एसीबी में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कांग्रेस ने तीनों निर्दलीय विधायकों की पार्टी से संबद्धता की समाप्त

विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में महुवा से ओमप्रकाश हुड़ला, अजमेर किशनगढ़ से सुरेश टांक तथा पाली मारवाड़ जंक्शन से खुशवीर सिंह विधायक के खिलाफ एसीबी ने दर्ज की प्राथमिकी, तीनों ने आरोपों से साफ किया इनकार

Photo 2020 07 11 19 30 47 6261731 835x547 M
Photo 2020 07 11 19 30 47 6261731 835x547 M

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में गहलोत सरकार को गिराने की साजिश को लेकर जहां शुक्रवार को एसओजी ने एफआईआर दर्ज की वहीं राज्यसभा चुनाव से पहले विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ प्राथमिकी जांच (पीई) दर्ज की है. शनिवार को एसीबी के डीजी डॉ.आलोक त्रिपाठी ने इसकी पुष्टि की है. जांच में सामने आया कि तीनों निर्दलीय विधायकों के पास माेटी धनराशि भी थी. ऐसा पहली बार हुआ है जब एसीबी ने इस तरह के मामलाें में प्राथमिकी दर्ज की है. डूंगरपुर व बांसवाड़ा के विधायकाें काे प्रलाेभन देने के मामले में जिन तीन निर्दलीय विधायकाें के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, इनमें महुवा से ओमप्रकाश हुड़ला, अजमेर किशनगढ़ से सुरेश टांक तथा पाली मारवाड़ जंक्शन से निर्दलीय विधायक खुशवीर सिंह शामिल है. कांग्रेस से तीनों विधायकों की पार्टी से संबद्धता खत्म कर दी है.

इन तीनों निर्दलीय विधायकों पर आरोप है कि इन्होंने राज्यसभा चुनाव से पहले बांसवाड़ा में कांग्रेस विधायकों से संपर्क किया था. इनके द्वारा कांग्रेस विधायकों को खरीद फरोख्त के लिए करोड़ों रुपए की रकम देने का प्रलोभन दिया था. अब एसीबी इन विधायकों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुला सकती है. इस पूरे मामले की जांच के लिए एसओजी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, मुख्य सचेतक महेश जोशी से बयान के लिए समय मांगा है. इस मामले में कई अन्य विधायकों से भी पूछताछ हो सकती है.

यह भी पढ़ें: हॉर्स ट्रेडिंग की बात करते करते बकरा ट्रेडिंग पर आ गए हैं गहलोत: सतीश पूनियां

बता दें, शुक्रवार को एसओजी द्वारा दो मोबाइल नंबरों पर भाजपा नेता भरत मालानी व अशोक सिंह के बीच हुई बातचीत के आधार पर दर्ज हुई एफआईआर में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इसके साथ ही भरत मालानी व अशोक सिंह को एसओजी ने गिरफ्तार भी कर लिया है. दर्ज एफआईआर में कुशलगढ विधायक रमिला खडिया व बागीदौरा से विधायक महेंद्र जीत सिंह मालवीय का खरीद फरोख्त में नाम सामने आया. इन दोनों विधायकों को विपक्ष की ओर से मोटी रकम का लालच देकर खरीद फरोख्त की कोशिश की गई थी. इस बीच पूरा मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास पहुंचा इसके बाद मुख्य सचेतक महेश जोशी द्वारा 11 जून को एक लिखित शिकायत एसओजी में दी गई.

एसीबी में की गई शिकायत को लेकर किशनगढ से निर्दलीय विधायक सुरेश टांक ने कहा कि मैं बांसवाड़ा गया था. वहीं पर रमीला खड़िया से मुलाकात हुई थी. मेरे साथ ओपी हुड़ला भी थे. एक विधायक का किसी और विधायक से मिलना गुनाह नहीं है. जांच वाली बात से मैं काफी क्षुब्ध हूं. निर्दलीय विधायक कैसे सरकार बना सकते हैं. मुझे बेवजह बदनाम करने की कोशिश हो रही है. वहीं महुआ से निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुडला ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार है. राज्यसभा चुनाव के समय से हम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ है और आगे भी रहेंगे.

यह भी पढ़ें: बकरा मंडी की तरह विधायकों की खरीद-फरोख्त करना चाहते हैं बीजेपी के बेशर्म नेता- सीएम गहलोत

गौरतलब है कि एसओजी ने शुक्रवार को दर्ज की गई एफआईआर में हवाला दिया था कि हथियारों की तस्करी से जुड़े मामले में दो मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लिया हुआ था. इन पर हुई बातचीत में सामने आया कि राज्यसभा चुनाव से पहले सरकार गिराने की साजिश रची गई थी. विधायकों को 20-25 करोड़ रुपए देने की जानकारी भी बातचीत भी सामने आई थी. इसके साथ ही सरकार को गिराने की साजिश में 1-2 हजार करोड रूपये कमाने की बातचीत का जिक्र हुआ था. इसको लेकर शुक्रवार को एसओजी ने इस मामले में केस दर्ज किया.

Leave a Reply