जानकारी देते हुए कहा कि मुंबई से सूरत जाने वाले 3 लोगों की पालघर में हुई हत्याकांड में 101 लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया है. इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं. इस घटना को विवादास्पद बनाकर समाज में दरार बनाने वालों पर भी पुलिस नजर रखेगी.

वहीं महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि धर्म विशेष को लेकर ये हत्याएं नहीं हुई हैं. साथ ही इस मामले को धार्मिक रंग नहीं देने की अपील की है.

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